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Love Joshi
"किस्मत बनाम मेहनत" किस्मत के भरोसे बैठा जो, मेहनत से मुंह मोड़ लेता है। मेहनत करने वाला इंसान, किस्मत को भी मोड़ देता है। ©Love Joshi #Path #Kismat #Love #lovejoshi #Life #Nojoto #nojotohindi #Hindi #hindi #hindiquotes
राहुल Shiv
प्रश्न ये की अगर गौतम बुद्ध किसी के प्रेम में पड़े होते तो क्या निर्वाण को प्राप्त हो पाते..? महलों का वैभव तो त्याग दिया था.. क्या प्रेम से विरक्त हो पाते। क्या तज पाते प्रेयसी को पत्नी की तरह । बंध पाते वैराग्य में प्रेम से मुक्त होकर। कर पाते ध्यान किसी और आराध्य का । आँख बंद करते, वही मूरत दिखाई देती ध्यान तो छोड़िए, सो भी नही पाते और हर दिन कोरी आंखों सवेरा होता। जब सवार होती वेदना रूपी प्रताड़ना, तो ज्ञान का बोध चुनते या साथी का । प्रेम के निम्तम रूपों मोह, आकर्षण, वासना पर तो उन्होंने पार पा लिया था. दूसरों से मिले प्रेम को तो उन्होंने भावनाओं का ज्वार समझ कर नकार दिया लेकिन एक बार अपनी समस्त इन्द्रियों को साक्षी मानकर उन्होंने अपने चंचल ह्रदय में अगर किसी को बसाया होता..सुना होता किसी की सांसों का संगीत..बिताये होते एकांत के कुछ पल हाथों में हाथ लेकर..तो उनके मोक्ष के मायने बदल गए होते। अगर मन हुआ होता रक्तरंजित अपने प्रिय के इंकार से ..होता कभी जो प्रणय निवेदन अस्वीकार.. ह्रदय बिखरा होता छलनी होकर.. तो उन्हें मौन से ज्यादा मृत्यु, मुक्ति का मार्ग लगती। हर स्मृति, हर कल्पना, हर भावना बस एक ही विंदु पर आकर सिमट जाती ..और वो केंद्र विंदु होता प्रेम । ये शायद नियति ही थी कि गौतम बुद्ध के ह्रदय में प्रेम के बीज नही पड़े वर्ना विश्वास कीजिये वो सिदार्थ से गौतम तो हो जाते..पर शायद कभी बुद्ध नही हो पाते। ©राहुल Shiv #Path #Love #Hindi #poem
Ali Jalali
خدا ہیں لوگ گناہ و ثواب دیکھتے ہیں سو ہم تو روز ہی روز حساب دیکھتے ہیں کچل کچل کے فٹ پاتھ پر نہ چلو اتنا یہاں پہ رات کو مزدور خواب دیکھتے ہیں ©Ali Jalali #Path
MVP
"If people knew how hard I worked to get my mastery, it wouldn't seem so wonderful after all." ©MVP #Path
JustListen
अभी भी है वही धुंधली नजर, और है वही निगेहबान, क्या कहूं? ©JustListen #Path
संस्कृत भाषा ( शिक्षक ) Facebook pages
♥️उत्सवप्रियाः खलुः मनुष्याः♥️ मनुष्य उत्सव प्रिय होते हैं 🙏 ©संस्कृत भाषा ( शिक्षक ) Facebook pages #Path
Kumar Dinesh
अज़ीब किस्म का मंज़र.. दिखाई देने लगा वो मुझको मेरे ही अंदर.. दिखाई देने लगा तेरे ख़याल में जब..आँखे मूंद ली मैंने तो मुझको और भी बेहतर.. दिखाई देने लगा किसी के लम्स के सदके.. ये इश्क़ का पंछी हुदूद-ए-अर्श से ऊपर.. दिखाई देने लगा जुनूँ से बैर ख़िरद को है..सुनते आए थे किया जो इश्क़ तो खुलकर.. दिखाई देने लगा सुनहरी याद के जुगनू के..मुस्कुराते ही हर इक ज़ख्म मुनव्वर.. दिखाई देने लगा मेरा मिज़ाज है शीशा..'कुमार' ये सुनते ही हर एक हाथ में पत्थर.. दिखाई देने लगा लम्स= स्पर्श हुदूद ए अर्श=आसमाँ की हद ख़िरद =अक्ल/समझदारी मुनव्वर=प्रकाशित/रोशन ©Kumar Dinesh #Path
Ganesh
इंसान की आर्थिक स्थिति कितनी भी अच्छी हो, लेकिन जीवन का सही आनंद लेने के लिए उसकी मानसिक स्थिति अच्छी होनी चाहिए. Good morning ©Ganesh #Path
Ankit Srivastava
एक वक्त के बाद रोना धोना सब ढोंग सा लगने लगता है, हम अपनी पीड़ाओं को किसी से नहीं कहते, क्योंकि हमें एहसास हो जाता है कि तितली के पंख पे उभरे हुए दृश्य भले ही किसी घाव के हो, लोग मज़े ही लेंगे पकड़ के तो हम ख़ामोश हो जाते हैं और करने लगते है इंतज़ार अपने ईश्वर का जो एक दिन आएगा इस संसार के मोह से छुड़ाकर अपने साथ ले जाने ...... ~ अंकित श्रीवास्तव . ©Ankit Srivastava #Path