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स्मृति.... Monika
#DelhiPollution आँख खुली तो देखा धुंध में डूबी थी सहर बाहर जाकर देखा तो धुएँ में डूबा था शहर, दम में घुटन, आँखों में चुभन, आखिर था किसका असर, कवि हूँ तो यह मत समझ लेना कि दिल लगाने का होगा असर, सच तो है - धीरे -धीरे हवा में घुल रहा था जहर, कितनी तेज हो रही है जिंदगी की रफ्तार, सड़कों पर इंशा से ज्यादा दौड़ती हैं बस व कार, साँस लेना हुआ दूभर, शरीर हो रहा बीमारियों का घर, आखिर कौन है इस बढ़ते प्रदूषण का जिम्मेदार, दिल में झांक कर देखो तो आएगी आवाज, असल में हम ही हैं अपनी मौत के जिम्मेदार, दरख्त कटते जा रहें, जंगलो का न रहा नामों निशां ऊँची-ऊँची इमारतें, धुंध में डूबी हर दिशा, क्या अब भी सोते रहेगें हम, क्या अब भी कुछ न करेंगे हम,? वृक्ष को बचाओ, कुछ दूर पैदल चल कर जाओ बेवजह ईंधन मत जलाओ | #रोक लो इस बढ़ते #प्रदूषण को, #रोक लो #यमुना जल #दूषण को || स्मृति.... Monika
Poetry with Avdhesh Kanojia
#DelhiPollution आज की राजनीति में भी उपस्थित हैं खर और दूषण। राजनीतिक प्रदूषण की देन है यह वायु प्रदूषण। आज की राजनीति में भी उपस्थित हैं खर और दूषण। राजनीतिक प्रदूषण की देन है यह वायु प्रदूषण।
आज की राजनीति में भी उपस्थित हैं खर और दूषण। राजनीतिक प्रदूषण की देन है यह वायु प्रदूषण। #delhipollution #कविता
read morePoetry with Avdhesh Kanojia
प्रदूषण आज की राजनीति में भी उपस्थित हैं खर और दूषण। राजनीतिक प्रदूषण की देन है यह वायु प्रदूषण। #प्रदूषण #airpollution #delhi #दिल्ली #मुश्किल #सांस #life प्रदूषण आज की राजनीति में भी उपस्थित हैं खर और दूषण। राजनीतिक प्रदूषण
✍️ लिकेश ठाकुर
खर भी चूषण कर रहे, अफवाहों के बाजारों में, शुद्ध हवा दूषण कर रहे, जयचंदों के बहकावे में। *खर-गधा; ✍️लिकेश ठाकुर खर भी चूषण कर रहे, अफवाहों के बाजारों में, शुद्ध हवा दूषण कर रहे, जयचंदों के बहकावे में। *खर-गधा; ✍️लिकेश ठाकुर Mukesh Patel smi Dwipen Shah
खर भी चूषण कर रहे, अफवाहों के बाजारों में, शुद्ध हवा दूषण कर रहे, जयचंदों के बहकावे में। *खर-गधा; ✍️लिकेश ठाकुर Mukesh Patel smi Dwipen Shah #कविता
read moreVɪsʜɴᴜ Bʜᴀsᴋᴀʀ Mɪsʜʀᴀ
*होली* सौहार्द प्रेम सदभाव ह्रदय, दमके सिर चंदन शुभ रोली। अघ दूषण परिहर त्रय ताप मिटैं,जीवन सरसै बन रंगोली।। रंग अबीर गुलाल चलै, परिहास हास आनंद घनो, मनकाम्य शुभम् हरि मनस प्रखर,समृद्ध सुखद सबकी होली।। भैयाभास्कर की तरफ आप सभी को होली की ढेरों सारी शुभकामनाएं। _भैयाभास्कर🚩🚩🙏 *होली* सौहार्द प्रेम सदभाव ह्रदय, दमके सिर चंदन शुभ रोली। अघ दूषण परिहर त्रय ताप मिटैं,जीवन सरसै बन रंगोली।। रंग अबीर गुलाल चलै, परिहास हा
*होली* सौहार्द प्रेम सदभाव ह्रदय, दमके सिर चंदन शुभ रोली। अघ दूषण परिहर त्रय ताप मिटैं,जीवन सरसै बन रंगोली।। रंग अबीर गुलाल चलै, परिहास हा #कविता
read moreRJ कैलास नाईक
नकोच मजला कोणते शब्द भरजरी नात्यास दूषणे नसावी तुझ्या कधी उरी कोण केला गुन्हा सजा कुणाला झाली अपेक्षांच्या जगात भरकटली दुनिया सारी शब्द अपुरे पडतात भावनांच्या वैराग्यात सोसवेना खुलाश्यांची निष्प्रभ लाचारी मन वेडावते खुळ्यागत शापित एकांतात अश्रू कोसळण्यास कधीचे अधीर जरी डगमगली जरी प्रेमाची नौका हिंदोळ्यावर नात्यांचा प्रवास न्यावा लागेल पैलतीरी RJ कैलास #नकोच मजला कोणते शब्द भरजरी नात्यास दूषणे नसावी तुझ्या कधी उरी कोण केला गुन्हा सजा कुणाला झाली अपेक्षांच्या जगात भरकटली दुनिया सारी शब्द
#नकोच मजला कोणते शब्द भरजरी नात्यास दूषणे नसावी तुझ्या कधी उरी कोण केला गुन्हा सजा कुणाला झाली अपेक्षांच्या जगात भरकटली दुनिया सारी शब्द
read moreNisheeth pandey
दोस्तों 7 साल पहले फेसबुक पर लिखा था आज मेमोरी में शो किया तो मन किया आपको भी पढ़ा दूँ । आज इस पोस्ट का आपलोग जवाब कॉमेंट में बता सकते हैं ☺️👌 राम के युग में दो राक्षस थे , खर और दूषण आज के युग का सबसे बड़ा राक्षस है #प्रदुषण उनको तो मारा था #श्रीराम ने और किया था उद्धार, इसको मार सके कोई उसने लिया नहीं अभी अवतार........ ©Nisheeth pandey दोस्तों 7 साल पहले फेसबुक पर लिखा था आज मेमोरी में शो किया तो मन किया आपको भी पढ़ा दूँ । आज इस पोस्ट का आपलोग जवाब कॉमेंट में बता सकते हैं
Vibhor VashishthaVs
अर्थात-: आप चार-सशस्त्र हैं, सबसे सुंदर और आभूषणों के साथ अलंकृत हैं। आपके हाथों की स्थिति ऐसी लगती है जैसे आप इसकी अशुद्धियों की दुनिया को शुद्ध कर रहे हैं। आपकी हथेलियाँ, जो कमल की तरह लाल हैं, कोमल और सौन्दर्य के सागर के रूप में आपके गुणों को जीतती हैं और आपके गुणों को गहरा और अटूट बनाती हैं। आप वास्तव में आनंद का खजाना घर हैं। 🏵🏵🙏जय जय श्री हरि🙏🏵🏵 🏵🏵🙏जय जय नारायण🙏🏵🏵 __Vibhor Vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ रूप चतुर्भुज भूषित भूषण। वरद हस्त, मोचन भव दूषण।। कंजारूण सम करतल सुन्दर। सुख समूह गुण मधुर समुन्दर।। अर्थात-: आप चार-सशस्
Meri Diary Vs❤❤ रूप चतुर्भुज भूषित भूषण। वरद हस्त, मोचन भव दूषण।। कंजारूण सम करतल सुन्दर। सुख समूह गुण मधुर समुन्दर।। अर्थात-: आप चार-सशस् #yourquote #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yourquotebaba #hari #yourquotedidi #vs❤❤
read morei am Voiceofdehati
लोग कहते हैं आज की शिक्षा भूषण के बजाय दूषण का काम कर रहीं हैं, लेकिन इसमें गलती शिक्षा की नहीं हमारे विचारों की है हमारे विचार हमारे चरित्र का निर्माण करते हैं और शिक्षा तो मात्र जरिया है विचारों को संतुलित रखने का लेकिन बुरे विचार क्षणिक सुख के लिए वर्तमान और भविष्य को भूला देते हैं, जिससे चरित्र का पतन होगा ही, अपितु पूरे परिवार को पथभ्रष्ट कर देगा एक बुरे विचार का व्यक्ति किसी कुनबे में पैदा हो जाए तो वह पूरे कुनबे को बर्बाद कर देता है वो वायरस से भी अधिक खतरनाक होता है ऐसे व्यक्ति का एक मात्र उपाय उसको खुद से अलग कर लो या बहिष्कृत कर दो। लोग कहते हैं आज की शिक्षा भूषण के बजाय दूषण का काम कर रहीं हैं, लेकिन इसमें गलती शिक्षा की नहीं हमारे विचारों की है हमारे विचार हमारे चरित्र
लोग कहते हैं आज की शिक्षा भूषण के बजाय दूषण का काम कर रहीं हैं, लेकिन इसमें गलती शिक्षा की नहीं हमारे विचारों की है हमारे विचार हमारे चरित्र
read moreanil prajapati
कभी किसी ने सोचा था एक दिन ऐसा भी आएगा। पशु पक्षी होंगे स्वच्छंद विचरते मानव कैद हो जाएगा। प्रकृति खेल रही धरती माँ के गोदी में निर्मल जब मानव हुआ कैद कंक्रीट के पिंजरों में। खग मृग,घूम रहे निर्भय होकर वन, उपवन दिखे न मानव सब देखत कौतूहल नजरों से। नदिया अपने पाप धो, हो रही मुक्त दूषण से, इस धरती पर फिर जब हरित वन लहराएगा कभी किसी ने सोचा था एक दिन ऐसा भी आएगा। पशु पक्षी होंगे स्वच्छंद विचरते मानव कैद हो जाएगा। हुआ आकाश धुंआ रहित, ऊगा चाँद दूधिया, बह रही स्वच्छ पवन शीतलता युक्त वादी है । धूल रहे शाहिल अब निर्मल सागर की लहरों में हुआ कैद जब मानव, प्रकृति की आजादी है । करने को न्याय पशु,पछी,नदी,वन,वायुमंडल संग वायरस का रूप धर फिर केशव धरती पर आएगा। कभी किसी ने सोचा था एक दिन ऐसा भी आएगा। पशु पक्षी होंगे स्वच्छंद विचरते मानव कैद हो जाएगा। #lockdown #corona कभी किसी ने सोचा था एक दिन ऐसा भी आएगा। पशु पक्षी होंगे स्वच्छंद विचरते मानव कैद हो जाएगा। प्रकृति खेल रही धरती माँ के गोद