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journalistrajashrivastava

सुखिया सब आरक्षित है। सुविधा लेकर भी शोषित कहलाये। दुखिया सब अनारक्षित है। सुविधा खोकर भी अत्याचारी कहाये। KalyugKaRawan👑😎🕉️🙏 GoldDigger💰 #poem #कलयुगकारावण

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सुखिया सब आरक्षित है।
सुविधा लेकर भी शोषित कहलाये।
दुखिया सब अनारक्षित है।
सुविधा खोकर भी अत्याचारी कहाये।
#KalyugKaRawan👑😎🕉️🙏
#GoldDigger💰
#कलयुगकारावण सुखिया सब आरक्षित है।
सुविधा लेकर भी शोषित कहलाये।
दुखिया सब अनारक्षित है।
सुविधा खोकर भी अत्याचारी कहाये।
#KalyugKaRawan👑😎🕉️🙏
#GoldDigger💰

हेयर स्टाइल by mv

#मुझ जैसे दुखिया की पुकार सुनले # #मीम

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NAGENDRA MOHAN SHUKLA

साखी : कबीरदास जी सुखिया सब संसार है l व्याख्या - नागेन्द्र मोहन शुक्ल #कविता

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Shravan Goud

तमाम जिंदगी पुरी जीने के लिए जी-जान लगा देते हैं फिर अधुरापन लगा रहता है। दुखिया सारा संसार।

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कोई भी पुरणमासी का चंद्रमा नही होता 
सब के सब अधुरे। अधुरापन पुरा करने 
की आस में सारी जिंदगी कट जाती फिर
भी पूर्ण जीवन नही जी पाते। तमाम जिंदगी पुरी जीने के लिए जी-जान लगा देते हैं फिर अधुरापन लगा रहता है। दुखिया सारा संसार।

Nain

जब नयनों में सूनापन था, जर्जर तन था, जर्जर मन था, तब तुम ही अवलम्ब हुए थे मेरे एकाकी जीवन के! जाओ कल्पित साथी मन के! सच, मैंने परमार्थ ना स #Yaari #शायरी

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Pankaj Singh Chawla

दरख्त- पेड़ वांग-उसकी तरह मिह-बारिश कदे हरे-भरे दरख्त वांग हुंदे सी असी, हवा संग झुमदे सी असी, परिंदया वांग उड़दे सी असी, नाचढे टपदे दिन बिता #Punjabi #yqbaba #yqdidi #YQPaaji #darakht #pchawla16 #yqpowrimo #sukka

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कदे हरे-भरे दरख्त वांग हुंदे सी असी,
हवा संग झुमदे सी असी,
परिंदया वांग उड़दे सी असी,
नाचढे टपदे दिन बिताउंडे सी असी,
ज़िन्दगी ने इहो जेहा रुख बदलिया,
सुक्खे पतेया वांग रूल गए आ,
दर-दर दी ठोकर खा रहे आ,
बेजान शाखा वांग रह गए आ
हुन इको ही आस आ उस रब तो,
ओह मिह बरसावेगा,
सुखिया शाखावा विच जान पावेगा,
ज़िन्दगी नु फिर तो खुशहाल बनावेगा,
मेरी ज़िन्दगी विच फिर सावन लौट आवेगा,
इह "पंकज" रब दा लख-लख शुकर मनावेगा।।
 दरख्त- पेड़
वांग-उसकी तरह
मिह-बारिश

कदे हरे-भरे दरख्त वांग हुंदे सी असी,
हवा संग झुमदे सी असी,
परिंदया वांग उड़दे सी असी,
नाचढे टपदे दिन बिता

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मरहटा छन्द  १०, ८,  ११ पर यति चरणांत गुरु लघु  हे मातु भवानी ,अम्बे रानी , करो कृपा इस बार । मैं जग से हारा , आप सहारा , कर दो अब उपकार #कविता

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मरहटा छन्द 
१०, ८,  ११ पर यति चरणांत गुरु लघु 

हे मातु भवानी ,अम्बे रानी , करो कृपा इस बार ।
मैं जग से हारा , आप सहारा , कर दो अब उपकार ।।
अब शरण तुम्हारे , तुम्हें पुकारे , करो मातु उद्धार ।
माँ दर्शन देकर , विपदा हरकर ,  कर दो भव से पार ।।

मैं मूरख प्राणी , उलटी वाणी , करूँ भूल स्वीकार ।
हे जगत विधाता , तुम ही दाता , तुम ही पालनहार ।।
है नाम तुम्हारा , एक सहारा , दुखिया है संसार ।
अब तो दया करो , मत नीर भरो , पुन: लियो अवतार ।।

१३/०९/२०२३     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मरहटा छन्द 

१०, ८,  ११ पर यति चरणांत गुरु लघु 


हे मातु भवानी ,अम्बे रानी , करो कृपा इस बार ।

मैं जग से हारा , आप सहारा , कर दो अब उपकार

Sonu Jaat

क्या बुझोगे जनाबे आली बस बुरी तरह बर्बाद हूँ मैं मेरी मां का नाम तो आजादी उस का बेटा आजाद हूँ मैं 1 इस भारत माँ को दुखी देख दुख भारी मेरे त #nojotovideo

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Yashpal singh gusain badal'

तू मेरे मन की क्या कहे ; तू अपने मन की बोल ! क्यों मेरे मुख से चाहता ; अपने मन के बोल ? कांटे भी थे फूल भी ; इस जीवन के नाम । तुम फूलों के #कविता #fullmoon

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तू मेरे मन की  क्या  कहे ;
तू  अपने मन  की  बोल !
क्यों  मेरे मुख से चाहता ;
अपने   मन    के    बोल ?

कांटे भी थे फूल भी ;
इस जीवन के नाम ।
तुम फूलों के वास्ते ;
सदा  हुए  बदनाम ।

गर तुझको इनकार था 
तो  कर  देते   इनकार ,
बे  मन  क्यों  ढोते  रहे,
मेरे    मन   का   भार ।

तुझको पलकों में रखा 
हुई   क्या  हमसे   भूल
फूलों  की   उम्मीद  थी 
तुम   चुभा  रहे  थे शूल

मन के अंदर जहर है
बाहर   है     मुस्कान
अंदर  तो   शैतान   है
बाहर    से    इंसान ।
 
 सुख बस टीले से रहे ,
 गम  के   बने   पहाड़ ,
 मन के  जीते जीत है ,
 मन   के   हारे   हार ।
 
सोच बना ली आपने ,
दुखिया  सब   संसार,
सुख दर्शन होंगे कहाँ,
मन  ही  जब  बीमार ।

©Yashpal singh gusain badal' तू मेरे मन की क्या कहे ;
तू अपने मन की बोल !
क्यों मेरे मुख से चाहता ;
अपने मन के बोल ?

कांटे भी थे फूल भी ;
इस जीवन के नाम ।
तुम फूलों के

kavi manish mann

ईश्वर प्रार्थना Korona vaouras सारी सृष्टि के आधार, हे ईश्वर हे प्राणनाथ। संकट रहित करो संसार, विनय करूंँ मैं बारम्बार। जल में, #भगवान #yqdidi #yqhindi #yqlove #hindunavvarsh #koronavirus #ईश्वरीयशक्ति

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सारी सृष्टि के आधार, हे ईश्वर हे प्राणनाथ। 
संकट रहित करो संसार, विनय करूंँ मैं बारम्बार।

जल में, थल में, नीलगगन में तुम, तुम ही हो निराकार।
तेरे अनन्न भक्त हैं भगवान, कर दो भक्तों का उद्धार।

हे जग के स्वामी अन्तर्यामी, तुम ही हो तारणहार।
त्रुटियांँ सारी क्षमा करो प्रभु, विनय करे "मन"  बारम्बार।

बीच धार में नैया है प्रभु , इस पार करो या उस पार।
अन्तिम आश आप पर भगवन, दुखिया जन की सुनो पुकार।

आज अगर न सुना किसी की , दुनिया कहेगी निराधार।
सारे जीव सुखमय हो जाएंँ, कर दो प्रभु कुछ चमत्कार।
        ईश्वर प्रार्थना
   Korona vaouras

सारी सृष्टि के आधार, हे ईश्वर हे प्राणनाथ। 
संकट रहित करो संसार, विनय करूंँ मैं बारम्बार।

जल में,
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