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Manish Kumar
राह के हर मंज़र का खूब नज़ारा लेता हूँ, ख़्याली-पुलावों का नहीं सहारा लेता हूँ। जब लोग पूछते हैं मेरी मंज़िल का पता, मैं रास्तों की तरफ़ इशारा कर देता हूँ।। अब रास्ता ही है ठोर-ठीकाना, मंज़िल को भी इस से ही पाना। #yqraah #yqhindi #yqmanjil #yqpata
Nilesh kushwaha
अच्छा आदमी को भी इस बात का अहंकार करता है की मैं सबसे अच्छा इंसान हूं, और इस बात से हमारे अहंकार को बड़ी तृप्ति मिलती है। कोई बहुत अच्छा है तो वो भी अहंकार के वजह से और कोई बहुत बुरा है तो वो भी अहंकार के वजह से।। कोई फर्क नहीं है, इस धरती पर अच्छा और बुरा इंसान के सोच में, दोनो के सिद्धांत एक है। ©Nilesh Kushwaha #BudhhaPurnima अच्छा आदमी को भी इस बात का अहंकार करता है की मैं सबसे अच्छा इंसान हूं,
#BudhhaPurnima अच्छा आदमी को भी इस बात का अहंकार करता है की मैं सबसे अच्छा इंसान हूं, #Thoughts
read moreNEERAJ SIINGH
5 फरवरी 2022 को वसन्त पंचमी हैं अब इस वसंत पंचमी में हम अपने धर्म को जिसमें बेटियाँ की पूजा माँ सरस्वती के रूप में ही कि जातीं हैं और उन्हें ये भी बताया जाता हैं शिक्षा का महत्व क्या हैं और हमारे शास्त्रों को भी पढ़ना चाहिए , उनके माता पिता भाई बहन और जो कोई भी हों वो उनको ये जरूर पढ़ने में समझाने में उनकी रुचि जगाने में और उस दिन जो हो सकें तो पेड़ पौधें लगाने में मदद करें जैसे नीम , पीपल , बरगद और मौसमी फलों को भी , और उनकी कुछ दिनों तक सेवा भी करें ताकि और एक बार अच्छे से लग जाये फिर ये बहुत अच्छा काम होगा आने वाली वसन्त पंचमी यानी आज से 3 दिन बाद , सफेद वस्रों में पूजा अर्चना भी करें 😊🙏— % & #neerajwrites वसंत पंचमी को अच्छे से मनाइए और बड़े और बच्चो को भी इसका महत्व बताइए
#neerajwrites वसंत पंचमी को अच्छे से मनाइए और बड़े और बच्चो को भी इसका महत्व बताइए
read moreshayar dilkash ~
Repressed desire
चलो बताओ - किस किसने बना लिए ये चांद सितारे?? जो हाथ में लटके हुए लगते थे बहुत प्यारे।। ©Repressed desire #old days Memorable अब तो इन हाथों को भी इस सौंधी मिट्टी से बदबू आने लगीं एक जमाना था कि खूब खेला करते थे खुद तो बनाने आए नहीं दादी की help
Krish Vj
क्या धन ही आधार जगत का? क्या धन बड़ा इंसानियत से? क्या सुख का अहसास धन से संभव? क्या धन से दुःखो की मुक्ति संभव? क्या दया, प्रेम बे मोल यहाँ? क्या धन से मृत्यु पर विजय संभव? धन से सिर्फ भूख की तृप्ति, मन कि तृप्ति प्रेम और संतोष से प्रेम से सूखी रोटी अमृत सी, प्रेम संतोष बिना रोटी जहर सम 📖 रचना विषय :- 'क्या धन ही आधार जगत का ?' 📖 06-10 पंक्तियों में अपनी उत्कृष्ट रचना करें ✍️ 📖 वर्तनी पर विशेष ध्यान दें। 📖 अपने मित्र रचनाकार
📖 रचना विषय :- 'क्या धन ही आधार जगत का ?' 📖 06-10 पंक्तियों में अपनी उत्कृष्ट रचना करें ✍️ 📖 वर्तनी पर विशेष ध्यान दें। 📖 अपने मित्र रचनाकार #yqbaba #YourQuoteAndMine #tmkosh #हिन्दी_काव्य_कोश
read moreShivani Goyal
सुखो का सार "सुख सागर" खुद ही अपने ग्रंथों का आनंद लीजिए और अपने बच्चों को भी इस अमूल्य धरोहर को दीजिए जिससे बच्चे जान पाए कि आखिर क्याय जान #पौराणिककथा #Novembercreator
read moreAnil Prasad Sinha 'Madhukar'
क्या धन ही आधार जगत का ? धन से होता उद्धार जगत का ? है बात सच धन के बगैर कुछ नहीं होता, ये भी सच है धन ही सब कुछ नहीं होता। धन से सुख खरीद सकते हैं चैन नहीं, धन से चश्मा खरीद सकते हैं नैन नहीं। धन से किताबें खरीद सकते हैं विद्या नहीं, धन से मकान बना सकते हैं परिवार नहीं। धन अल्प सुख देता है सच्चा प्यार नहीं, सत्य यही धन होता सुख का आधार नहीं। 📖 रचना विषय :- 'क्या धन ही आधार जगत का ?' 📖 06-10 पंक्तियों में अपनी उत्कृष्ट रचना करें ✍️ 📖 वर्तनी पर विशेष ध्यान दें। 📖 अपने मित्र रचनाकार
📖 रचना विषय :- 'क्या धन ही आधार जगत का ?' 📖 06-10 पंक्तियों में अपनी उत्कृष्ट रचना करें ✍️ 📖 वर्तनी पर विशेष ध्यान दें। 📖 अपने मित्र रचनाकार #yqbaba #YourQuoteAndMine #tmkosh #हिन्दी_काव्य_कोश
read moreDivyanshu Pathak
सच सीधे हज़म नहीं होता किसी को 😂😂😂😂 1993 में अमरीकी विचारक सैमुअल पी हटिंगटन ने लिखा कि शीत युद्ध के बाद दुनियां का दो ध्रुवों में बटवारा खत्म हो चुका है और आने वाला वक्त एक नए संघर्ष का प्रमाण देगा यानी सभ्यताओं के बीच वर्चस्व का संघर्ष ! तो उस वक़्त पूरी दुनियां के वैचारिक वृत्त में बहस छिड़गई ! एडवर्ड सईद व अमर्त्य सेन जैसे विचारकों को भी इस बात को पचाने में काफी मसक्कत करनी प
तो उस वक़्त पूरी दुनियां के वैचारिक वृत्त में बहस छिड़गई ! एडवर्ड सईद व अमर्त्य सेन जैसे विचारकों को भी इस बात को पचाने में काफी मसक्कत करनी प #shan
read moreSangeeta Patidar
क्या और ज़रिया नहीं जुगत का? है क्या धन ही आधार जगत का? इसके आगे सब धरा ही रह जाता, रिश्तों से ज़्यादा खरा कहा जाता, क्या इलाज भी नहीं ऐसी लत का, है क्या धन ही आधार जगत का? 📖 रचना विषय :- 'क्या धन ही आधार जगत का ?' 📖 06-10 पंक्तियों में अपनी उत्कृष्ट रचना करें ✍️ 📖 वर्तनी पर विशेष ध्यान दें। 📖 अपने मित्र रचनाकार
📖 रचना विषय :- 'क्या धन ही आधार जगत का ?' 📖 06-10 पंक्तियों में अपनी उत्कृष्ट रचना करें ✍️ 📖 वर्तनी पर विशेष ध्यान दें। 📖 अपने मित्र रचनाकार #yqbaba #YourQuoteAndMine #sangeetapatidar #tmkosh #हिन्दी_काव्य_कोश #ehsaasdilsedilkibaat
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