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Awanish Singh
दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। पार जाऊँगा मेरा साहस, कभी हारा नहीं है। जो मिटा अस्तित्व दे, ऐसी कोई धारा नहीं है ।। कौन रोकेगा स्वयं तूफान, थककर रुक गये हैं । हर लहर मेरा किनारा, ध्येय तक बढ़ता रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। तोड़ दी अवरोध की सारी, शिलाएँ एक क्षण में । मैं धरा का प्यार मुझको, स्नेह देते सब डगर में।। शीत वर्षा और आतप कर, न पाये क्षीण गति को। बिजलियों की कौंध में भी, पंथ गढ़ता ही रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। ©Awanish Singh (AK Sir) #कविता #कविता
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read moreKishan Gupta
किचन की रानी, तू पसीने से लतपत, पंखा बना, मुझे घुमाये जा रही हो,, चाय कब तक यूँ ही, फीकी पिलाओगी, इलायची के इंतजार में, अदरक पीसे जा रही हो। ~किशन गुप्ता #कविता #कविता #
AnishaDodke
कविता कवीला वेळ नसतो कवीला काळ नसतो फावल्या वेळात तो कविता लिहीत असतो! कवितेत करियर नाही योग्य आहे पण करियर सोबत कविता करणे हाच छंद आहे! कवितेत आसन नाही ये दुःख आहे पण कवितेचं वेशन आहे हेंच सुख आहे....! रिकाम्या डोक्यात काही तरी सूचन आणि कागदावर मांडण हेच माझं काव्यलिखाण आहे.....! कवयित्री:कु अनिषा दोडके ©AnishaDodke कविता कविता #BookLife
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read moreBalu Khaire
भीगी हुई आँखोका मंजर न मिलेगा, घर छोडकर मत जाओ कही घर ना मिलेगा। फिर याद बहुत आएगी जुल्फो की शाम, जब धूप मे साया कोई सर न मिलेगा। आंसू को काभि ओस का कतरा न समझना, ऐसा तुम्हे चाहत का समुदर ना मिलेगा। इस ख्वाब के माहोल मे बे-ख्वाब है आँखे, जब निंद बहुत आएगी बिस्तर ना मिलेगा। ये सोचलो आखरी साया है मोहब्बत, इस दरसे उठोगे तो कोई दर ना मिलेगा ©Balu Khaire कविता कविता #lonely
कविता कविता #lonely
read morevijaysinh
writing quotes in hindi मन पीढ़ा से बैचेन हो जाता है, तब जा के क़लम कागज स्याही रोता है। क़लम खुद का नहीं,औरों का दुख रोता हैं। हर पन्ने पर क्रांति की बीज बोता है। दुनिया में सब से ज्यादा दुखी क़लम हैं, हर वक़्त खून के आंसू रोता है, खून रूपांतर चंद लकीरों में होता है। अब लोक उसे अल्फ़ाज़ समजते हैं पर वह अल्फ़ाज़ नहीं लब होते हैं जो क़लम के दिलसे निकले होते है। #कविता #क़लम कविता
Dharm Veer Raika
नजर लग जायेगी तेरे गालों पे, धबे पड़ जायेंगे तेरे चेहरे पे, धूप में मत निकला करो गौरी, तेरा इश्क चढ़ जायेगा किसी और पे , –धर्मवीर राईका ©Dharm Veer Raika #KhulaAasman #कविता #कविता
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read moreAmrendra Kumar Thakur
"दोस्ती" सुख-दुख के अफसाने का ये राज है सदा मुस्कुराने का ये पल दो पल की रिश्तेदारी नहीं ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का जिन्दगी में आकर कभी ना वापस जाने का ना जानें क्यों एक अजीब सी डोर में बन्ध जाने का इसमें होती नहीं हैं शर्तें ये तो नाम है खुद एक शर्त में बन्ध जाने का ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का दोस्ती दर्द नहीं रोने रुलाने का ये तो अरमान है एक खुशी के आशियाने का इसे काँटा ना समझना कोई ये तो फूल है जिन्दगी की राहों को महकाने का ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का दोस्ती नाम है दोस्तों में खुशियाँ बिखेर जाने का आँखों के आँसूओं को नूर में बदल जाने का ये तो अपनी ही तकदीर में लिखी होती है धीरे-धीरे खुद अफसाना बन जाती है जमाने का ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का दोस्ती नाम है कुछ खोकर भी सब कुछ पाने का खुद रोकर भी अपने दोस्त को हँसाने का इसमें प्यार भी है और तकरार भी दोस्ती तो नाम है उस तकरार में भी अपने यार को मनाने का ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का ©Amrendra Kumar Thakur #कविता #दोस्ती #कविता
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