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HINDI SAHITYA SAGAR
न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मिणी। साथ कृष्ण रहे ज़िंदगी भर मेरी, नाम उनका हुआ रह गयी मैं पड़ी। ©HINDI SAHITYA SAGAR #कृष्ण #मीरा #राधा #रुक्मिणी न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मिणी। साथ कृष्ण रहे ज़िंदगी भर मेरी, नाम उनका हुआ रह
HINDI SAHITYA SAGAR
न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मिणी। साथ कृष्ण रहे ज़िंदगी भर मेरी, नाम उनका हुआ रह गयी मैं पड़ी। ©HINDI SAHITYA SAGAR #meera #radha #RadhaKrishna #rukmini #Krishna न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मिणी। साथ कृष्ण रहे ज़िंदगी भर मेर
CHIRAG4MUSIC
HINDI SAHITYA SAGAR
न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मिणी। साथ कृष्ण रहे ज़िंदगी भर मेरी, नाम उनका हुआ रह गयी मैं पड़ी। आज देखो बने है सदन ही सदन, साथ राधा ही कृष्ण के संग में खड़ी। दोष मेरा था क्या ये बता दो सभी। क्यों द्वारिका में अकेले पड़ी रह गयी? -शैलेन्द्र ©HINDI SAHITYA SAGAR #janmashtami न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मिणी। साथ कृष्ण रहे ज़िंदगी भर मेरी, नाम उनका हुआ रह गयी मैं पड़ी। आज
HINDI SAHITYA SAGAR
कविता : रुक्मिणी का विरह न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मणि। साथ उनका रहा बस घड़ी दो घड़ी। नाम उनका हुआ रह गयी मैं पड़ी। आज देखो बने है सदन ही सदन, साथ राधा ही कृष्ण के संग-संग खड़ी। दोष मेरा था क्या ये बता दो सभी? द्वारिका में अकेले क्यूँ पड़ी रह गयी? ©HINDI SAHITYA SAGAR #andhere कविता : रुक्मिणी का विरह न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मणि। साथ उनका रहा बस घड़ी दो घड़ी। नाम उनका हुआ
Utkarsh Pathak UTPAL
Ravi Sharma
प्रेम यूं तो प्रदर्शन का विषय नहीं है पर जब भी उसका दर्शन होता है तब दिल के हर हिस्से को छू कर पूरे मन को स्पंदित करता है। प्रेम शांति है अशांति नहीं फिर मन प्रेम में उद्विग्न क्यों रहता है। ये अशांति क्यों होती है ।। और ये अगर शाश्वत है तो बहुत लोगों में प्रेम समाप्त क्यों हो जाता है । क्या मीरा का प्रेम सच था , या राधा का या रुक्मिणी का या स्वयं माधव का ये कैसा प्रेम की सब के हो फिर भी सिर्फ हर एक के भी हो ये छलावा है या प्रेम , या ये मति भ्रम है मेरा जो अल्प ज्ञान है उस से जनित प्रश्न है।। ©Ravi Sharma #dhundh प्रेम यूं तो प्रदर्शन का विषय नहीं है पर जब भी उसका दर्शन होता है तब दिल के हर हिस्से को छू कर पूरे मन को स्पंदित करता है। प्रेम श