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mehul rajput
कोई घर तो कोई हीरे जवाहरात कि तरफ देख रहे है हम तो काशी और अमरनाथ की तरफ देख रहे हैं मैं तो यहां भोले की मस्ती में मस्त हूं और भूले मेरे घर की तरफ देख रहे है हर हर महादेव ©mehul rajput जो हार को भी हरा दे वह शब्द है हर हर महादेव #Shiva
Ramanuj Tiwari
अपनों की कद्र नहीं ग़ालिब तेरी पनाह में सज़ा उसकी मिली,न थे शामिल जिस गुनाह में। ज़ख्म हरा था हरा ही रह गया मरहम दिल न मिला आकर तेरी दरगाह में। पैर फिसलता नहीं ख़ुदा तेरी उस दुनिया में सुकून मिलता है, बस आकर कब्रगाह में। मुक्कमल माफ़ी ही होती तेरी अदालत में गर रिस्वत का ख्याल ,न आता गवाह में। न काम की किच-किच न बॉस का चिर्र-पों बनकर राजा रहा करते थे चरागाह में। जब वक्त की तपिस हो , ज़रा ध्यान से सुनो 'दरिया' अपने फ़ैसले बदल दो उसकी निगाह में।। ज़ख्म हरा था हरा ही रह गया
ज़ख्म हरा था हरा ही रह गया
read moreEkta Gour
बेरंग मौसम रंगीला हो गया तु मेरे इश्क़ में हरा निला हो गया..! #इशक #हरा #निला
Parsh Rohin
एक दिन बादशाह अकबर घोड़े पर बैठकर शाही बाग में घूमने गए। साथ में बीरबल भी था। चारों ओर हरे-भरे वृक्ष और हरी-हरी घास देखकर अकबर को बहुत आनन्द आया। उन्हें लगा कि बगीचे में सैर करने के लिए तो घोड़ा भी हरे रंग का ही होना चाहिए। उन्होंने बीरबल से कहा, “बीरबल मुझे हरे रंग का घोड़ा चाहिए। तुम मुझे सात दिन में हरे रंग का घोड़ा ला दो। यदि तुम हरे रंग का घोड़ा न ला सके तो हमें अपनी शक्ल मत दिखाना।” हरे रंग का घोड़ा तो होता ही नहीं है। अकबर और बीरबल दोनों को यह मालूम था। लेकिन अकबर को तो बीरबल की परीक्षा लेनी थी। दरअसल, इस प्रकार के अटपटे सवाल करके वे चाहते थे कि बीरबल अपनी हार स्वीकार कर लें और कहें कि जहांपनाह मैं हार गया, मगर बीरबल भी अपने जैसे एक ही थे। बीरबल के हर सवाल का सटीक उत्तर देते थे कि बादशाह अकबर को मुंह की खानी पड़ती थी। बीरबल हरे रंग के छोड़ की खोज के बहाने सात दिन तक इधर-उधर घूमते रहे। आठवें दिन वे दरबार में हाजिर हुए और बादशाह से बोले, “जहांपनाह ! मुझे हरे रंग का घोड़ा मिल गया है।” बादशाह को आश्चर्य हुआ। उन्होंने कहा, “जल्दी बताओ, कहां है हरा घोड़ा ? बीरबर ने कहा, “जहांपनाह ! घोड़ा तो आपको मिल जाएगा, मैंने बड़ी मुश्किल से उसे खोजा है, मगर उसके मालिक ने दो शर्त रखी हैं। बादशाह ने कहा, “क्या शर्ते हैं?" “पहली शर्त तो यह है कि घोड़ा लेने कि लिए आपको स्वयं जाना होगा। “यह तो बड़ी आसान शर्त है। दूसरी शर्त क्या है ? “घोड़ा खास रंग का है, इसलिए उसे लाने का दिन भी खास ही होगा। उसका मालिक कहता है कि सप्ताह के सात दिनों के अलावा किसी भी दिन आकर उसे ले जाओ। अकबर बीरबल का मुंह देखते रह गए। बीरबल ने हंसते हुए कहा, “जहांपनाह! हरे रंग का घोड़ा लाना हो, तो उसकी शर्तें भी माननी ही पड़ेगी। अकबर खिलखिला कर हंस पड़े। बीरबल की चतुराई से वह खुश हुए। समझ गए कि बीरबल को मूर्ख बनाना सरल नहीं है। ©Parsh Rohin #City #हरा गौड़ा
#City #हरा गौड़ा #पौराणिककथा
read moreParasram Arora
मेरे पास हरा भरा चमन है और मेरी कठौती मे गंगाजल है फिर मैं क्यों पाप पुण्य को अपनी तराज़ू मे तोलता रहूँ जंगलके नींरव वन मे कुछघर उजलो क़े भी है फिर मैं नाहक क्यों नानक कबीर क़े घर खंगालता फिरू ©Parasram Arora हरा भरा चमन.....
हरा भरा चमन.....
read moreNikita Raj
Defeat the defeat before the defeat defeats you. हार को हरा दो इससे पहले की हार तुम्हें हरा दे! #हार #हरा दो