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Sudeep Keshri✍️✍️
सौदा महानगरों में सड़कों पे ये हाल देखकर दिल से पुकार निकलता है। आने वाले समय में यह मंजर कितना बेहाल लगता है। अभी तो है इतने सवाल.. . आने वाले समय में जीना मुहाल लगता है। #महानगरों में #सड़कों पे ये #हाल देखकर #दिल से #पुकार निकलता है। आने वाले #समय में यह #मंजर कितना #बेहाल लगता है। अभी तो है इतने #सवाल...
भाग्य श्री बैरागी
"जल की व्यथा" कभी बोतलों में बिकता है, कभी सड़कों पर व्यर्थ ही बहता है। 'कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें' 24 जल बड़ा चंचल है, जल है तो आने वाला कल है, झरनों की झरझर भी,जल है। जल है तो नदियों की कलकल है।
Suyash
:::: RUN FOR UNITY :::: पूरे भारत के 565 से ज्यादा स्थानों पर ये Run for unity सरदार पटेल के 565 अलग-अलग राजसी रियासतों को एकत्रित करने की उपलब्धि को सम्मानित करने का एक अनोखा तरीका है । 31 अक्टूबर सरदार साहब की जन्म-जयंती है । बीते कुछ वर्षों से जन्म-जयंती के अवसर पर हिंदुस्तान के हर छोटे मोटे कस्बों में , गांवो में एकता के लिए दौड़ का आयोजन होता है । हर वर्ष की भांति इस बार भी हम प्रयत्न-पूर्वक अपने गांव में , कस्बों में , महानगरों में , विद्यालयो में RUN FOR UNITY का व्यवस्थित कर एकता के लिए दौड़ यही सरदार साहब को स्मरण करने का सबसे उत्तम मार्ग है। RUN FOR UNITY के जरिये समाज के हर वर्ग को और देश के हर इकाई को एक सूत्र में बांधने के प्रयासों को हम बल दें यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी । 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 :::: RUN FOR UNITY :::: -------------------------------------------------------------------- पूरे भारत के 565 से ज्यादा स्थानों पर ये
Arunima Thakur
अन्नदाता की पुकार (Read in caption) जी हाँ मैं हूँ, किसान आपका अन्नदाता I जो खुद के बीबी बच्चों के लिए दो जून की रोटी भी नहीं जुटा पाता जो खुद अन्न की कमी से हर रोज फॉसी लगात
Shri Narayan Shukla
प्रकृति के समक्ष मानव लाचार हो जाता । मानव विकासशील के पथ पर अग्रसर होने के लिए । प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहा है देशों की जनसंख्या वृद्धि
Shri Narayan Shukla
प्रकृति के समक्ष मानव लाचार हो जाता । मानव विकासशील के पथ पर अग्रसर होने के लिए । प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहा है देशों की जनसंख्या वृद्धि
यशवंत कुमार
दोनों हाथों में बेकारी है !! घूम-घूम, सब देख-देख नज़रों ने खाया धोखा! खून के प्यासे दो जनों में रिश्ता भाई का चोखा !! जिंदगी की भीख मांगता बेटे से पिटता बाप! मंदिर - मंदिर माथा टेका मिल गया अभिशाप !! माँ ने जब समझाया लाडली चिल्ला कर बोली ! इतना रोका-टोका मत कर खा लूंगी नींद की गोली!! Read in Caption... हाथों में बेकारी है !! घूम-घूम, सब देख-देख नज़रों ने खाया धोखा! खून के प्यासे दो जनों में रिश्ता भाई का चोखा !! जिंदगी
यशवंत कुमार
दोनों हाथों में बेकारी है! Read in caption... #desh #duniya #corruption #riste #sarkar #terrorism #change #unemployment हाथों में बेकारी है !! घूम-घूम, सब देख-देख नज़रों ने
यशवंत कुमार
हाथों में बेकारी है !! घूम-घूम, सब देख-देख नज़रों ने खाया धोखा! खून के प्यासे दो जनों में रिश्ता भाई का चोखा !! जिंदगी की भीख मांगता बेटे से पिटता बाप! मंदिर - मंदिर माथा टेका मिल गया अभिशाप !! Continue.... Read Full poem in Caption. हाथों में बेकारी है !! घूम-घूम, सब देख-देख नज़रों ने खाया धोखा! खून के प्यासे दो जनों में रिश्ता भाई का चोखा !! जिंदगी