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Rishi Raj Mastana
Bharat Bhushan pathak
Gufran thakur
SANTU KUMAR
पिस्तौल नही पेन उठाओ। पत्थर नही किताब उठाओ। मंदिर-मस्जिद नही लाइब्रेरी जाओ। पढ़ो-लिखो-शिक्षित और महान बनो SANTU KUMAR #Hope पिस्तौल नही पेन उठाओ पत्थर नही किताब उठाओ मंदिर-मस्जिद नही लाइब्रेरी जाओ पढ़ो-लिखो-शिक्षित और महान बनो 👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍
Anant Nag Chandan
मैं आज अकेला हूँ, पिस्तौल भी है दुःख भी है, तुम्हारे बाद में बैठे परिंदे उड़ जाएंगे। डराने वालों हमें देखने को तरसोगे, कभी न लौटेंगे एक रोज ऐसे उड़ जाएंगे। मैं आज अकेला हूँ, पिस्तौल भी है दुःख भी है, तुम्हारे बाद में बैठे परिंदे उड़ जाएंगे। डराने वालों हमें देखने को तरसोगे, कभी न लौटेंगे एक रोज
Abhishek Yadav
भारत की फजाओं में हमेशा याद रहूंगा, आजाद था ,आजाद हूं ,आजाद रहूंगा.... ©Abhishek Yadav अंग्रेजी शासन की हुकूमत को चुनना ना पसंद करके अपनी पिस्तौल की गोलियों को ही अपना जीवन खुशी खुशी दे दिए🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌹🌹🌹💐💐💐
प्रेम और मैं
‘पिस्तौल और बम इंकलाब नहीं लाते, बल्कि इंकलाब की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है' ~ भगत सिंह (क्रांतिकारियों को शहीदी दिवस पर नमन 💐🙏🏼) बहुचर्चित असेम्बली बम कांड के सिलसिले में जनवरी 1930 में भगत सिंह ने अपनी अपील मे वह ऐतिहासिक बयान दिया था कि ‘पिस्तौल और बम इंकलाब नहीं लात
anil kumar y625163
Rahul Red
धार्मिक झण्डो के आगे कूड़े में पड़ा तिरंगा आज राजनीति में खूब धड़ाधड़ कब्ज़ा करते लफंगा आज अपने अपने आकाओं की बातों में आकर ये लोग करते रहते हैं भारत में जगह जगह पर दंगा आज लोकतंत्र के हत्यारों के आगे बेबस खड़ी पुलिस हत्यारा पिस्तौल पकड़कर घूम रहा है चंगा आज भारत में विज्ञान की हालात ना ही पूँछो कैसी है वैज्ञानिक को मूर्ख बताकर नाचे साधू नंगा आज गंगा की सफाई को अभियान चलाया था लोगों ने लेकिन उसके बाद भी कितनी साफ़ हुई है गंगा आज बात बात पर हम लोगों को देते रहते हैं ये धकमी ना जाने अब कौन यहाँ पर लेगा इनसे पंगा आज © राहुल रेड ग़ज़ल धार्मिक झण्डो के आगे कूड़े में पड़ा तिरंगा आज राजनीति में खूब धड़ाधड़ कब्ज़ा करते लफंगा आज अपने अपने आकाओं की बातों में आकर ये लोग करते रहत
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
आजादी के दीवानों में , शेखर थे आजाद। संग चलें थे भगत सिंह भी , करते जिंदाबाद ।। गोरों से बचने की खातिर , खुद से ली थी कौल । अपने सिर में गोली मारी , अपनी ही पिस्तौल ।। पंद्रह कोड़ो की सजा मिली , किया स्वयं पर नाज । स्वतंत्रता को पिता बताया , और किया आगाज ।। गोरों को लोहा चुगवाया , बना लिया समुदाय । हर गोरे के हाथों से सब , छीन लिया व्यसाय ।। जितना आत्याचार किया था , उसका लिया हिसाब । घुटनों के बल दौड़े फिर वह , ऐसा दिया जवाब ।। नाम अमर कर गये जगत में वो थे वीर सपूत । बच्चा बच्चा बोल रहा है तुम्हीं हिंद के पूत ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR 🙏🌹सादर समीझार्थ🌹🙏 पटल आनन्द समूह अटूट रिश्ते🌷 विषय - शेखर आजाद 🇮🇳 मात्रा भार - 16 -11 आजादी के दीवानों में ,