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नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)
कैसे पढूं प्रियतम की पाती,मुझसे पढ़ी ना जाय हे, उधो!। मुझसे पढ़ी ना जाय, हे उधो! मुझसे पढ़ी ना जाय। पाती देख विरह बढ़ जाए,दिल तिल तिल जल जाय। हे उधो! मुझसे पढ़ी ना जाय। ना सुध तन मन की रही अब तो, छोड़ गए हमें जब से मरण को। प्रेम संदेश पढूं मैं कैसे, अंखियां भरी भरी जाय। हे उधो मुझसे पढ़ी ना जाय। ©नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।) # मुझसे पढ़ी ना जाय हे उधो।
kumar vishesh
On the occasion of Janmashtami ये तो प्रेम की बात है उधो बंदगी तेरे बस कि नहीं है यहां सहरद के होते हैं सोदे आशकी इतनी सस्ती नहीं है ये तो प्रेम कि बात है उधो
kumaarkikalamse
धूप हो, छांव हो, हर मौसम की बहार तुम हो ख़्वाहिश ग़र 'कुमार' पाले, सबका करार तुम हो.. तुम हो तुम हो तुम ही तुम हो.. #kumaarsthought#kumaaronlove #एहसासऔरतुम
HARSH369
White किसी भी चीज कि अति हनिकारक होती है चाहे पैसा आवस्यकता से ज्यादा हो तो हानिकारक, चाहे गरीबी का स्तर अधिक हो चुका हो तो हानिकारक चाहे कोई भी वस्तु जो उपयोग मे जो लायी जा रही हो सावधानी से ना रखी गयी वो हानिकारक.. जैसे फोकट मे मिले पैसे,जायदाद लड़के लड़कियो को बिगाद देता है,नसे का आदी बना देता है..!! ©HARSH369 #अति
सुनील मिश्रा
अति का भला न बोलना अति की भली न चूप अति का भला न बरसना अति की भली न धूप ©sunil mahraj अति
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#DearZindagi तेरे सहारे है जिन्दगी मेरी कैसे न तुमको मैं याद करूँ, आप ही बताओ छोड़कर तुम को किससे मैं फरियाद करूँ क्या है बंदिशे मुझसे मिलने में जो तुम इतना कतराते हो, कहीं ऐसा तो नहीं कि दुनिया की तरह देखकर दशा खराब मेरी किनारा कर जाते हो। शिव तुम ही तुम हो इक तुम ही तुम हो बस तुम ही तुम हो
Adv.Sanjay singh Bhadouria
अति का भला न बोलना अति की भली न चूप ।। अति का भला न बरसना अति की भली न धूप।। ©sanjay singh Bhadouria अति
Babli BhatiBaisla
सखी अति ही तो अंत का आरंभ बन जाती है होती नहीं लज्जित बुद्धि अहंकार से दब जाती है कुलश्रेष्ठों के भी कुल की साख कलुषित हो जाती है अजेय योद्धाओं के सामर्थ्य की धाक दूषित हो जाती है चौपड़ खेलने वाले कब मर्यादा लांघ जाएं कौन पहचाने जीत के लोभ में किसको दांव लगा मार जाएं कौन जाने कीचक का वध करने वाले भीमबली भला मौन थे क्यूं भीष्म द्रोण अर्जुन का किस पक्षाघात से हुआ ग्रसित लहू तर्कसंगत सोचवाला बुद्धि चातुर्ययुक्त एक पति ही है बहुत द्रौपदी ने भयंकर दुर्गति पाई पांच श्रेष्ठ पतियों के ही सम्मुख बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla अति