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aaj_ki_peshkash

विझलो आज जरी मी, हा माझा अंत नाही... पेटेन उद्या नव्याने, हे सामर्थ्य नाशवंत नाही #मराठी #सुरेशभट #कविता #गझल #आग

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Lotus Mali

शब्द झाले पोरके सांगू व्यथा कोणास मी तू माझा उन मी तुझी परी एकमेकांसवे वेगळे किती... -LotusMali https://lotusshayari.blogspot.com/ #Shayari

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Krishna

#aaina तु जर खरंच माझा Topic असता ना, तर तुला कधीच Change केला असता.. पण तु माझी Life आहेस, And I Can’t Change My Life ????…

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Sangeeta Kalbhor

अभंग... तुझ्या समीप येण्याचे नकोत मला बहाणे तुला जाणवावे आवडते समीप तुझ्या राहणे तन माझे भेदणारा कटाक्ष तुझा करारी सावळ्याची राधा मी सावळा #शायरी

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Adv.Ranjeet Kumar

#kohra डसने आ ग।ए है/#follow/#hindishayri/#sadshayri/shayri/#✍️ Ranjeet Kumar... #शायरी #nojotoshayri

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Kavi Avinash Chavan(युवा कवी)

गावं माझा वेदना... #मराठीकविता

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Dhanraj Gamare

जेवढ्या जागतिक संस्था बघत आहेत इच्छुकांचे फोन आले पाहिजेत कारण मला ७ वर्ष मी कारभार बघितला तुमचा फक्त थातुर मातुर काम करण्यात आले मी सर्व बघ #मराठीसंस्कृति

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ARVIND KUMAR KASHYAP

किसी की गरीबी देखकर रिश्ता मत तोड़ना क्योंकि गरीब के घर जो सम्मान मिलता है न वह धनी व्यक्ति के घर नसीब नहीं होता #विचार

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल वो सभी तो धनी से मिलते हैं । वो कहाँ आदमी से मिलते हैं ।।१ #शायरी

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ग़ज़ल

वो सभी तो धनी से मिलते हैं ।
वो कहाँ आदमी से मिलते हैं ।।१
रात दिन की बेकसी से मिलते हैं ।
फिर नहीं वो किसी से मिलते हैं ।।२
यार सागर समझ ले तू उनको ।
आजकल वो सभी से मिलते हैं ।।३
क्या उन्हें हम समझ ले अब कान्हा ।
इस तरह जो बासुरी से मिलते है ।।४
जाने क्या हो गया सनम को अब ।
आजकल बेरुखी से मिलते हैं ।।५
वो दिखाकर गये हमें तारा ।
लौटकर हम तुम्ही से मिलते हैं ।।६
ख़्व़ाब आकर चले गये सारे ।
अब गले हम ख़ुदी से मिलते हैं ।।७
अब कहीं और जी नहीं लगता ।
चल उसी जलपरी से मिलते हैं ।।८
यूँ तो घड़ियां गुजार दूँ तुम बिन ।
डर है की ज़िन्दगी से मिलते हैं ।।९
बीवियाँ अब नहीं सँवरती घर ।
चल खिली फिर कली से मिलते हैं ।।१०
प्यार में इस तरह प्रखर पागल ।
छोड़ जग गृहिणी से मिलते हैं ।।११

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल


वो सभी तो धनी से मिलते हैं ।

वो कहाँ आदमी से मिलते हैं ।।१

Shivkumar

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