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Devesh Dixit
आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दंड इंद्र ने है दिया, हन पर मारी चोट। देवों ने तब वर दिया, ले कर उनको ओट। हैं भक्त प्रभू राम के, महाबली हनुमान। लाँघ सिंधु भी वो गये, ह्रदय राम को जान। संकट भक्तों के हरें, करें दुष्ट संहार। जो भजते प्रभु राम को, लेते हनुमत भार। भय की कभी न जीत हो, सुख की हो भरमार। हनुमत कृपा करें तभी, और बनें आधार। ................................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #आंजनेय #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दं
Shivkumar
Meri Mati Mera Desh मेरी माटी मेरा देश हमारा देश तो जैसे गंगा सागर सा है इसकी माटी तो अति पावन है देवों की भी यह मानस माता है ये धरती मां बंधुत्व भाव ही दिखलाती है गंगा , जमुना और सरस्वती जी वो संगम तट पर बहती नित धारा है सांझ सकरे सिंधु चरण पखारे कश्मीर मुकुट सा लगता प्यारा है मेरी माटी मेरा देश अलग सभी से बोली भाषा और भिन्न यहां गण वेश ये प्रेम से भरा हुआ अनेकता मे एकता का है एकता मे अनेकता का ये संसार यहां है पानी से पत्थर तक सब पूजे जाते हैं कण कण मे भी मेरे प्रभु समझे जाते हैं यहीं से खुलता सतयुग का प्रवेश द्वार है ऋषि मुनियों का अब भी बसता संसार है मुझे मेरी माटी मेरे देश पर गर्व है मुझे इसके विशेष होने पर गर्व है अखिल विश्व को भी समझा सकता हूं क्यों है प्यारी मेरी माटी मेरा देश ©Shivkumar #MeriMatiMeraDesh #Nojoto #nojotohindi मेरी माटी मेरा देश
Ashutosh Mishra
गुजरना पड़ता है जिंदगी कोई मानसूनो से, सिर्फ एक बारिश से, धरती की प्यास नहीं बुझती। बहुत प्यारी और खूबसूरत है ये जिंदगी दोस्तों, इसे खुशी खुशी जिओ,,,,,,,, उलझनें सब की जिंदगी में आती है, उलझनों में नहीं,, उलझनों से उलझो। कर्म अपना करते रहो,लेकर हरि का नाम, सारी बाधा हरेंगे,करूणा सिंधु गणराज। अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #GuzartiZindagi गुजरना पड़ता है जिंदगी को कई मानसूनो से। सिर्फ एक ही बारिश से धरती की प्यास नहीं बुझती। बहुत प्यारी और खूबसूरत है यह जिंदगी
Niraj Srivastava
सिंधु पार असंभव हो तो, हनुमान संभव बनाते है एक छलांग लगाकर स्वयं, वह वायु मार्ग से जाते हैं। नीरज श्रीवास्तव मोतिहारी, बिहार ©Niraj Srivastava सिंधु #Butterfly #NirajKiKalamSe #नीरज_श्रीवास्तव #niraj_srivastava_motihari #niraj_kavi #niraj_motihari #niraj_srivastava #poem Bizzy Boyf
Devesh Dixit
आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दंड इंद्र ने है दिया, हन पर मारी चोट। देवों ने तब वर दिया, ले कर उनको ओट। हैं भक्त प्रभू राम के, महाबली हनुमान। लाँघ सिंधु भी वो गये, ह्रदय राम को जान। संकट भक्तों के हरें, करें दुष्ट संहार। जो भजते प्रभु राम को, लेते हनुमत भार। भय की कभी न जीत हो, सुख की हो भरमार। हनुमत कृपा करें तभी, और बनें आधार। ................................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #आंजनेय #दोहे आंजनेय आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दंड इंद्र ने है दिया, हन पर मारी चोट।
Archana Tiwari Tanuja
हैं शरण तिहारी :- क्षमहु नाथ अब! सब भूल-चूक हमारी, करहु कृपा कृपा सिंधु अपराध बिहारी। मैं मूढ़ मति!अधम बहुत हूं मेरे प्रभु जी, करो कृपा!कृपा निधान है शरण तिहारी। अर्चना तिवारी तनुजा ©Archana Tiwari Tanuja #krishna #shhama #Nojoto #MyThoughts 31/05/2023 हैं शरण तिहारी :- क्षमहु नाथ अब! सब भूल-चूक हमारी, करहु कृपा कृपा सिंधु अपराध बिहारी। मैं
ARUN KUMAR PRAJAPATI
"साज लो कृपाण अंधकार हो गया।" ( कैप्शन ) साज लो कृपाण अंधकार जो गया। तरकशों में तीर फुफकारने लगे, बेड़ियों में वीर अब गुहारने लगे, कांपती धरा है नभ भी काँपने लगे, खोल कर जटा को शम्भ
atrisheartfeelings
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥ गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥ गरुड़ सुमेरु रेनु सम ताही। राम कृपा करि चितवा जाही॥ अति लघु रूप धरेउ हनुमाना। पैठा नगर सुमिरि भगवाना॥ मंदिर मंदिर प्रति करि सोधा। देखे जहँ तहँ अगनित जोधा॥ गयउ दसानन मंदिर माहीं। अति बिचित्र कहि जात सो नाहीं॥ सयन किएँ देखा कपि तेही। मंदिर महुँ न दीखि बैदेही॥ भवन एक पुनि दीख सुहावा। हरि मंदिर तहँ भिन्न बनावा॥ #sundarkand #sunderkand #ananttripathi #atrisheartfeelings #devotional #goodmorning प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥ गरल
एक इबादत
रूख मोड़कर सिन्धु नदी का ...चलों उसे भारत में लाया जायें... पडी़ हुई है जो अभी गोड्सें की अस्थियां उसका उसमें विसर्जन किया जायें...!! # बहुत ही कम लोगों को पता होगा महात्मा गाँधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोड्से ने सिंधु नदी को भारत में लाने का भरसक प्रयत्न किया था, उन्हों