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Sudipta Mazumdar
# Good Morning and A very happy Basant Panchami Suraj sagar Sagar Rajendra Kumar #कविता
read moreविवेक त्रिवेदी
मैं कब कहता हु की तुम मुझे गुलाब दो ख्वाहिश नही की तुम मुझे तोहफे से नवाज दो मैं कब कहता हु मेरे लिए चांद तारे तोड़ लाओ मैं कब कहता हु मेरे लिए हवाए मोड लाओ मेरे कदमों में खुशियां बिछाने की जरूरत नही ! मुझे ये बड़ी बड़ी बाते पसंद नहीं! मैं ये सब करूंगा ही क्या ? एक जमाने से बाद मुझे तो बस, सुकून चाहिए तुम्हारी बाहों में आने के बाद । #death #life #lifequotes #vivek #light #gift
#Death life #lifequotes #vivek #Light #Gift
read moreaarav
My best friend vivek sagar indian hokey plear my friend Vivek sagar Indian hokey plear
my friend Vivek sagar Indian hokey plear
read moreKamlesh Kandpal
धूप भी है, लेकिन चलती है पवन भी, ये बसंती मौसम में,मचलता है बदन भी। झूमते पेड़,मानो कुछ गा रहे है नाचते हुए, खूब निखरा निखरा सा लगता है, चमन भी। धूप भी है, लेकिन चलती है पवन भी, ये बसंती मौसम में,मचलता है बदन भी। नये निराले परिंदे नजर आते है इस मौसम में, जानवरों के छोटे बच्चों से भर जाता है वन भी। धूप भी है, लेकिन चलती है पवन भी, ये बसंती मौसम में,मचलता है बदन भी। सरसों के पीले फूलों से,ढके खेत खलिहान, उतर आते है धरा में तब, रति और मदन भी। धूप भी है, लेकिन चलती है पवन भी, ये बसंती मौसम में,मचलता है बदन भी। ©Kamlesh Kandpal #Basant
Akash Chakarwarti
फिर से हुए हैं सब मगन, प्राणी धरती और गगन हरियाली है चारो ओर, बागों में मच गया है शोर। माँ सरस्वती का दिन है आया, खेतों में सरसों है फुलाया, कहीं धूप तो कहीं है छाया, यह ऋतु सबके मन को है भाया। सूखो ©Akash Chakarwarti Basant
Basant
read moreBasant Jha
चाँद रातें, ख्वाब है दिन मैं अधूरा हूँ, तुम बिन इंतजार आज भी तुम्हारा वक़्त गुजरता अब दिनों को गिन गिन Basant
Basant
read moreDeepak Sayar
Ye phool bhi yaadon ki ek parchai hein sathi in khilte phoolo ko dekh basant yaad aata he ©Deepak Sayar #Basant
Kamlesh Kandpal
🔹🔸🔹🔹🔸🔹🔸🛩️🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸 धूप भी है, लेकिन चलती है पवन भी, ये बसंती मौसम में,मचलता है बदन भी। झूमते पेड़,मानो कुछ गा रहे है नाचते हुए, खूब निखरा निखरा सा लगता है, चमन भी। धूप भी है, लेकिन चलती है पवन भी, ये बसंती मौसम में,मचलता है बदन भी। नये निराले परिंदे नजर आते है इस मौसम में, जानवरों के छोटे बच्चों से भर जाता है वन भी। धूप भी है, लेकिन चलती है पवन भी, ये बसंती मौसम में,मचलता है बदन भी। सरसों के पीले फूलों से,ढके खेत खलिहान, उतर आते है धरा में तब, रति और मदन भी। धूप भी है, लेकिन चलती है पवन भी, ये बसंती मौसम में,मचलता है बदन भी। बसंत मास को समर्पित, स्वरचित 🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹🛩️🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹 ©Kamlesh Kandpal #Basant
anshu writes
बसंत जो गिरा है वो,,1 दिन उठेगा,,,, जो टुटा है,,वो 1 दिन जुड़ेगा । बसंत इसी बात की तो पहचान है,,,, इसके आने पर लोगो के चेहरे पर मुस्कान है।। #Basant