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Parasram Arora
कोई पुरखो को पानी पहुंचा रहा हैँ कोइ गंगाओ मे पाप धो रहा हैँ कोई पथर की प्रतिमाओं के सामने बिना भाव सर झुकाये बैठा हैँ धर्म के नाम पर हज़ार तरह की मूढ़ताएं प्रचलन मे हैँ धर्म से संबंध तो तब होता हैँ जब आदमी जागरण की गुणवत्ता हासिल कर लेता हैँ जहाँ जागरण होगा वहा अशांति कभी हो ही नहीं सकती क्यों कि जाग्रत आदमी विवेकी होता हैँ इर्षा क्रोध की वृतियो से ऊपर उठ चुका होता हैँ औदेखा जाय तो धर्म औऱ शांति पर्यायवाची शब्द हैँ धर्म औऱ शांति...... पर्यायवाची शब्द हैँ
Parasram Arora
खून को पानी का पर्यायवाची मत मान. लेना अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै उस बसती मे सच बोलने का रिवाज नही है यहां कोई भी आदमी सच.को झूठ बना कर पेश कर सकता है ताउम्र अपना वक़्त दुसरो की भलाई मे खर्च करता रहा वो ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही सकता है ©Parasram Arora पर्यायवाची......
manoj kumar jha"Manu"
धरती का दुःख क्यों, समझते नहीं तुम। धरा न रही अगर, तो रहोगे नहीं तुम।। सुधा दे रही है वसुधा हमें तो, भू को न बचाया, तो बचोगे नहीं तुम।। "भूमि हमारी माता, हम पृथिवी के पुत्र"* वेदवाणी कह रही, क्या कहोगे नहीं तुम।। (स्वरचित) * माता भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या: (अथर्ववेद १२/१/१२) धरती का दुःख हम नहीं समझेंगे तो कौन समझेगा। इसमें धरती के पर्यायवाची शब्द भी हैं।
ANSARI ANSARI
जिस देश का राजा प्रजा से डरता हो। ओ क्या राज्य चलायेगा। जो-जो अनंयाई होगे उनको अपने पास बुलायेगा। तुम खुद सोचो अनंयाईयो के बीच क्या न्याय मील पायेगा। क्या देश जब हो जायेगा बर्बाद प्रजा हाथ मलते रह जायेगा। ©ANSARI ANSARI प्रजा
Ek villain
अर्थ और प्रजा के सुख में ही राजा का सुख ही नहीं है तीसरी बार राज्य का बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर आर राव द्वारा उदित की गई कौटिल्य के अर्थशास्त्र की इस उक्ति से आलोक में अगर बजट पर नजर डालें तो एक बात ही तय है कि यह बजट किसी को अक्रिय नहीं लगेगा लगातार तीसरे वर्ष सरकार ने आम जन पर कोई भी नया कर नहीं लगाया है सरकार ने अपनी तीसरी बजट में स्वास्थ्य शिक्षा और युवाओं को खूब ख्याल रखा है सबसे ज्यादा बढ़ोतरी स्वास्थ्य के बजट में हुई है जो सभी भी अच्छी सेहत की चिंता के प्रति सरकार के प्रतिबंध को दर्शाती है वित्त मंत्री ने आधारभूत रचनाओं तथा व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं के पेड़ बेहतर बनाने की कोशिश की है बिजली पानी सड़क स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण पर ध्यान देने के साथ-साथ व्यक्तिगत लाभ की योजनाएं यूनिवर्स पेंशन योजना ₹1 यूनिट बिजली जैसी योजनाओं की दी है सबसे ज्यादा बढ़ा ध्यान स्वस्थ जरूरी है व्यवस्था की कलई खोल दी है स्वस्थ ही जीवन का सार है मूल मंत्र में अपनाते हुए वित्त मंत्री ने स्वस्थ क्षेत्र में दोनों हाथ खोल कर उनके स्वास्थ्य में सबसे ज्यादा 27% के बाद खाद्यान्न वितरण में 30% शिक्षा में 6% बढ़ोतरी हुई है बजट में जिलों की घोषणा की गई है ©Ek villain #प्रजा के सुख में राजा का सुख #Moon
Jogendra Singh writer
आपके अनुसार Nojoto का पर्यायवाची क्या है Answer in comment section ©Jogendra Singh Rathore 6578 nojoto ka पर्यायवाची #Light
Anjali Jain
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने जो राज धर्म रेखांकित किया और जिसके कारण उन्होने व्यक्तिगत व पारिवारिक सुखों को होम दिया! उससे एक सत्य तो आज सिद्ध हो ही गया कि प्राचीन समय में प्रजा स्वयं पवित्र आचरण करती थी तो राज परिवार में भी पूर्ण पवित्रता चाहती थी! आज जनता स्वयं अपराधी और दुराचारी है इसलिए अपराधियों और दुराचारियों को अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनकर भेजती है! आज का वातावरण और जनता का व्यवहार स्वयं इसका साक्षी है, अतः जब तक जनता स्वयं शिक्षित, अनुशासित व मर्यादित आचरण वाली नहीं हो जाती, तब तक स्वयं राजनीति और प्रजातंत्र का मखौल बनाती रहेगी! #"प्रजा #03. 05.20
SK Poetic
राम जब अयोध्या के राजा,वनवास पूरा करने के बाद बने तो गुप्त चर का काम वे स्वयं करते थे। रात्रि में कंबल ओढ़ कर राज्य में घूमते थे और प्रजा की बात सुनकर निर्णय लेते थे।एक बार एक धोबी अपनी पत्नी को डांट रहा था कि मैं राम नहीं हूं कान खोलकर सुन लो।जिसने पराया मर्द रावण के पास सीता के रहने के बावजूद पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। राम ने जब अपनी कानों से यह बात सुनी, तो वे लौट आते।सुबह उन्होंने लक्ष्मण को बुलाया और कहा लक्ष्मण सीता को पुनः जंगल में जाकर ऋषि के आश्रम में छोङ़ आओ। यह क्यों कहां राम ने क्योंकि Voice of the people is the voice of the god आम प्रजा की आवाज ही ईश्वर की आवाज़ हैं।राजा को प्रजा की आवाज पर ध्यान देना चाहिए। ये था राम राज्य में प्रजा प्रधान का मंत्र। ©S Talks with Shubham Kumar प्रजा प्रधान #NojotoRamleela