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Shivkumar
Men walking on dark street हमें इस वक़्त के पहिए ने कब इतना बड़ा बना दिया । हम जिस अंधेरे से कभी यु डरते थे आज उसके साथ में मुझे तो जीना ही सिखा दिया ।। हम कभी यु चुप न होते थे मुझे वो मेरी खामोशी से जीना ही सिखा दिया । उनको, हम सब कुछ तो बयां करते थे इन किताबों में उनको समेटना ही सिखा दिया ।। सारी जिद हम करते थे मगर मुझे वो समझौता करना ही सिखा दिया । मैं तो छोटा सा ही था मगर लोगों ने मुझे बड़ा ही बना दिया ।। हम तो सब को अपना ही समझते थे मगर लोगों ने तो मुझे पराया ही बता दिया । हमें इस वक़्त के पहिए ने कब इतना बड़ा बना दिया ।। ©Shivkumar #Emotional #भावात्मक #कविता #हिन्दीलेखन #Nojoto #nojotohindi हमें इस #वक़्त के पहिए ने कब इतना बड़ा बना दिया । हम जिस अंधेरे से कभ
MमtA Maया
समझदार होना बहुत बड़ी सज़ा है ©MमtA Maया 28/3/24 समझदार मतलब समझौता
Shashi Bhushan Mishra
लहरों से लड़ना पड़ता है, समझौता करना पड़ता है, बात गुज़र जाए जब हद से, बहुत हुआ कहना पड़ता है, खट्टी-मीठी याद संजोकर, कभी-कभी तहना पड़ता है, कश्ती हो मझधार ख़ुदाया, दरिया संग बहना पड़ता है, कोशिश हो नाकाम अगरचे, मन ही मन सहना पड़ता है, होते जब हालात न वश में, हाँ जी हाँ करना पड़ता है, ज़ज़्बातों पे काबू रखकर, जीवन में बढ़ना पड़ता है, बची रहे शाख 'गुंजन' की, दोष गले मढ़ना पड़ता है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #समझौता करना पड़ता है#
Govind Singh rajput GSR
Newss online
bshbdbsveveveveve ©Newss online पेरिस हिल्टन है हद से ज्यादा खूबसूरत, फैंस भी करते है इनको प्यार https://www.amankind.xyz/2024/02/Paris%20Hilton%20is%20beautiful%20beyond%
Shashi Bhushan Mishra
जहाँ चाह हो बन जाती फिर राह वहाँ, सोच इतर रखना क्या कोई गुनाह यहाँ, भावों की गहराई समझ पाना मुश्क़िल, लगा सका इसकी ना कोई थाह यहाँ, ख़ुद की रखनी पड़ती सबको फ़िक्र सुनो, करता किसकी कौन भला परवाह यहाँ, करना पड़ता काम ज़रूरी सबको ही, ख़र्च न पूरा कर पाती तनख्वाह यहाँ, कमी समझ की दूर करे कैसे कोई, लोग फिरा करते होकर गुमराह यहाँ, सामंजस्य बिठाकर चलना पड़ता है, प्रेम नदी सूखी अविश्वास अथाह यहाँ, आदर और सम्मान रहे जिंदा 'गुंजन', समझौता कहलाए न प्रेम-विवाह यहाँ, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #समझौता कहलाए न#
Srashti kakodiya..
कितना आसान होता है एक स्त्री को दिलासा देना उसे समझाना कि बच्चों की खातिर ही सही... इस रिश्ते को एक मौका दिया जाए,समझौता कर लिया जाए! माँ तो क्या से क्या नहीं कर जाती अपने बच्चों केे लिए! ऐसा नहीं कि मुझे मेरे बच्चों कि परवाह नही है! चलो में एक नई शुरुआत कर भी दूँ, तो बताओ जो इतने दिनों तक मेरे दिल पर गुज़री है, भला उसकी भरपाई कैसे करोगे तुम, बिना गलती के बेवजह के जो आरोप लगाऐ तुमने उन्हें कैसे मिटाओगे तुम,मेरे रोने पर मेरे गिड़गिड़ाने पर, तुम जो हंस रहे थे मेरे हालात पर उसे कैसे बदल पाओगे तुम, मेरे आँसूओ को ढोंग कहा तुमने,मैं जो बिलख रही थी तुम्हारे सामने, तो मुझे ज़िन्दा लाश कहा तुमने,मुझे तकलीफ और परेशानी में देख क्यों ख़ामोश रहे तुम, तुम्हारे शब्द तो शायद भुला भी दूँगी! पर लहजा कैसे भुला पाऊंगी मैं! चलो मैं मान भी लूँ वक़्त केे साथ सब ठीक हो जायेगा... पर मेरे चरित्र पर जो लांछन लगाया है तुमने उसे भला कैसे मिटा पाओगे तुम.... चलो अब रहने ही दो क्या ही साथ निभाओगे तुम!! ©Srashti kakodiya.. #Exploration#समझौता#लांछन#nojotohindi
Mukesh Poonia
दोबारा गर्म की हुई चाय और समझौता किया हुआ रिश्ता दोनों में पहले जैसी मीठास कभी नहीं आती। . ©Mukesh Poonia #दोबारा गर्म की हुई #चाय और #समझौता किया हुआ #रिश्ता दोनों में पहले जैसी #मीठास कभी नहीं आती।
Shashi Bhushan Mishra
जब विकल्प शून्य रहता है, समझौता करना पड़ता है, जबतक हिम्मत ताकत रहती, इंसाँ मनमानी करता है, जिन्हे भरोसा नहीं कर्म पर, निर्विकल्प होकर मरता है, अनुभव और विश्वास में अंतर, समझे नहीं यही जड़ता है, सहज सरल है जीवन जिसका, भवसागर निश्चित तरता है, भक्ति मार्ग सदा श्रेयस्कर, पिता स्वयं हाथ धरता है, अंधकार में दीप जलाकर, मन के कष्ट सकल हरता है, 'गुंजन' दृढ़संकल्प राह की मुश्किलात में बल भरता है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #समझौता करना पड़ता है#