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मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
मेरे साथ ही दफ़न हो जायेंगे सारे, मेरे अल्फाज़ दगाबाज नहीं होंगे..। ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS मेरे साथ ही दफ़न हो जायेंगे सारे, मेरे अल्फाज़ दगाबाज नहीं होंगे..।
Santosh Narwar Aligarh
यूं तो न रहा ठिकाना तेरी यादों का न रहा अफ़सोस तेरी मुलाकातों का जलाकर घर मेरा, बसा लिया आशियाना अपना कसम मुझसे लेकर, जिक्र किया न अपने वादों का। मेरे साथ जो किया न दोहराना दुबारा वो माफ नहीं करेगी, थौबड़ा बिगाड़ देगी तुम्हारा खुश रहना है तो बुरा मत मानना उसकी बातों का रूठना मत उससे ,उसको मनाना नही आता, बेकार में स्वाद चखलो उसकी लातों का कर तो मैं भी सकती थी ये सब सम्मान रखा मैंने अपने किए हुऐ वादों का शुक्रगुजार हूं ऊपर वाले की और खुश हूं यहीं दफ़न हों गया मेरे जज्बातों का ©Santosh Narwar Aligarh #nojoto#shayari#यहीं#दफ़न#हो#गया#मेरे#जज्बातों#का Anshu writer Neel Paakhi Sharma Mohan raj 0 MohiTRocK F 44 vineetapanchal Sethi Ji Sheel
Bharat Bhushan pathak
शब्द-शब्द हाव-भाव जब बोलती प्रतीत हो। है दफ़न राज़ जब जो खोलती प्रतीत हो। प्रीत-रीत गीत-जीत जब बखानता अतीत हो। अचेतना में चेतना का वास जब अगर कहीं। समझ लो तभी यही काव्य है वही-वही। ©Bharat Bhushan pathak #achievement शब्द-शब्द हाव-भाव जब बोलती प्रतीत हो। है दफ़न राज़ जब जो खोलती प्रतीत हो। प्रीत-रीत गीत-जीत जब बखानता अतीत हो। अचेतना में चेत
अदनासा-
मुझे कुछ पता ना चलेगा उन्हें लगता है पर कोई शिकवा शिकायत मैंने ना किया बातें हैं निकलती हैं तो दूर तक जाती है मैंने उन बातों को सीने में दफ़न कर लिया रिश्ते मैं अब भी ईमान से निभाती रही हूं पर नही कहा कि तुमने ये क्या कर दिया ©अदनासा- #हिंदी #वोबातें #सीने #दफ़न #lalishq #ईमान #रिश्ते #Instagram #Facebook #अदनासा
Bhupendra Rawat
समस्या ये नही कि, मुद्दा क्या उछाला जाए मुद्दा ये है कि ख़ुद को कैसे संभाला जाए अंतर्मन मे दफ़न है जो राज़ वर्षों से उनको बाहर कैसे निकाला जाए ©Bhupendra Rawat #outofsight समस्या ये नही कि, मुद्दा क्या उछाला जाए मुद्दा ये है कि ख़ुद को कैसे संभाला जाए अंतर्मन मे दफ़न है जो राज़ वर्षों से उनको बाहर
Sarfaraj idrishi
मेरी मैय्यत पर आना तो ज़रा वक़्त पर आइयेगा दफ़नाने वाले मेरी तरह इंतज़ार नहीं करेंगे ©Sarfaraj idrishi मेरी मैय्यत पर आना तो ज़रा वक़्त पर आइयेगा दफ़नाने वाले मेरी तरह इंतज़ार नहीं करेंगेCreative Sarita Satish Sharma Monu Kumar Rakesh Srivasta
Anil Ray
बहुत कुछ खो कर ज़माने की ठोकरें खा कर दूसरों को समझते समझाने में खुद का अस्तित्व गंवाकर अब शायद खुद से खुद ही गुमशुदा हूँ मैं.. कुछ सांसों को तेरे नाम किया है मैंने जिंदगी अब कुछ जीवन उधार दो मुझे बेवजह ही मरता रहा मैं दूसरों के लिए अब खुद के लिए भी जीना चाहता हूँ मैं.. नफ़रत का ज़हर पीकर प्यासा मैं प्रेम का गुमनामी के अंधेरे में यूं व्यतीत रहा सफ़र प्रेमी मैं खुद का भी गुमशुदा कैसे मर जाऊं मैं.. ©Anil Ray 💞💞💞💞लव यू जिंदगी 💞💞💞💞 ज़ख्म रूह तक देकर बहुत सताया उम्रभर जिंदगी मिथ्या भ्रम में अनिल अब न भरमाये.. नफ़रत की आंधियों में तो रूह तक भटकती द
aizmalik0
अधूरी मेरी कहानी, झूठी रिवायतें तेरी... लो दफन हुई मेरे साथ, सभी शिकायतें तेरी... ©Aiz malik0 दफ़न
AJAY NAYAK
मेरे भी कई ख्वाब थे कुछ पूरे हुए थे, तो कुछ जन्म लेते हो गए थे दफ़न! आज भी उन्ही ख्वाबों में जी रहे हैं जिन ख्वाबों को देखा था कल! अब तो टूट गई है सभी आस, जिनमे देखा था अपना सुन्दर भविष्य! अब बस एक ही ख्वाब है, दो वक्त की रोटी के साथ साथ, मिल जाये............................ सफेद चादर और दो गज जमीन! –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #children मेरे भी कई ख्वाब थे कुछ पूरे हुए थे, तो कुछ जन्म लेते हो गए थे दफ़न! आज भी उन्ही ख्वाबों में जी रहे हैं जिन ख्वाबों को देखा था
अक्shu
❣️"तुमसे एक मुलाक़ात के इंतज़ार में, कुछ लम्हें ज़िंदगी के बचा कर रखे हैं मैंने कुछ अल्फ़ाज़ जो अनकहे हैं, अभी लबों से सी कर रखे हैं मैंने कुछ हसीं ख़्वाब जो अधूरे हैं, अभी सजा कर रखे हैं मैंने कुछ सवाल जो अनकहे हैं, अभी सीने में दबा कर रखे हैं मैंने कुछ ख़्वाहिशें जो मुक़म्मल होंगी शायद, अभी धड़कनों से बांध कर रखीं हैं मैंने कुछ शिकायतें जो तुमसे हैं मेरी, अभी ज़ुबां पर रोक कर रखीं हैं मैंने कुछ एहसास जो अनछुए हैं, अभी संजो कर रखे हैं मैंने कुछ जज़्बात जो ज़हन में दफ़न हैं, अभी आँखों में छिपा कर रखे हैं मैंने तुमसे एक मुलाक़ात के इंतज़ार में, कुछ लम्हें ज़िंदगी के बचा कर रखे हैं मैंने"❣️ ©अक्shu ❣️"तुमसे एक मुलाक़ात के इंतज़ार में, कुछ लम्हें ज़िंदगी के बचा कर रखे हैं मैंने कुछ अल्फ़ाज़ जो अनकहे हैं, अभी लबों से सी कर रखे हैं मैंने