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Pushpendra Pankaj
सावन तू कितना पावन , तेरा हर लम्हा मनभावन । हरियाली आकर्षण खींचे, वर्षा हर उपवन को सींचे आँख मिचोली मेघा करते हम डरते, मेघा ना डरते लदे फलों से रहते वृक्ष आम,नाशपाती, जामुन। अपने पीहर आई बाला, मुखङे पर मुस्कान उजाला सखियों संग वह झूला झूली गाँव माटी, महक ना भूली तभी बिजुरिया ऐसे तङकी, गरजे घन जैसे गरजे रावन।। छुटकी मटक रही अँगना मे मोती दमक रहे कंगना मे बंटी छत पर पतंग उङावै मम्मी पापा को हरषावै भाभी का सिंदारा आया तब सजने लगी बिछावन ।। पुष्पेन्द्र "पंकज " ©Pushpendra Pankaj सावन मनभावन
सावन मनभावन #कविता
read moreShailendra Singh Yadav
सावन आया। मनभावन आया। मिलकर सब झूला झूलें। नील गगन को छू लें। पींगे खूब बढ़ाएं । आकाश को चूम आएं। कल फिर न आएगा मनभावन सावन। अतीत की यादों में खो जाएंगे दिल को बहुत रूलााएगा बीता सुन्दर सावन। कविः-शैलेन्द्र सिंह यादव #gif शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता मनभावन सावन।
शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता मनभावन सावन। #Gif
read moreडॉ वीणा कपूर "वेणु"...
जय शिव शंकर,जय गंगाधर, करुणाकर करतार हरे। जय त्रिपुरारी,जय मदहारी, अमित अनंत अपार हरे।। सावन में मनभावन कर दो जय शिव परम कृपाल हरे।। ©Veena Kapoor सावन में मनभावन #Maha_shivratri
सावन में मनभावन #Maha_shivratri #कविता
read moreNaresh Chandra
मनभावन सावन मन की पुकार सुनलो मात् शारदे स्वच्छता हृदय भरदो मात् शारदे प्रीत की हो पूजा रहें प्रेम से सब भारत को ऐसा वरदान दो माँ शारदे। हरियाली ओढ़ रही धरती महरानी रंग बिरंगे फूलों से सज गई महरानी बागों मे बहार संग छाई हरियाली हरे हरे वस्त्र पहन रही धरती महरानी। मौसम के राजा ऋतुराज मुस्कराये प्यार की बहार लेकर स्वागत को आये सावनी मौसम झूम रहे सारे नर नारी प्रियतमा से प्रेम की गुहार है लगाये। 🌺🙏 लक्ष्मीनरेश 🙏🌺 मनभावन सावन #दिल_की_आवाज़ #Nojotohindi
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read moreNimisha Goswami
यूं तो रोज बरसता था मेरे मन का सावन जब से गए पिया परदेश सूना पड़ा है आंगन कोयल तेरी कूक, हूक उठाएं मेरे अंतर्मन में। मेरे मन की प्यास बढ़ाए सावन ये मनभावन। स्वरचित ©Nimisha Goswami #सावन ये मनभावन #nojoto❤
Harshit Mishra
मनभावन सावन लौट फिर आयी, संग में रिमझिम बारिश भी लायी, तप्ती धरती तृप्ति है पायी। मेघों ने हुंकार भरी है, हवाओं ने भी लिए हिलोरे, वातावरण में छाई हरियाली ! झूम रहे आनंदित जन, जन्तु सभी, पंछी मृदुल गीत गाते डाली डाली नाच रहे है वन में मोर, गूंज रही मेढक की टर-टर शोर, नव पुष्पों ने भी लिए अंगड़ाई यौवन में भी उभार है आयी, झूल रहे बच्चे झूला में औरत रही हरी चूड़ी खनकाई अन्नदाता किसान देश के, चले खेत में हल चलाने, नवसृजन की समय है आयी मनभावन सावन लौट फिर आयी। मनभावन सावन #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqhindi #sawan
Raginee Gupta
बचपन और बारिश न जाने वो बारिशें किस ओर मुड़ गई जो बिना डराए भिगो दिया करती थी अब तो भीगने से डर लगता है मन को समझाए बैठे है यूँ भीगना अच्छा नहीं #कविता#बारिश#सावन#स्कूलकेदोस्त
कविताबारिशसावनस्कूलकेदोस्त
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