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Sultan Mohit Bajpai
Sultan Mohit Bajpai
मुहब्बत है तो, गम्मत कुछ नही है मजम्मत या अजम्मत कुछ नही है फकत संजीदगी ही पुर – असर है तेरे लहज़े की किम्मत कुछ नही है ©Sultan Mohit Bajpai मुहब्बत है तो, गम्मत कुछ नही है मजम्मत या अजम्मत कुछ नही है फकत संजीदगी ही पुर – असर है तेरे लहज़े की किम्मत कुछ नही है •••• सु
gaTTubaba
हर किसीको नहीं मिलता वो चेहरा इनाम मैं जो बहोत जरूरी होता हैं उसकी दुनिया जहान मैं अगर मिल जाएं कोई ऐसा तो छोड़ना नहीं वरना क्या रखा हैं बिन रानी के सुल्तान मैं ©gaTTubaba #dhundh हर किसीको नहीं मिलता वो चेहरा इनाम मैं जो बहोत जरूरी होता हैं उसकी दुनिया जहान मैं अगर मिल जाएं कोई ऐसा तो छोड़ना नहीं वरना क्या रख
Sultan Mohit Bajpai
इशारों में ही हाले दिल बयान कर देना मुहब्बत का बहुत माकूल तरीका है ये ©Sultan Mohit Bajpai इशारों में ही हाले दिल बयान कर देना मुहब्बत का बहुत माकूल तरीका है ये ©®सुल्तान मोहित बाजपेई #nojoto #nojotohindi #nojotoenglish #nojoton
Sultan Mohit Bajpai
मैं भी जलता रहा दिन रात चरागों की तरह आखिरन जल ही गया मोम के धागों की तरह भूल जाने की कोशिशें तमाम की फिर भी दिल मे चिपका रहा वो दिल फ़टी यादों की तरह ©Sultan Mohit Bajpai मैं भी जलता रहा दिन रात चरागों की तरह आखिरन जल ही गया मोम के धागों की तरह भूल जाने की कोशिशें तमाम की फिर भी दिल मे चिपका
Sultan Mohit Bajpai
रेहन–रक़बा–ओ–अफसुर्दा–मकीं,मुफलिस–जदा–कुनबा बहुत ताराज है सुल्तां , मुहब्बत के इलावा भी ©Sultan Mohit Bajpai बहुत ता–राज है सुल्तान😔 .............. रेहन–गिरवी रकबा–भूमि का क्षेत्र फल ओ–और अफसूर्दा –दुखी,बुझा हुआ, खिन्न ,उदास मकीं–मकान में रहने वाले
Sultan Mohit Bajpai
गलत हुजूम में थे , पर गलत नही थे हम मुबस्सिर कज-ख़याली थे, मगर सही थे हम सभी ने देखकर भी ,बारहा ना–दीदा किया दह़र की नज्ऱ में गु़म थे, वले वहीं थे हम ©Sultan Mohit Bajpai एक अश'आर: गलत हुजूम में थे , पर गलत नही थे हम मुबस्सिर कज-ख़याली थे, मगर सही थे हम सभी ने देखकर भी ,बारहा ना–दीदा किया दह़र की नज्ऱ
Sultan Mohit Bajpai
बसंत और कुरिंजी –––––––––– बसंत जंजीरों से बंधा नही हो सकता बसंत सरसों के खेतों का ही कॉपीराइट नही है, वो तो आटाकामा के रेगिस्तान से भी उतना ही प्रेम करता है जितना किसी बड़ी सी बिल्डिंग की बालकनी में रखे कुरिंजी के फूल से करता है भले ही पूरी दुनियां घूमकर बसंत बारह साल बाद कुरिंजी के पास आता है पर वो आता जरूर है, बसंत और नीलकुरिंजी के इसी स्नेहिल सयोंग ने उसे दुनियां का , एक दुर्लभ फूल बना दिया ••• ©Sultan Mohit Bajpai बसंत और कुरिंजी –––––––––– बसंत जंजीरों से बंधा नही हो सकता बसंत सरसों के खेतों का ही कॉपीराइट नही है, वो तो आटाकामा के रेगिस्तान से भी उतना