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बेअदब
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बेअदब
जीते जी ज़मीन पर, मैं ज़न्नत का सार ढूंढता रहा, इंसान दर इंसान मैं माँ जैसा प्यार ढूंढता रहा, बहुत शोहरत इकट्ठी की, हासिल हर मुक़ाम किये, पर हर पल मैं घर जैसा चैन-ओ-क़रार ढूंढता रहा, सभी ने मुझको अपने अपने तरीकों से मोहब्बत की, मैं बचपने में मिला वो अपना दुलार ढूंढता रहा, मेरा हर बाख़बर था, मेरे लिए हर पल एक मिसाल, मैं हक़ीक़त को हर बार आईने के उस पार ढूंढता रहा, हर खास-ए-आम से मुझे मायूसी ही मिली बेअदब, इंसान दर इंसान मैं माँ जैसा प्यार ढूंढता रहा। मैं माँ जैसा प्यार ढूंढता रहा... #बेअदब #beadab #maa_jaisa_pyar #nojoto_family #hindi #हिंदी
Raj Bhandari
बेअदब दिल टूटने का मुझसे सबब क्या पूछता है, सब तेरी ही ख़ता है बेअदब क्या पूछता है !
NEETU SHARMA
साझिं - साझीं तेरी यादो ने पलको.को भिगों दिया ।। पौछ बैठे आसुँओं को तो यादों ने गिला किया। बङी बेअदब कि महोब्बत जो हो गयी। बेअदब कि महोब्बत...
vishal
Career का हिंदी में अर्थ विकास, पेशा, व्यवसाय, आजीविका आदि होता है. कोई व्यक्ति अपनी जिंदगी में प्रगति लाने के लिए या आजीविका चलाने के लिए जो कार्य करता है उसे करियर कहते है. आजीविका उस कार्य को कहते है जिससे जीविकोपार्जन होता है. उदाहरण के लिए शिक्षक, वकील, कलाकार, डॉक्टर, ब्लॉगर, ड्राइवर आदि कुछ आजीविकायें है. अक्सर हम अपने दोस्तों के साथ जब बात करते है तो उनसे पूछते है कि तुम किस क्षेत्र में अपना करियर बनाओगे। यानि तुम किस क्षेत्र में विकास करोगे। या किस क्षेत्र में रोजगार या नौकरी करोगे। कई सफल लोगो से सलाह भी लेते है कि किस क्षेत्र में करियर बनाना उचित रहेगा। कई प्रोफेशनल इंस्टिट्यूट बच्चों की काउन्सलिंग करते है ताकि सही करियर चुनने में उनकी मदत की जा सके. अगर माता-पिता शिक्षित होते है तो बच्चे की रुचि और शौक के अनुसार उसे कार्य करने देते है और उसको उसमें अपना करियर बनाने देते है.h ©vishal Career का हिंदी में अर्थ विकास, पेशा, व्यवसाय, आजीविका आदि होता है.
kavi manish mann
चंद लफ़्ज़ों में समझिए बात को, एक पल में हो गया बर्बाद सब। उम्र सारी जिनके पीछे खर्च की, छोड़ते हैं साथ वो औलाद अब। साथ में बीवी को लेकर चल दिए, बाप को माता को केवल छल दिए। ऐ ख़ुदा ऐसी न तू औलाद दे। जिनको ख़ुशी दी थी, वो अश्रुजल दिए। ऐ ख़ुदा न ऐसी तू औलाद दे। जिससे रोए बुज़ुर्ग मा बाप सब।। ख़्वाब थे जो हो गए सब ख्वार अब। वो ज़िन्दगी से हो गए बेज़ार अब। सांस भी चलती है रुकती है नहीं, चाहते हैं रूह हो आजाद अब। ऐ ख़ुदा न ऐसी तू औलाद दे। जिससे रोए बुज़ुर्ग मां या बाप सब। बेऔलाद ही रहें तो ही सही, ऐसी औलादों से बेऔलादी ही भली। मतलबी ये हो गया इंसान अब, रिश्ते भी ये हो रहे बेजान अब। #बेअदब #औलाद #मुक्तक_मन #मौर्यवंशी_मनीष_मन