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Nilu Kumari
कितना दुख है इस जीवन में, सब कुछ तो अब देख लिया, नाराज हुआ था मैं दुनिया से, अब खुद से ही मैं रूठ गया! जीवन में दुख तो खूब हैं लेकिन इससे आगे निकलना है खुद से ही रूठ नहीं जाना है। ©Nilu Kumari #oddone कितना दुख है इस जीवन में, सब कुछ तो अब देख लिया, नाराज हुआ था मैं दुनिया से, अब खुद से ही मैं रूठ गया! जीवन में दुख तो खूब हैं लेकि
Bharat Bhushan pathak
साध्य है या साधक जीवन। संघर्षों की आराधक जीवन। सीख-सीखकर हमें सिखाए, बनाना जीवन सुन्दर उपवन। सुख-दुख की यह सीढ़ी चलकर, बढ़ना आगे समझाए जीवन। ©Bharat Bhushan pathak #साध्ययासाधकजीवन साध्य है या साधक जीवन। संघर्षों की आराधक जीवन। सीख-सीखकर हमें सिखाए, बनाना जीवन सुन्दर उपवन। सुख-दुख की यह सीढ़ी चलकर, बढ़न
Arun Mahra
सुख भी मुझे प्यार है दुख भी मुझे प्यार है छोडूं में किस प्रभु को दोनो से ही मुझे प्यार है आई लव यू मेरे प्रभु ©Arun Mahra दुख में घबराना नहीं सुख में घबराना नहीं हमेशा दिल थाम के रहना के खड़ा कोई हिला नही पाएगा
Arun Mahra
BeHappy ये हांथ से हम कुछ मांगते हैं किसी से पर नहीं मिलता जब ये हांथ से हम किसी का काम करते हैं तो दौलत और इज्जत दोनो मिलता है साथ में प्यार भी कर्मो के ऊपर फल मिलता है ©Arun Mahra अपने हाथ में सुख और अपने हाथ में दुख कर्म के ऊपर डिपेंड करता है
Praveen Jain "पल्लव"
Village Life पल्लव की डायरी अतीत हमारे सीमित आनन्द मन मे झाँका करता था ताना बाना समाजिक हुआ करता था डर और भय से परंपरा जीवित रहती सहयोग लेना देना भावना का भाव रहता था कम संसाधन भले रहते जुड़ाव और प्रेम बे जोड़ रहता था मगर वैश्विक बाजारवाद के अधीन होकर उजड़े गांव शहर आबादी के बोझ से कराहते है सब का राजनीतिक करण हो गया सियासतो के हाथों हमारे सुख चैन छिने जाते है डिप्रेशन में हम सब पगलाये जाते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #villagelife सियासतों के हाथों हमारे सुख दुख छिने जाते है #nojotohindi
Nilesh
तुम्हें तो ज़िन्दगी का हर दुःख बताया था मैंने तुम्हारा तो हक़ नहीं बनता था मुझे दुःख देने का ©Nilesh #दुख
pawan kumar suman
सुख-दुःख आते-जाते रहते हैं, हम व्यर्थ ढकोशला क्यों करते हैं। हैं नियत-नियति का प्रतिफल ये- न जाने जमाना ढोंग क्यों रचती है। ©pawan kumar suman # सुख -दुःख