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भारद्वाज
White एक डोली चली एक अर्थी चली....... बात दोनों में कुछ इस तरह से चली ........ बोली डोली तुम्हें किसने धोखा दिया , कहां तू चली...? अर्थी बोली चार तुझमें लगे , चार मुझमें लगे( कंधे ) फूल तुझ पर सजे,फूलों मुझ पर सजे, फर्क इतना ही है अब सुन ले सखी , तू पिया को चली ,मैं प्रभु को चली... मांग तेरी भरी, मांग मेरी भरी, चूड़ियां तेरी हरी ,चूड़ियां मेरी हरी, फर्क इतना ही है अब सुन ले सखी .... तू जहां मैं चली,मैं जहां से चली.. एक सजन तेरा ख़ुश हो जाएगा, एक सजन मेरा मुझको रो जाएगा, फर्क इतना ही है अब सुन ले सखी ... तू विदा हो चली.... मैं अलविदा हो चली..... ©भारद्वाज #cg_forest #,एक डोली चली एक अर्थी चली....... बात दोनों में कुछ इस तरह से चली ........ बोली डोली तुम्हें किसने धोखा दिया , कहां तू चली...?
#cg_forest #,एक डोली चली एक अर्थी चली....... बात दोनों में कुछ इस तरह से चली ........ बोली डोली तुम्हें किसने धोखा दिया , कहां तू चली...?
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
चौकडिया छन्द बैठे-बैठे किया इशारा , दिल से तुम्हें पुकारा । छूरी दिल पे आज चलाये , तेरा ये लश्कारा ।। जाओ दूर नही अब हमसे, तुम ही एक सहारा । जीवन तुम बिन व्यर्थ रहेगा , सुन लो सजन हमारा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चौकडिया छन्द बैठे-बैठे किया इशारा , दिल से तुम्हें पुकारा । छूरी दिल पे आज चलाये , तेरा ये लश्कारा ।। जाओ दूर नही अब हमसे, तुम ही एक सहारा
चौकडिया छन्द बैठे-बैठे किया इशारा , दिल से तुम्हें पुकारा । छूरी दिल पे आज चलाये , तेरा ये लश्कारा ।। जाओ दूर नही अब हमसे, तुम ही एक सहारा #कविता
read moreIrfan Saeed
वो तेरा वो मेरा अमन चाहता है हमारा बनाया चमन चाहता है गलियों में रुसवा अजी मुझको कर दो लैला से मजनू मिलन चाहता है होठों पे मुस्कान दिल में है खंजर मोहब्बत का दुश्मन दफ़न चाहता है शब ए फुरकत में मिलो तो बताऊं कितना ये तुझको सजन चाहता है इरफ़ा को तुझसे मोहब्बत है भारत रहना वो अपने वतन चाहता है ©Irfan Saeed वो तेरा वो मेरा अमन चाहता है हमारा बनाया चमन चाहता है गलियों में रुसवा अजी मुझको कर दो लैला से मजनू मिलन चाहता है
वो तेरा वो मेरा अमन चाहता है हमारा बनाया चमन चाहता है गलियों में रुसवा अजी मुझको कर दो लैला से मजनू मिलन चाहता है #Shayari #gazal #GoldenHour
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- अधरो पर आकर रुकी , मेरे मन की बात । देख देख रजनी हँसे , न होगी मुलाकात ।। रात अमावस की बड़ी , होती काली रात । सँभल मुसाफिर चल यहाँ , करती पल में घात ।। रात-रात भर जागकर , रक्षा करे जवान । अमन हमारे देश हो , किए प्राण बलिदान ।। कह दूँ कैसे मैं सजन , अपने मन की बात । रजनी मुझको छेड़ती , कह बिरहन की जात ।। रात-रात करवट लिया , तुम बिन थे बेहाल । एक-एक रातें कटी , जैसे पूरा साल ।। अपने दिल के मैं सभी , दबा रही जज्बात । समझाओ आकर सजन , रजनी करे न घात ।। नींद उड़ी हर रात की , देख फसल को आज । करता आज किसान क्या , रुके सभी थे काज ।। उन पर ही अब चल रहे , सुन शब्दों के बाण । रात-रात जो देश हित , त्याग दिए थे प्राण ।। जो कुछ जीवन में मिला , बाबा तेरा प्यार । व्यक्त न कर पाऊँ कभी , तेरा वही दुलार ।। हृदय स्मृतियों में चले , बचपन के वह काल । हाथ थाम चलते सदा , कहते मेरा लाल ।। जीते जी भूलूँ नही , कभी आप उपकार । कुछ ऐसे हमको दिए , आप यहाँ संस्कार ।। जीवन में ऐसे नहीं , खिले कभी भी फूल । एक परिश्रम ही यहाँ , है ये समझो मूल ।। बिना परिश्रम इस जगत , मिलते है बस शूल । कठिन परिश्रम से यहाँ , खिलते सुंदर फूल ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR अधरो पर आकर रुकी , मेरे मन की बात । देख देख रजनी हँसे , न होगी मुलाकात ।। रात अमावस की बड़ी , होती काली रात । सँभल मुसाफिर चल यहाँ , करती
अधरो पर आकर रुकी , मेरे मन की बात । देख देख रजनी हँसे , न होगी मुलाकात ।। रात अमावस की बड़ी , होती काली रात । सँभल मुसाफिर चल यहाँ , करती #कविता
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White ग़ज़ल :- हर किसी पे आती जवानी है । पर सँभलना ही सावधानी है ।। प्रेम की एक वो कहानी है । अब भी सागर में जो निशानी है ।। यूँ तो मिल जाते नैन ही सबसे । जो उतर जाये दिल में रानी है ।। झूठे वादे नहीं करो हमसे । प्रीत अपनी बहुत बखानी है ।। लौट कर आ गये वतन अपने । दीप हर-घर कहो जलानी है ।। दूर कब तक रहे सजन तुमसे । क्या यही मेरी जिन्दगानी है ।। प्यार को जब बना लिया मक़सद । डर न अब जाँ पड़े गवानी है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- हर किसी पे आती जवानी है । पर सँभलना ही सावधानी है ।।
ग़ज़ल :- हर किसी पे आती जवानी है । पर सँभलना ही सावधानी है ।। #शायरी
read moreSethi Ji
White 🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷 🩷 शायर का अफ़साना , शायर का ठिकाना 🩷 🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷 दीदार उनका करके जीने के बहाने मिल जाते हैं चाँद को देख कर लिखने के अफ़साने मिल जाते हैं असली मज़ा तब आता हैं ज़िन्दगी का दोस्तों जब चाँदनी रात में दोस्त पुराने मिल जाते हैं हम आज भी करते हैं उनका इंतज़ार पलके बिछाए उनके आने से दो दिल दीवाने मिल जाते हैं ज़माने लग जाते हैं मोहब्बत भुलाने में ऐ मेरे ख़ुदा हमको उनकी यादों में रहने के ठिकाने मिल जाते हैं ♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️ 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ©Sethi Ji 💝💝 दिल से दिल तक 💝💝 दिल से दिल का नाता होता हैं हर शायर का अंदाज़ निराला होता हैं ।। सुना हैं जो हॅसते हॅसते जाते इस दुनिया से
💝💝 दिल से दिल तक 💝💝 दिल से दिल का नाता होता हैं हर शायर का अंदाज़ निराला होता हैं ।। सुना हैं जो हॅसते हॅसते जाते इस दुनिया से
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