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Rashmi Shankar
इससे रिश्ते बनाने वाले लोग उस से रिश्ते बनाने वाले लोग किसी के साथ निभा नहीं पाते सबसे रिश्ता बनाने वाले लोग ©Rashmi Shankar #quotation
Priya
White Two words to accept change; understanding and tolerance ©Priya #nightthoughts #Quotes #Quote #quotation
Priya
....... accept......... ©Priya #Quote #nojato #quotation
Angel
Good morning 🌞 ©Angel quotes #Quote #Quotes #quotation
Timsi thakur
वो मेरा जैसे आइना होगा मैं चाहती हूँ लेकिन उसमें मेरे कोई अवगुण ना हों उसकी चहरे पर बालकों सी मासूमियत समाई हो उसकी आँखों में इतनी सच्चाई इतनी गहराई होगी जिसमें डूब जाने का मन चाहेगा मैं रूठूँगी हर बार मगर वो हर बार मुझे मनायेगा मेरे क्रोध को उसका शांत स्वभाव हर लेगा गाली देना तो दूर कभी ऊँची आवाज भी मुझपर ना उठायेगा ;मैं करूँगी बालको सी नादानी हर दम फिर वो थोड़ा सा डांट कर तो कभी संग मेरे खुद भी बालकों सा व्यवहार दिखायेगा मेरी आवाज मेरे शब्दों से बढ़कर मेरी खामोशी को समझेगा ;झुठ फरेब धोखा इन सब से दूर कहीं बहुत पवित्र परमात्मा सी उसकी हसती होगी मैं प्रेम नहीं बल्कि ईश्वर की भाती पूजन करूँगी उसका वो दिव्य पुरुष जब मेरे सामने आयेगा l ©Timsi thakur #quotation
Jaykishan Dani
એ કારણે તેમને યાદ કરવાનું છોડી દીધું જો કરશું યાદ તો એ હેડકીથી હેરાન થશે જયકિશન દાણી ૨૯-૦૩-૨૦૨૪ ©Jaykishan Dani #quotation
Priya's poetry life
क्यू अक्सर हम इस उम्मीद में रहते है की सामने वाला भविष्य में हमसे अच्छा व्यवहार करेगा, जो हमसे आज ही सही से व्यवहार नही कर रहा ©Priya's poetry life #quotation
Sreekrishna
கோபத்தில் பேசும் போது வலிகள் தெரியுமே தவிர வார்த்தைகள் புரியாது... கோபத்தின் வார்த்தைகளை கேட்பவர்களுக்கோ வலிகள் புரியாது வார்த்தை மட்டுமே தெரியும் ©Sreekrishna #Anger #true
Eknath Dhanke
एकच असू शकते गुपित जागेपणाचे झाले न अजुनी स्वप्न इथल्या वास्तवाचे लाजळुच्या पाना सहन कर स्पर्श थोडा चल आज मिटवू दे तुझे भय जंगलाचे तू आज ज्या ह्या मारतो आहेस डुबक्या बक्षीस आहे का तळे सांभाळण्याचे? राबायला ये सोहळा समजून घरचा रुसणे बरे नाही जवळच्या माणसाचे इतकेच आयुष्यामधे कर्तृत्व माझे मी जॉब केला, फेडले हफ्ते घराचे दुनियाच झाली एवढी रंगीन ही की दुःखच निरर्थक वाटते डागाळल्याचे . . . . जीवंत तात्पुरती पुन्हा झालीत नाती कारण पुन्हा ठरले मरण नात्यातल्याचे जावे कुठे मग गावकडच्या कावळ्याने चिमणीस जर अप्रूप शहरी कबुतराचे एकनाथ ©Eknath Dhanke #Anger