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Srinivas
अपने काम को अपना धर्म समझ, और उसमें रम जाओ, दुनिया के शोर में न खोए, अपनी धुन में जीवन को चमकाओ। ©Srinivas #work #Job अपने काम को अपना धर्म समझ, और उसमें रम जाओ, दुनिया के शोर में न खोए, अपनी धुन में जीवन को चमकाओ।
Poet Kuldeep Singh Ruhela
खेल रहे हैं होली देखो मेरे कान्हा रंग तोहे में अपनी प्रीत का लगाऊंगी तेरे ही मनमोहन रंग में रम जाऊंगी अब के बरस तुमरे संग ही मेरे प्यारे रंग रशियां में होली मनाऊंगी ! ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #Holi खेल रहे हैं होली देखो मेरे कान्हा रंग तोहे में अपनी प्रीत का लगाऊंगी तेरे ही मनमोहन रंग में रम जाऊंगी अब के बरस तुमरे संग ही मेरे प्
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
आज राम दरबार में , आते दिखे जटायु । राम कृपा से ही हुई , सुन लो इतनी आयु ।।१ राम काज में लग्न अब , दिखता है संसार । राम-राम में रम गया , शिव का भी परिवार ।।२ जीवन में संघर्ष ही , आयेगा सुन काम । इसीलिए कहते सभी , करो नही आराम ।।३ देव लोक है देखता , आज अयोध्या धाम । जहाँ विराजेंगे पुनः , सुनो सिया वर राम ।।४ जग के माया मोह में , भूल गये श्री राम । छोड दिए वैकुण्ठ वह , जो तेरे ही नाम ।।५ वह तो पालन हार है , करे नहीं विश्राम । तू क्यों प्राणी भूलता , फिर अब उनका नाम ।।६ तन-मन सब अर्पण किया , जाते क्यों हो भूल । पग-पग मेरी राह में , विछा रहे हो शूल ।।७ ०४/१/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR आज राम दरबार में , आते दिखे जटायु । राम कृपा से ही हुई , सुन लो इतनी आयु ।।१ राम काज में लग्न अब , दिखता है संसार । राम-राम में रम गया ,
poonam atrey
कहानी ( विवाह ) बंधन सात जन्मों का सच्ची घटना पर आधारित कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें .... 👇👇👇👇 ©poonam atrey #विवाह #बन्धनजन्मोंका प्यार से सब उसे डॉली कहते थे पर थी सृष्टि की अद्भुत रचना बहुत प्यारी सी बिल्कुल डॉल जैसी ,जितनी चंचल और नटखट उतनी
Anil Ray
नज़र की नज़रों का नज़राना था नज़ारे बदल गये 'वों नज़र' कातिल निकली इन आँखों के इशारे बदल गये.. नज़र ही नज़र में हसीं आशियाना बन गया दिल मेरा पाक उस नज़र से मोहब्बत है जिंदगी में सहारे बदल गये.. ©Anil Ray 👁️👁️👁️✨वों नज़र - क्वालिटी✨👁️👁️👁️ एक रोज लड़की वाले आए और रिश्ते की बात करने लगे। "भाई साहब! फोटो तो बहुत अच्छी लगी। अगर लड़का भी देख लेते
Shipra Pandey ''Jagriti'
ऐसा तो कोई दिन नहीं जब सब थम जाए रात ऐसी आई है क्या जिसकी सुबह नहीं सब नये सिरे से शुरू हो सकता है मेरे दोस्त तेरे बाद कोई और हो मेरे जीवन का हिस्सा ना वो दौर आये ना हो कभी ऐसा कोई हादसा तुम थी तुम ही हो और रहोगी तुम ही हिस्सा हम रहे या कि ना रहे आकर तलाशी ले लेना रूह के दरो दीवार पर लिखा मिलेगा तेरा किस्सा। ©Shipra Pandey ''Jagriti' #FriendshipDay मेरी दोस्त...! कई राते आई और चली गई हजारो लोग मिले और रम गए ख़ुद में तुझसे बिछड़ने के बाद कोई दोस्त नहीं बनाया मैंने
Dt Sapna Nova
"अराध्य " तुम अराध्य और मैं आराधना बन जाऊ तुम राम और मैं सिया बन जाऊ, तुम कृष्ण और मैं राधा बन जाऊ, तुम शिव और मैं सती बन जाऊ, तुम प्रीत मैं प्रियतम बन जाऊ, तुम्हें छू कर मैं पावन बन जाऊ, तुम हो सरल स्वभाव के सदा से, तुझमें रम मैं भी चंचल बन जाऊ, तुम हो मुझे अत्यंत प्रिय, तुम भी मेरे पूरक बन जाओ, साथ निभाकर आजीवन, प्रेम की मिशाल बनाओ। ©Dt Sapna Nova "अराध्य " तुम अराध्य और मैं आराधना बन जाऊ, तुम राम और मैं सिया बन जाऊ, तुम कृष्ण और मैं राधा बन जाऊ, तुम शिव और मैं सती बन जाऊ, तुम प्र
Nisheeth pandey
संगीत -------------- जीवन एक संगीत है, जो चलता है- स्वरचित लय- ताल में, इसके स्वर होंगे , ये निर्भर होंगें, कर्म पर परिश्रम पर, सच्चाई के पगठण्डी पर, चलने वाले सोते अक्सर सकून की नींद, क्योंकि उनके जीवन से निकलने वाली मधुर लहरियाँ, देती हैं उन्हें सुकून, सुनिए महसूस कीजिए, परमात्मा के दिव्य संगीत को, अपनी हृदय में साँसों में, जिसके थमते ही, जीवन है अस्तित्वहीन, वो धड़कन संगीत नहीं तो और क्या है, कभी सुनने की कोशिश की है प्रकृति के संगीत, टप- टप करती बूँदों का, कल- कल करती नदियों का, झर- झर झरते झरने का, कुहू- कुहू करती कोयल का, गरजते बादलों का, रम्भाती गायों का, अदृष्य हवाओं का , वृक्ष के पत्तों का , चरमराती सूखे पत्तों का , फड़फड़ाहट पन्नों का , पटड़ी पे दौड़ती रेलगाड़ी के संगीत को क्या महसूस किया है, प्रन्नता ने ही नहीं , विरह में भी निकलता है संगीत, तभी तो मनभावन गीत सब भरे हैं दर्द से, जो सीधे हृदय में उतरते , प्रकृति की रोम रोम में, लय है, ताल है, संगीत है, बस अभेद सम्बंध बनाना होगा, प्रकृति के साथ, संगीत मानव ही नहीं ईश्वर तक प्रिय, तभी तो, भक्तों ने प्रार्थना की, संगीत के रस में घोल कर गुणगान, संगीत का प्रेम, जो समाई के प्रकृति के कण- कण में, जीवन के हर पहलू में, जीवन कुछ और नहीं, संगीत ही तो है, कभी सुन कर देखिए । संगीत में रम कर देखिये । #निशीथ ©Nisheeth pandey #worldmusicday जीवन एक संगीत है, जो चलता है- स्वरचित लय- ताल में, इसके स्वर होंगे , ये निर्भर होंगें, कर्म पर परिश्रम पर, सच्चाई के पगठण्डी
Pnkj Dixit
... ओ मेरे प्यार ©Pnkj Dixit 👰 ओ मेरे प्यारे 🌷 अल्हड़पन में अल्हडमत से एक दिन बोली प्यारी सजनी अगर खोल दूँ मैं जुल्फें अपनी तो क्या होगा ? अगर गाऊँ कोई गीत तराना , त
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *मियां-बीबी दोनों मिल खूब कमाते हैं* *तीस लाख का पैकेज दोनों ही पाते हैं* *सुबह आठ बजे नौकरियों* *पर जाते हैं* *रात ग्यारह तक ही वापिस आते हैं* *अपने परिवारिक रिश्तों से कतराते हैं* *अकेले रह कर वह कैरियर बनाते हैं* *कोई कुछ मांग न ले वो मुंह छुपाते हैं* *भीड़ में रहकर भी अकेले रह जाते हैं* *मोटे वेतन की नौकरी छोड़ नहीं पाते हैं* *अपने नन्हे मुन्ने को पाल नहीं पाते हैं* *फुल टाइम की मेड ऐजेंसी से लाते हैं* *उसी के जिम्मे वो बच्चा छोड़ जाते हैं* *परिवार को उनका बच्चा नहीं जानता है* *केवल आया'आंटी' को ही पहचानता है* *दादा-दादी, नाना-नानी कौन होते है ?* *अनजान है सबसे किसी को न मानता है* *आया ही नहलाती है आया ही खिलाती है* *टिफिन भी रोज़ रोज़ आया ही बनाती है* *यूनिफार्म पहना के स्कूल कैब में बिठाती है* *छुट्टी के बाद कैब से आया ही घर लाती है* *नींद जब आती है तो आया ही सुलाती है* *जैसी भी उसको आती है लोरी सुनाती है* *उसे सुलाने में अक्सर वो भी सो जाती है* *कभी जब मचलता है तो टीवी दिखाती है* *जो टीचर मैम बताती है वही वो मानता है* *देसी खाना छोड कर पीजा बर्गर खाता है* *वीक एन्ड पर मॉल में पिकनिक मनाता है* *संडे की छुट्टी मौम-डैड के संग बिताता है* *वक्त नहीं रुकता है तेजी से गुजर जाता है* *वह स्कूल से निकल के कालेज में आता है* *कान्वेन्ट में पढ़ने पर इंडिया कहाँ भाता है* *आगे पढाई करने वह विदेश चला जाता है* *वहाँ नये दोस्त बनते हैं उनमें रम जाता है* *मां-बाप के पैसों से ही खर्चा चलाता है* *धीरे-धीरे वहीं की संस्कृति में रंग जाता है* *मौम डैड से रिश्ता पैसों का रह जाता है* *कुछ दिन में उसे काम वहीं मिल जाता है* *जीवन साथी शीघ्र ढूंढ वहीं बस जाता है* *माँ बाप ने जो देखा ख्वाब वो टूट जाता है* *बेटे के दिमाग में भी कैरियर रह जाता है* *बुढ़ापे में माँ-बाप अब अकेले रह जाते हैं* *जिनकी अनदेखी की उनसे आँखें चुराते हैं* *क्यों इतना कमाया ये सोच के पछताते हैं* *घुट घुट कर जीते हैं खुद से भी शरमाते हैं* *हाथ पैर ढीले हो जाते, चलने में दुख पाते हैं* *दाढ़-दाँत गिर जाते, मोटे चश्मे लग जाते हैं* *कमर भी झुक जाती, कान नहीं सुन पाते हैं* *वृद्धाश्रम में दाखिल हो, जिंदा ही मर जाते हैं :* *सोचना की बच्चे अपने लिए पैदा कर रहे हो या विदेश की सेवा के लिए।* *बेटा एडिलेड में, बेटी है न्यूयार्क।* *ब्राईट बच्चों के लिए, हुआ बुढ़ापा डार्क।* *बेटा डालर में बंधा, सात समन्दर पार।* *चिता जलाने बाप की, गए पड़ोसी चार।* *ऑन लाईन पर हो गए, सारे लाड़ दुलार।* *दुनियां छोटी हो गई, रिश्ते हैं बीमार।* *बूढ़ा-बूढ़ी आँख में, भरते खारा नीर।* *हरिद्वार के घाट की, सिडनी में तकदीर।* *तेरे डालर से भला, मेरा इक कलदार।* *रूखी-सूखी में सुखी,* *अपना घर संसार* अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏 बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! विकास शर्मा "शिवाया " जयपुर -राजस्थान "ASTRO सर्व समाधान" ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *मियां-बीबी दोनों मिल खूब कमाते हैं* *तीस लाख का पैकेज दोनों ही