Find the Latest Status about निराशा संधि भेद from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, निराशा संधि भेद.
writervinayazad
✍️नया दौर✍️ हर नये साल की आफत यही है जिंदगी मौत से बदतर हुई है हर तरफ चांदनी है पर धुआं है हर खिलौने की लत बिगड़ी हुई है अब दुआओं का कोई दौर नहीं बुढ़े बच्चे का कोई भेद नहीं हर तरफ बिजलियों का मौसम है जिसे देखो तलब उखड़ी हुई है लाज लज्जा का शर्म का गहना फूंक डाला वो मान का पहना जिस्म पर जिस्म की परछाईयां हैं रूह उलझन में है भटकी हुई है ये नये दौर की बातें हैं “विनय" तेरी आंखें कहां अटकी हुई हैं ©writervinayazad ✍️नया दौर✍️ हर नये साल की आफत यही है जिंदगी मौत से बदतर हुई है हर तरफ चांदनी है पर धुआं है हर खिलौने की लत बिगड़ी हुई है अब दुआओं का कोई दौर
Ashraf Fani【असर】
बचपन के क्या खेल थे प्यारे छुपन-छुपाई ,लट्टू, गोली याद कहीं अब भी बाक़ी है ज़िन्दगी थी वो कितनी भोली पतंग कटी तो दौड़ के भागे लूट लिये तो खुशी से नाचे नकली शादी नकली डोली ज़िन्दगी थी वो कितनी भोली हम बच्चों ने भेद न जाना सारे जहाँ को अपना माना मस्ती अपनी ईद और होली ज़िन्दगी थी वो कितनी भोली ©Ashraf Fani【असर】 बचपन के क्या खेल थे प्यारे छुपन-छुपाई ,लट्टू, गोली याद कहीं अब भी बाक़ी है ज़िन्दगी थी वो कितनी भोली पतंग कटी तो दौड़ के भागे लूट लिये तो खुशी
Rajesh Raana
Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).
गलतियाँ, विफलता, अपमान, निराशा और अस्वीकृति ये सभी उन्नति और विकास के ही एक हिस्सा हैं। कोई भी व्यक्ति इन सभी पाँचों चीजों का सामना किये बिना जीवन में कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकता ! ©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ). गलतियाँ, विफलता, अपमान, निराशा और अस्वीकृति ये सभी उन्नति और विकास के ही एक हिस्सा हैं।
Anil
ये उन लोगों के लिए है जो अपने जीवन मे सफल न हो पाए। 😢😢 लाख कोशिशों के बाद भी कुछ बन न पाया। हजारो सपने थे मेरे, पर पूरा कर न पाया। अब बचा ही कौन है जो धोखा दे मुझे। ऐ जिंदगी, ख्वाब सच करने का एक और मौका दे मुझे। ©Anil कोशिश करते रहें। निराशा से भली आशा है👏👏🤝🤝
Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"
Sri batsa Meher
निराशा की गहना ********* श्रुति के खिड़की दिखती है इंसान के सुख और दुख को तन से गहना मचलती है सुंदर दिखती है बदन को श्रुति के गहने ठीक करता है मन और तन की निराशा सुकून मिलता है दिल को जब साथी देता है आशा श्रुति एक दबा है बचाता है इंसान को । इसके बवजूद मार भी सकता है । ©Sri batsa Meher निराशा की गहना
लेखक ओझा
तौल आए हो शबाब को फिर भी तराजू की दरकार है आख़िर क्या बात है? कुछ कम है या गम है ये कौन जानता है और जल्दी लोग किसको पहचानता है ? ©लेखक ओझा भेद न जाने जोगी... #poem #Morning #Quote #Quotes #Shayari #Poet #Love #Life #nojohindi #Nojoto