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Jupiter and its moon
काशी में प्रवास हो ! शिव के समीप वास हो ! ढूंढ़ रही हूं काशी को ! खुली आंखों से कभी मंदिरों में ! कभी घाट पर ! घंटों में घड़ियालों में ! बहती गंगा के धारो में ! कभी त्रिपुंड लगाया ! भोले को जल चढ़ाया ! पर काशी मन ढूंढ़ न पाया ! कहां है वो नगरी? जहां शिव रहते हैं ! वो शिव की नगरी काशी ! जो मन की आंखें खुल जाए। शिव किरपा से मन धुल जाए। तो शायद काशी मिल जाए। काशी हीं काशी हो व्यापक शिव का सर्वत्र उजाला लिए। मैं ध्यान लगाऊं भोले का रूद्राक्ष की माला लिए ! ©Jupiter and its moon शिव की काशी! काशी में प्रवास हो ! शिव के समीप वास हो ! ढूंढ़ रही हूं काशी को ! खुली आंखों से कभी मंदिरों में ! कभी घाट पर ! घंटों में घड़
B Pawar
हमराह मैं रो पड़ता हूं जानकर तुम्हारे घड़ियाली आंसू मैं हस पड़ता हूं देखकर तुम्हारी झूठी हसीं। मैं परेशान हूं ये देखकर के खुद को खुदा बतला रहे हो। कह दो के मैं कुछ भी नहीं तो मैं बेफिक्र हो जाऊं। मै थकने लगा हूं देखकर के तुम मेहनत नही करते क्या मेरी कोशिशे देखकर तुम हार मान रहे हो। मै अलग चल पड़ा हूं देखकर के तुम भीड़ में शामिल हो गर पहले पहुंच जाओ मंजिल पर जरूर मिलना। हमराह मैं रो पड़ता हूं जानकर तुम्हारे घड़ियाली आंसू मैं हस पड़ता हूं देखकर तुम्हारी झूठी हसीं।
Anita Saini
अनु शीर्षक में पढ़े 💔पुकार💔 देश में जाने कितने,कलयुगी विभीषण पैदा हो रहे हैं... जिनकी वजह से,हादसे इतने भीषण हो रहे हैं..! कब तक, आस्तीन के सांपो को, दूध पिलाते रहेगे
Aprasil mishra
"नारी अस्मितायें एवं सामाजिक सुरक्षा" एक वीभत्स अपराध के साये में आज हमारा शहर भी जीने को अग्रसर हो रहा है।अशिक्षा एवं बेरोजगारी में उर्ध्वगामी सर
Aprasil mishra
"नारी अस्मितायें एवं सामाजिक सुरक्षा" एक वीभत्स अपराध के साये में आज हमारा शहर भी जीने को अग्रसर हो रहा है।अशिक्षा एवं बेरोजगारी में उर्ध्वगामी सर
Dr Jayanti Pandey
मेरे शहर का मौसम....... ******************* तुमको कैसे बताऊं मेरे शहर का मौसम यहां हर तरफ सिर्फ मुर्दनी सी छायी है हर घर में सिसकी है किसी को खोने की और शहर भर में गिद्धों की बारात आई है जो जा रहे हैं, उन्हें जनाजा नसीब नहीं है जो पीछे बच रहे हैं, वो भी दहशत में हैं आखिरी वक्त में वो भी बे-तरह अकेले हैं जो जीवन भर दोस्तों की सोहबत में थे सांसों की गिनती पर पैसों का अब पहरा है मुनाफाखोरों के लिए यह अवसर सुनहरा है नकली दवा और अधूरी सांसें पकड़ा रहे हैं मरे ज़मीर वाले,अब लाशों से भी कमा रहे हैं समय बदलेगा, कुछ दिन अभी कयामत के हैं उतरते नकाबों और घिनौनी सी सियासत के हैं यह तय है ,अब पहले सा कुछ नहीं हो पाएगा पर किसने क्या कहा, किया, याद रखा जाएगा किसने क्या कहा, किया,सब याद रखा जाएगा दिल्ली इस समय दिलवालों के हाथ में नहीं है। दिल्ली इस समय घड़ियालों के हाथ में है..... मेरे शहर का मौसम........ **************** तुमको कैसे
cursedboon
प्रेमीसिंह पार्ट - 3 प्रेमीसिंह पार्ट - 3 वक्त धीरे-धीरे बड़ी तेजी से बढ़ रहा था अब शांतिसिंह का पुत्र प्रेमी बड़ा हो चुका था, तब राजा ने प्रेमी की शादी कराने क
#maxicandragon
मुझे शक नहीं यक़ीन है वो तुम ही थे शुरू से लेकर अंत तक वो तुम ही थे मध्धम मध्यम सा मीठा जहर वो तुम ही थे घर की आँधी और सारा कहर वो तुम ही थे दुख चिंता बढाने वाले वो तुम ही थे चिंता को चिता बनाने वाले वो तुम ही थे बेचने बिकवाने वाले वो तुम ही थे लूट पाट कराने वाले वो तुम ही थे सब हजम करने वाले वो तुम ही थे चुप कराने वाले भी वो तुम ही थे शोर मचाने वाले भी वो तुम ही थे घड़ियाली आँसू वाले भी वो तुम ही थे आने वाले भी वो तुम ही थे जाने वाले भी वो तुम ही थे खाने वाले भी वो तुम ही थे पचाने वाले भी वो तुम ही थे आग लगाने वाले भी वो तुम ही थे घी डालने वाले भी वो तुम ही थे निकालने वाले भी वो तुम ही थे गिनने वाले भी वो तुम ही थे घर की नींव मे वो तुम ही थे उसके मलवे में वो तुम ही थे खडे मस्तक पर वो तुम ही थे नीचे तलवे पर वो तुम ही थे तब सुदामा भी वो तुम ही थे आज कृष्ण भी वो तुम ही थे तब अर्जुन भी वो तुम ही थे मौन युधिष्ठिर भी वो तुम ही थे मुझे शक नहीं यक़ीन है वो तुम ही थे महाभारत के शकुनि वो तुम ही थे चक्रव्यूह के रचेता भी वो तुम ही थे सारे कुल के हत्यारे वो तुम ही थे #वो_तुम_ही_थे #Sadharanmanushya ©#maxicandragon मुझे शक नहीं यक़ीन है वो तुम ही थे शुरू से लेकर अंत तक वो तुम ही थे मध्धम मध्यम सा मीठा जहर वो तुम ही थे घर की आँधी और सारा कहर वो तुम
Vijay Vidrohi
पिछले लॉकडाउन में सबसे, खूब बजवाई ताली जी। करोना फिर भी नहीं भागा, फुड़वादी घर की थाली जी।। किसी भक्तों को बुरा लगे तो माफ करना 😅😅😅😅🙏🙏🙏 ©Vijay Vidrohi #घड़ियालीआंसू# kittu❤ FᎪᎡᎻᎪN ∶ ᏚᎻᎪᏆKᎻ ✔️ samraat satyawan Khushboo Kumari lafzo ki duniya bipin gusain
Vijay Vidrohi
डॉक्टरों से कोरोना पर बात करते हुए फिर भावुक हुए साहब वह रो रहे हैं और मुझे हंसी आ रही है और एक शेयर लिखा है पसंद आएगा #आंसू है घड़ियाली जी, बाग लुटेरा माली जी। खुद बाड़ खेत को खाए तो, कौन करे रखवाली जी।।# ©Vijay Vidrohi #घड़ियालीआंसू# samraat satyawan FᎪᎡᎻᎪN ∶ ᏚᎻᎪᏆKᎻ ✔️ Khushboo Kumari lafzo ki duniya kittu❤ Princ ki silsila e mohobbat7 GanjaBoy lekhak san