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श्यामजी शयमजी
White कुत्ते का पिल्ला बैठा नीम की शाम में आज बारिश होगी आपकी भी गांव में ©श्यामजी शयमजी #cg_forest कविता कविता
#cg_forest कविता कविता
read moreगोरक्ष अशोक उंबरकर
जरी सगळे तुला सोडून गेले मी कायम सोबत असेल.. असतील जेव्हा स्मशानात सारे तेव्हा मी या जगात नसेल.. हातात हाथ घेऊनी रस्ता एका वळणावरती संपेल.. सोबतीच्या प्रवासाला आनंद नक्की जिंकेल .. तुझ्या माझ्या नात्याला मी नाव काय देऊ.. नावाविना निभवण्याची शपथ आपण घेऊ.. नावाविना निभवण्याची शपथ आपण घेऊ.. प्रितम.. ©गोरक्ष अशोक उंबरकर मैत्री
मैत्री #मराठीकविता
read moreArora PR
White कैसी काशी कैसी मथुरा कैसा वृंदावन जगत के ईश्वर क़ो तो कंण कंण में व्याप्त होकर पड़ता हैं बूँदबून्द कर पूरा बादल बन कर बरसता हैं खून पसीने की बूंदो से.तो जीवन सर्जित करना पड़ता हैं ©Arora PR कैसी कशी कैसी मथुरा.....i
कैसी कशी कैसी मथुरा.....i #कविता
read moreBharat Bhushan pathak
White वैरी जग क्यों आज दिखता। मैत्री जग से लोपित दिखता।। ©Bharat Bhushan pathak #Hope वैरी जग क्यों आज दिखता। मैत्री जग से लोपित दिखता।।
Santosh Jangam
#CheerfulMusic कविता "यावी पुन्हा अशी घडी" ही कविता आयुष्याच्या प्रवासात साथी, मैत्री, जिद्द आणि श्रद्धा यांचं महत्व अधोरेखित करते. त्यातूनच #मराठीकविता
read moreShiv gopal awasthi
ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए, भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए। पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई, लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए। बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी, सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए। उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं, दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए। थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने। चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए। कवि-शिव गोपाल अवस्थी ©Shiv gopal awasthi कविता
कविता #शायरी
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