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Anubha "Aashna"
कुछ रिश्ते नामों के मोहताज नहीं होते, परे होते हैं बंधनों के, जो परे होते हैं समय की हर कसौटी के, रिश्ते जिन्हें निभाया नहीं जाता, निभाया जा ही नहीं सकता.. ऐसे रिश्ते जिन्हें जिया जाता है, रिश्ते जो आज़ाद होते हैं मन की तरह.. और साथ रहते हैं धड़कन बनकर आखरी साँस तक.. रिश्ते जो जिए जाते हैं साथ रहकर, दूर होकर, यादें संजो कर.. रिश्ते जो चले आते है लबों पर मुस्कान की तरह खुशी की निशानी बनकर.. रिश्ते जो बसते हैं रूह में.. ऐसा ही रूहानी रिश्ता देने के लिए शुक्रिया.. ©Anubha "Aashna" आपके दिल से निकलने वाली हर दुआ कुबूल हो, उसकी नेमतें इतनी हो की अल्फाज़ शुक्रिया अता न कर सकें। जन्मदिन मुबारक साहिब..❤️
Lankadhipati Rawan
Devesh Dixit
आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दंड इंद्र ने है दिया, हन पर मारी चोट। देवों ने तब वर दिया, ले कर उनको ओट। हैं भक्त प्रभू राम के, महाबली हनुमान। लाँघ सिंधु भी वो गये, ह्रदय राम को जान। संकट भक्तों के हरें, करें दुष्ट संहार। जो भजते प्रभु राम को, लेते हनुमत भार। भय की कभी न जीत हो, सुख की हो भरमार। हनुमत कृपा करें तभी, और बनें आधार। ................................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #आंजनेय #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दं
Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी
Nisha Yadav
White ये दिखावटी हैं जो दूर से देखने में तो आकर्षित करती हैं किंतु नजदीक जाओ तो कोई सब एक दूसरे में भेद भाव करते, छोटे बड़े ऊच नीच, अगर सहर में होती हैं तो एक छोटा गांव ही सही है ©Nisha Yadav #City #I💖nojoto #दिल❤ #गांव हमारी दिल हैं #जो_भी_मिले
Ankit Singh
हे मनुष्य, तू पशुओं से अपनी श्रेष्ठता पर घमण्ड न कर, क्योंकि वे पापरहित हैं, और तू अपनी सारी महानता से जहां कहीं भी प्रकट होता है, पृय्वी को अशुद्ध करता है, और अपने पीछे एक घृणित निशान छोड़ जाता है - और यह सच है | ©Ankit Singh हे मनुष्य, तू पशुओं से अपनी श्रेष्ठता पर घमण्ड न कर, क्योंकि वे पापरहित हैं, और तू अपनी सारी महानता से जहां कहीं भी प्रकट होता है, पृय्वी को
तरुणा_शर्मा_तरु(मेरठी_कुड़ी)
प्रेम कुमार रावत
White तेरी शहर की ये मौसम कम्बख़्त इतनी जालिम है हम यहाँ के हो भी नही पा रहे ना याहा से रवाना हो पा रहे है ©प्रेम कुमार रावत #City तेरी शहर की ये मौसम कम्बख़्त इतनी जालिम है हम यहाँ के हो भी नही पा रहे ना याहा से रवाना हो पा रहे है