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Rajendrakumar Shelke
*आंबा* (बालगीत) --------------------- आंबा रे आंबा काय तुझा *तोरा,* पानांत खेळतो नटखट *वारा,* आंबट कैरीची करता *फोड,* पिकलेला आंबा भलताच *गोड* कैरीचे आम्ही केले *लोणचे,* अधूनमधून ते थोडे *चाखायचे.* आंब्याचा रस लई लई *भारी,* खाऊया आपण आमरस *पुरी.* -------------------- *✍️ राजेंद्रकुमार शेळके.* -- नारायणगाव, पुणे. ©Rajendrakumar Shelke आंबा बालगीत
Samadhan Navale
झाले चोहीकडे उजाड रानं, आला बघा उन्हाळा फळांचा राजा आंबा, साजरा करतोय सोहळा हवेत डोलून बघा कसा हो.. अंगी घेऊन 'भार' फळांचा हो, उन्हातही हा हिरवा गार देतो फळांना तरीही आधार, द्यावे इतरांना सुख,स्वत:मात्र झेलावे दु:ख हेच शिकवत हा आम्रवृक्ष,उभा कसा डौलाने आम्रफळाची गोडी बघता.. न होय अमृताशीही समता, नाही काही स्वत:साठी,झिजतो आम्र दुसऱ्यांसाठी जिवनाच्या या रेशीमगाठी, तुमच्यासाठी, आमच्यासाठी, विशालदेही हे आम्रवृक्षा... मागणी तुला हीच एक रे ! उदार गुण हे तुझ्यासारखे.. येऊ दे अंगी माझ्या रे.. झुकला आंबा फळांच्या या ओझ्यांनी आवडीने याचा स्विकार केला रंक आणि राजांनी, तुला न कुणीही लहान-मोठे लहानथोरा तु प्रिय वाटे, तुझ्या सावलीत मिळो विसावे हिच विनंती तुझ्या छायेसाठी भेदभावा मनी स्थान नसावे ! ©Samadhan Navale #आंबा #Life
Moin Khan Silawat
फुरसत नही है मुझको "बाद ए सबा" अंजाम चाहिए मुझको फिर से मुस्कुराने की वजह चाहिए मिले कही तो ये बता देना जो रखे हो खत सम्भाल के अब तक हो सके तो फिर जला भी देना written by moinkhan खत खत
Sachin Jiotode
आंबा (कैरी) खण्याची इच्छा प्रत्येकाचीच असते, खाण्यात वेगळीच मजा 😋 ©Sachin Jiotode आंबा (कैरी) खाण्यात वेगळीच मजा #Gadchiroli #गडचिरोली
Radhey Ray
👉24/2/2024 पता है तुम्हे, तुमसे बिछड़ने के बाद जो मेरे दिल मे सबसे पहला ख्याल आया था वो था मै मर जाऊंगा , क्या ही करूँगा अब जी के l लेकिन जब तुमने भी यही कहा था जाओ मर जाओ मुझे कोई फर्क नही पड़ता l जब हम आखरी बार बात कर रहे थे l तब मेरे दिमाग मे ये खयाल आया क्यु मरूंगा, मै तुम्हारे लिए ..लेकिन मै गलत थाl मै अब भी जी नही पा रहा हु... तुम बिन जी तो रहा हु, मगर जायदा जी नही पाऊंगा राधे.... lll 🚫ADDICTED ©Radhey Ray एक खत... एक खत रोज
Anita Prajapati10
मेरे प्यारे दादा दादी आप की बहुत याद आती हे, दादा दादी की कहानियां जब में बच्ची थी सुना करती खूब हंसती थी वो कहानी पर जब दादा दादी अपनी कोई कहानी कहते तो लगता था की इतने बड़े लोगो को कोई तकलीफ ही नही होती होगी पर आज में दादी बन गई हूं तो बात समझ आई हे कि बड़े लोगो के संघर्ष, परिश्रम, ओर पसीना की वजह से तो हमारी जिंदगी संवरती थी।। यूंही उम्र नही बढ़ती हे, उम्र के साथ अनुभव भी बड़ा होता था।। जो आज हमे बहुत कुछ सिखाते गए हे।। ली..आप की पौती अनिता.. का दिल❤️ से प्रणाम🙏🙏 ©Anita Prajapati10 #खत #merepyaredadadadi #खत #merepyaredadadadi #deargrandparents
Kuldeep Shrivastava
💕💕नजर की स्याही से लिखेंगे तुम्हें हजार खत ...!! ❤️❤️❤️❤️ बस तुम दिल के लिफाफे पे अपनी चाहत का टिकिट जरूर चिपका देना. ©Kuldeep Shrivastava #खत
Kuldeep Shrivastava
फीका ये चांद दिखता है , जब तेरा खत पढ़ते हैं हर लफ्ज़ में नूर झलकता है , जब तेरा खत पढ़ते हैं ©Kuldeep Shrivastava #खत
पूर्वार्थ
"यहाँ सब कुशल है आशा करता हूं वहा भी सब कुशल होगा".. "बड़ों को प्रणाम, छोटो को आशीर्वाद"। इन्हीं शब्दों से शुरुआत होने वाले पत्रों में लोग उकेर देते थे अपने एहसास.. और उन एहसासों को व्यक्त करने के लिए भी मुहल्ले के पढ़ाकू लगाए जाते थे.. एक पत्र में महीनों की कहानियां, घर, गृहस्थी सब पर विस्तार से चर्चा होती थी। कभी तार आ जाये तो सब ऐसे व्यग्र हो जाते जैसे किसी सुनामी आने की आहट हो.. दौर बदला तो एहसासों को कहने, सुनने, समझने का तरीका भी बदल गया.. हाँ एक प्रमुख बात यह भी जो पत्र पढ़ लेता वो विद्यार्थी उस समय अपने पढ़ाई के लिए भी मुहल्ले में जाना जाता था.. तो क्या आप बता सकते हैं आखिरी बार आपने कब पत्र लिखा था?🤔 ©पूर्वार्थ #खत