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Irfan Saeed
White अपना ये है कि कोई मस'अला नही होगा तुमसे बिछड़ा तो कोई दूसरा नहीं होगा तुम तो गैरों से मिलके इज्जते उछाले हो याद रखना कोई अब राब्ता नहीं होगा तेरे अल्फाजों में छुपे हैं बहुत ही खंजर मर भी जाऊ तो कोई वास्ता नहीं होगा तुमको जाने की जिद है और मुझको मरने की दूसरा कोई अजी रास्ता नहीं होगा मेरी जुदाई में कुछ साजिशें थी लोगों की आज देखू तो कोई ग़म-ज़दा नहीं होगा तेरे तीरों से, तेरे तानों से बरी अब हूं रब ने चाहा तो कोई हादसा नहीं होगा तेरा इरफ़ान तुझसे आज अभी कहता है मुहब्बत इब्तिदा है इंतहा नही होगा ©Irfan Saeed अपना ये है कि कोई मस'अला नही होगा तुमसे बिछड़ा तो कोई दूसरा नहीं होगा तुम तो गैरों से मिलके इज्जते उछाले हो याद रखना कोई अ
Mahadev Son
White जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना है अर्थ - भौतिक समृद्धि, आय सुरक्षा, जीवन के साधन इन तीनों के लिये सभी निरंतर प्रयास करते... मोक्ष के लिये सोचते भी नहीं क्योंकि मुश्किल या मालूम ही नहीं.... मोक्ष - मुक्ति, आत्म-साक्षात्कार। जीवन की अंतिम परिणति है। मोक्ष आत्मा को भौतिक संसार के संघर्षों और पीड़ा से मुक्त करता है! आत्मा को जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र से मुक्त करता है! ©Mahadev Son जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना ह
Vikrant Rajliwal Show
Manish Jakhmi
यकीनन कोई किसी से इतना क्रोधित भी हो सकता है,शायद कुछ ऐसे शख्स एक वक्त पर ऐसे भाव मन में दे जाते है जिनकी वजह से इस तरह के शब्द बाहर आते है। हालांकि जितने कठोर भाव अंत में उभर कर आते है वह संबंध भी उतना नाज़ुक एवम प्रिय होता है आरंभ में ©Manish Jakhmi यकीनन कोई किसी से इतना क्रोधित भी हो सकता है,शायद कुछ ऐसे शख्स एक वक्त पर ऐसे भाव मन में दे जाते है जिनकी वजह से इस तरह के शब्द बाहर आते है।
Ak.writer_2.0
सॉरी दोस्तों अब नहीं लिख सकता मैं , पता नहीं क्या लिख रहा हूं मैं, लोग पास आने की बजाय मुझसे दूर जा रहे हैं , जो लिखता हूं मैं वह मेरी फीलिंग्स होती है , और वही लिखता हूं जो सच है , मैं कभी एक अच्छा लेखक नहीं बन सकता, ऐसा क्या लिखता हूं मैं , जिससे लोग मेरे शब्दों से नाराज हो जाते हैं अब नहीं लिखूंगा मैं। 🥺 ©Ak.writer_2.0 मैं कभी एक अच्छा लेखन नहीं बन सकता। #writer #alone_boy Aariya writer Neha@Nehit_Enola आरंभ से अनंत तक Chitra gupta life experience Anshu w
Ak.writer_2.0
बेहद खुशनसीब होता है वो पुरूष जिसके ईश्क में कोई स्त्री दीवानी होती है.. ©Ak.writer_2.0 बेहद खुशनसीब होता है वो पुरूष जिसके ईश्क में कोई स्त्री दीवानी होती है.. #lovethoughts #lovefeelings #True_line #One_sided_love Sm@rty divi
दीपा साहू "प्रकृति"
उम्र की सीमा में, प्रेम कहाँ बंधा है। और उसकी आहतता, उम्र के आख़िर पड़ाव तक, साथ निभाती है। पहली और आखिरी, प्रेम यहीं रुक जाता है, इसी बीच में, जिसमें किसी और का, आ पाना असंभव होता है। उस अंतहीन पीड़ा में, सिर्फ आहत हुआ जा सकता। हृदय का हजारों टुकड़ों मे बट जाना, सुनाई नहीं देता। इसे दिखाना असंभव। ©दीपा साहू "प्रकृति" #longdrive #Prakriti_ #deepliner उम्र की सीमा में, प्रेम कहाँ बंधा है। और उसकी आहतता, उम्र के आख़िर पड़ाव तक, साथ निभाती है। पहली और आखिरी, प
N S Yadav GoldMine
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए आइये विस्तार से जानिए !!🍋🍋 {Bolo Ji Radhey Radhey} वैशाख अमावस्या :- 🌿वैशाख का महीना हिन्दू वर्ष का दूसरा माह होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी माह से त्रेता युग का आरंभ हुआ था। इस वजह से वैशाख अमावस्या का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। दक्षिण भारत में वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिये अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिये भी अमावस्या तिथि पर ज्योतिषीय उपाय किये जाते हैं. वैशाख अमावस्या व्रत और धार्मिक कर्म :- 🌿प्रत्येक अमावस्या पर पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए व्रत अवश्य रखना चाहिए। वैशाख अमावस्या पर किये जाने वाले धार्मिक कर्म इस प्रकार हैं. 🌿इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देकर बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करें। 🌿पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण एवं उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें। 🌿वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए शनि देव तिल, तेल और पुष्प आदि चढ़ाकर पूजन करनी चाहिए। 🌿अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए और संध्या के समय दीपक जलाना चाहिए। 🌿निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन और यथाशक्ति वस्त्र और अन्न का दान करना चाहिए। पौराणिक कथा :- 🌿वैशाख अमावस्या के महत्व से जुड़ी एक कथा पौराणिक ग्रंथों में मिलती है। प्राचीन काल में धर्मवर्ण नाम के एक ब्राह्मण हुआ करते थे। वे बहुत ही धार्मिक और ऋषि-मुनियों का आदर करने वाले व्यक्ति थे। एक बार उन्होंने किसी महात्मा के मुख से सुना कि कलियुग में भगवान विष्णु के नाम स्मरण से ज्यादा पुण्य किसी भी कार्य में नहीं है। धर्मवर्ण ने इस बात को आत्मसात कर लिया और सांसारिक जीवन छोड़कर संन्यास लेकर भ्रमण करने लगा। एक दिन घूमते हुए वह पितृलोक पहुंचा। वहां धर्मवर्ण के पितर बहुत कष्ट में थे। पितरों ने उसे बताया कि उनकी ऐसी हालत तुम्हारे संन्यास के कारण हुई है। क्योंकि अब उनके लिये पिंडदान करने वाला कोई शेष नहीं है। यदि तुम वापस जाकर गृहस्थ जीवन की शुरुआत करो, संतान उत्पन्न करो तो हमें राहत मिल सकती है। साथ ही वैशाख अमावस्या के दिन विधि-विधान से पिंडदान करो। धर्मवर्ण ने उन्हें वचन दिया कि वह उनकी अपेक्षाओं को अवश्य पूर्ण करेगा। इसके बाद धर्मवर्ण ने संन्यासी जीवन छोड़कर पुनः सांसारिक जीवन को अपनाया और वैशाख अमावस्या पर विधि विधान से पिंडदान कर अपने पितरों को मुक्ति दिलाई। ©N S Yadav GoldMine #wholegrain अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए आइये विस्तार से जानिए !!🍋🍋 {Bolo Ji Radhey Radhey} वैशाख अमावस्या :- 🌿वैशा
अदनासा-