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अदनासा-
बापू की बोझिल सांसें शायरी में कहती है...... ज़मीन जहान से मैं हो चुका हूं फ़ना अब नही रहा वह ज़माना भला कैसे कह दूं हक़ से हक़ीक़त है क्या और क्या है फ़साना सुना है मैंने हुकूमत हांसील है चंद सफ़ेद लिबासी मुजरिमों को जो सीखाते है वतन परस्ती और सीखाते किसे कब है फँसाना ©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳Nojoto App #हिंदी #सियासत #हक़ीक़त #फ़साना #ज़माना #फँसाना #राजनीति #Instagram #Facebook #अदनासा शायर
अदनासा-
ढलती मेरी उम्र का यह कहना है तेरी ये जवानी हो रही रुख़्सत है लेकिन यारों मुहब्बत की ख़ातिर इस दिल को फ़ुर्सत ही फ़ुर्सत है ©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 Nojoto App #हिंदी #शायरी #उम्र #जवानी #फ़ुर्सत #रुख़्सत #Heart #Instagram #Facebook #अदनासा लव शायरी
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कोई ढूंढता है मंदिर तो कोई ढूंढता मस्जिद कोई गिरजाघर तो ढूंढता कोई गुरूद्वारा है ग़ज़ब बोलता है झूठ और करे नाहक ज़िद्द यह सीनाजोर सियासत मज़हब का मारा है तारीख़ें खोद नया वतन बनेगा भारत न्यारा अवाम मज़हबी अफ़ीम चाटने में मदमस्त है बाकी है आवामी "अदनासा" उम्मीद प्यारा इंसानियत का पैगाम जब-तक जबरदस्त है ©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/7KhY4q2Bb #हिंदी #सियासत #आवाम #मज़हब #अफ़ीम #जिद्द #जबरदस्त #Pinterest #Instagram #अदन
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"जनता, पत्रकार और सरकार" हृदय में कैद हर दबे, कुचले, डरे हुए, हर प्रकार के शब्दों को, जो निर्भीक वाणी दे सके, जो सत्ता के विरुद्ध हो तटस्थ नही, जिनमें आलोचना करने का बल हो, वही पत्रकार है और वही साहित्यकार है। परंतु वह नही जो हृदय में बंद हर शब्दों का दमन करे, भय के वातावरण का निर्माण करे, पक्षपाती व्यवहार करे, राजनैतिक विपक्ष को डांटे फटकारे, वह पत्रकार नही दलाल है, वही चाटुकार है, वही गोदी मिडिया है। वर्तमान में भारतीय पत्रकारिता गहरे गंदे नाले के गर्त में लिप्त हो चुकी है परंतु हर्षोल्लास में है, क्योंकि उसकी तथाकथित पत्रकारिता, मात्र एक सत्तासीन व्यक्ति के इर्द-गिर्द सिमटकर दम तोड़ चुकी है, वर्तमान संविधान में एक व्यक्ति का विधान चल रहा है, यही लोकतंत्र की व्यवस्था को कमज़ोर कर रहा है, इसे ही तानाशाही या डिक्टेटरशिप कहते है, इनका धार्मिक आस्थाओं से खेलना बाएं हाथ का खेल है, क्योंकि हमने जनसेवक नही अपितु सिंगोलधारी राजा चुना है। आज-कल का प्रचलित शब्द "अंधभक्ति या अंधभक्त" वास्तव में एक विशेष प्रकार की जनता के लिए संबोधित किया जाता है, जो सत्ता द्वारा हर प्रकार के निर्णय का समर्थन करती है, क्योंकि सत्ता द्वारा उसे केवल अपना हित साधना ही सिखाया गया है, उनके लिए शिक्षा, नौकरी, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोज़गार, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, अपराध आदि से, कोई लेना-देना नही होता, उन्हें मात्र अंतर्मुखी बना दिया, जैसा कि वह राजा स्वयं है, वैसे प्रजा भी कहीं ना कहीं, किसी ना किसी की अंधभक्ति में अवश्य है। इसलिए कहते है जैसा राजा वैसी प्रजा। जय हिंद जय भारत।💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 ©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/3uxwXGlCs #भारतीय #पत्रकारिता #हिंदी #जनता #सरकार #अंधभक्त #चाटुकार #Pinterest #Instag
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read moreRameshkumar Mehra Mehra
White बेशक मै.................... तुम्हारी जिंदगी का बो गुलाब नही....! जो तुम्हारी जिंदगी को महका देता..!! लेकिन हाँ......!!! मै तुम्हारी जिंदगी का बो पेड जरूर था..!!! जिसकी छाँव मे तुम आपने जीबन की...!!!! हर तपिश से मुक्त हो सकती थी....!!!!! अफसोस,तुम समझ ना सकी....💓 ©Rameshkumar Mehra Mehra # बेशक मै..... तुम्हारी जिंदगी का बो गुलाब नही,जो तुम्हारी जिंदगी को महका देता,लेकिन हाँ,मै तुम्हारी जिंदगी का बो पेड जरुर था,जिसकी छाॅब मे
# बेशक मै..... तुम्हारी जिंदगी का बो गुलाब नही,जो तुम्हारी जिंदगी को महका देता,लेकिन हाँ,मै तुम्हारी जिंदगी का बो पेड जरुर था,जिसकी छाॅब मे
read moreAnuradha T Gautam 6280
s गोल्डी
बेशक मैं - तुम्हारी ज़िंदगी का वो गुलाब नहीं जो तुम्हारी ज़िंदगी को महका देता लेकिन हाँ.... मैं तुम्हारी ज़िंदगी का वो पेड़ ज़रूर था जिसकी छाँव में तुम अपने जीवन की हर तपिश से मुक्त हो सकते थे अफ़सोस , तुम समझ न सके !! 🩶✨ ©s गोल्डी बेशक मैं - तुम्हारी ज़िंदगी का वो गुलाब नहीं जो तुम्हारी ज़िंदगी को महका देता लेकिन हाँ.... मैं तुम्हारी ज़िंदगी का वो पेड़ ज़रूर था जिसकी छाँ
बेशक मैं - तुम्हारी ज़िंदगी का वो गुलाब नहीं जो तुम्हारी ज़िंदगी को महका देता लेकिन हाँ.... मैं तुम्हारी ज़िंदगी का वो पेड़ ज़रूर था जिसकी छाँ
read moreगोरक्ष अशोक उंबरकर
White गावानं निरोप दिला तुला शहराने बोलावलं.. ऐकून घेताक्षणी मनातलं सारं सुख हरवलं.. भिरभिरणाऱ्या मनाला जबाबदारीनं समजावलं.. समजवताना डोळ्यांना पाण्याने मात्र भरवलं.. भरलेल्या डोळ्यानी फिरून जगाकडे पाहिलं.. पाहता पाहता पाऊल क्षणात शहराकडे वळालं.. पाहता पाहता पाऊल क्षणात शहराकडे वळालं.. ©गोरक्ष अशोक उंबरकर गाव
गाव
read moreNirupama Mishra
White पानी में चित्र और वाणी में चरित्र नज़र आता है.... ©Nirupama Mishra #चित्र #चरित्र #नज़र मोटिवेशनल कोट्स हिंदी कोट्स इन हिंदी