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New उपहार होमगार्ड ड्यूटी Quotes, Status, Photo, Video

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Ankit Singh

शायद किसी जानवर का सबसे बड़ा उपहार इस बात की स्थायी याद दिलाना है कि हम वास्तव में कौन हैं #Animals

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N S Yadav GoldMine

#lakeview {Bolo Ji Radhey Radhey} हमें भगवान श्री कृष्ण जी को, चित्र में नही, चिंतन में लाना चाहिए, हमें अपनी वाणी, अपना चरित्र, अपना यह अनम #विचार

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Praveen Jain "पल्लव"

#Holi होली के मिलन का उपहार दे दो #nojotohindi #कविता

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hardik Mahajan

वह मासूम और प्यारी खुशनसीब है, वह हम सबके लिए कुछ न कुछ करती है, वह हर दिन नए उपहार देती है, सच कहूँ तो वह हमारी असली सांता क्लॉज़ हैं,

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वह मासूम और प्यारी खुशनसीब है,
 वह हम सबके लिए कुछ न कुछ करती है, 
वह हर दिन नए उपहार देती है, 
सच कहूँ तो वह हमारी असली सांता क्लॉज़ हैं, 
वह हम सभी की सांता क्लॉज़ है, 
वह सबका सम्मान करती है,
दिल से शुक्रिया करता है दिल उसे
 जिसने हम पर इतना प्यार लुटाया हैं ❤️🙏
बहुत बहुत शुक्रिया अंशु दीदी आपका ❤️🙏
शुक्रिया दीदी❤️🙏

©@छोटा लेखक हार्दिक वह मासूम और प्यारी खुशनसीब है,
 वह हम सबके लिए कुछ न कुछ करती है, 
वह हर दिन नए उपहार देती है, 
सच कहूँ तो वह हमारी असली सांता क्लॉज़ हैं,

Baba Singh

#fisherman कीमती उपहार #शायरी

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Ravishankar Nishad

ड्यूटी में टाइम निकलता नहीं घर में टाइम निकल जाता है पता नहीं टाइम का क्या रिश्ता है #ज़िन्दगी

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Devesh Dixit

#हँसी #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi हँसी (दोहे) हँसी खिले मुख पर तभी, जीवन हो आसान कहते हैं सज्जन सभी, बात यही तू मान।। आनंदित म #Poetry #sandiprohila

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

प्रदीप छन्द दर-दर भटक रहा है प्राणी , जिस रघुवर की चाह में । वो तो तेरे मन में बैठे , खोज रहा क्या राह में ।। घर में बैठे मातु-पिता ही , सु #कविता

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प्रदीप छन्द

दर-दर भटक रहा है प्राणी , जिस रघुवर की चाह में ।
वो तो तेरे मन में बैठे , खोज रहा क्या राह में ।।
घर में बैठे मातु-पिता ही , सुन रघुवर के रूप हैं ।
शरण चला जा उनके प्यारे , वह भी तेरे भूप हैं ।।

मन को अपने आज सँभालो , उलझ गया है बाट में ।
सारे तीरथ मन के होते , जो है गंगा घाट में ।।
तन के वस्त्र नहीं मिलते तो, लिपटा रह तू टाट में ।
आ जायेगी नींद तुझे भी , सुन ले टूटी खाट में ।।

जितनी मन्नत माँग रहे हो , जाकर तुम दरगाह में ।
उतनी सेवा दीन दुखी की , जाकर कर दो राह में ।।
सुनो दौड़ आयेंगी खुशियाँ , बस इतनी परवाह में ।
मत ले उनकी आज परीक्षा , वो हैं कितनी थाह में ।।

जीवन में खुशियों का मेला , आता मन को मार के ।
दूजा कर्म हमेशा देता , सुन खुशियां उपहार के ।।
जीवन की भागा दौड़ी में , बैठो मत तुम हार के ।
यही सीढ़ियां ऊपर जाएं ,  देखो नित संसार के ।।

२८/०२/२०२४       -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR प्रदीप छन्द

दर-दर भटक रहा है प्राणी , जिस रघुवर की चाह में ।
वो तो तेरे मन में बैठे , खोज रहा क्या राह में ।।
घर में बैठे मातु-पिता ही , सु

Chaurasiya4386

क्या ख़ूब होगा जिस दिन तेरा दीदार होगा, एक दीवाने के लिए इससे बड़ा क्या #उपहार होगा.. #शायरी

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Bharat Bhushan pathak

#LongRoad निश्चल धार जीवन उपहार। लोकाचार सुन्दर व्यवहार। प्रकृति सन्देश क्यों क्लेश। आप दूर हटें देख छद्मवेश। नहीं जरूरी बस जी धन। स्वस्थ र #Poetry

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