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Deepak Kanoujia
डियर तुम | हां तुम ! तुम सब...😊 मित्रों ! आज रात 12 बजे के बाद एक नया दिन शुरू हो गया और मैं जो थोड़ा पहले लिखना चाहता था उसमें थोड़ा और विलंब हो गया...समय के संदर्भ में तो ह
Nirankar Trivedi
धर्म,मजहब, जाति जो भी है ये सब हम इंसानों ने बना लिया, वो भी इसीलिए की हम धर्म और जाति से खुद को अच्छा साबित कर सके। अगर आप अच्छे है या बनना चाहते हैं तो उसमें आपके स्वयं की नियति, विचार , और कर्म है। फिर चाहे आप किसी भी धर्म या जाति से हो। जीवन का एक ही मूलमंत्र है । -- जो आप खुद के लिए सही नहीं समझते वो किसी दूसरे के लिए सही कैसे हो सकता है । #जीवन संदेश, भारत संदेश, मानव संदेश।
Rudradeep
कागज़ लिखी लिखी थकी गयो ना पहुंच्यो संदेश ऐ मेघा तू सब जग घूम्यो कौन पिया का देश ©Rudradeep #संदेश
नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)
सूर्य का संदेश सूर्य के उगने से लेकर अस्त होने तक की अवधि संदेशों से भरा होता है जो निष्पक्ष, स्पष्ट और कटु सत्य है। सूर्योदय होना,दोपहर होना,शाम होना और ढल जाना, जीवन की अवस्थाओं को दर्शाता है। यही नियति है ,यही अटल है। ©नागेंद्र किशोर सिंह संदेश
Mr.Kum@r
भुला के नींद अपनी सुलाया हमको, गिरा के आँसू अपने हँसाया हमको, दर्द कभी ना देना उन हस्तियों को, खुदा ने माँ बाप बनाया जिनको!🙏🙏! ©Mr.Kumar संदेश
चम्पारणवाले
नोजोटो के सभी परिवार वाले को मेरे तरफ से स्वागत है। आपके पास अगर ये पोस्ट दिखे तो लाइक शेयर जरूर करे दोस्त... "आप जब भी खाना खाए घर से बाहर होटल या रेस्टोरेंट या ढाबा पे तो एक खाना पार्सल जरूर करे। और जब खाना खा के आप घर लौटे तो रास्ते में किसी भूखे को वो खाना जरूर खिलाए दोस्तो। आत्म बहुत खुशी मिलती है। आपको इस टाइम ऐसा लगेगा की मैं आज इंसान होने धर्म निभा दिया"। "एक बार कोशिश जरूर करें " "नोजोटो फैमिली" ©Vimal Sharma संदेश
Harsh Pal
नदियों सा चलते रहना, परवत सा ऊँचा बन जाना। सागर सी मन की गहराई धरती सा दानी बन जाना। सूरज सा यश फैलाना, चंदा सा शीतल बन जाना। फूलों सा नित हँसते रहना, ऋतुओं संग बदलना भेष। लेते जाना ये संदेश, राही लेते जाना रे संदेश। ©Harsh Pal संदेश
surajkumaregoswami
उतरले एकदा मनांतून की माणूस ते आठवीत नाही. हाताचे वार मिटती एकवार, पण शब्दांचे मार विसरत नाही नाही जमले बोलायला,गोड दोन शब्द जरी, शस्त्रवार नको शब्दांचे,... .गोड पेरा साखरेसम ते... नका होवू कधि बोलुनि कटू, आणि आपले आपल्याशीच परके....... ........©®सुरजकुमारी गोस्वामी हैद्राबाद संदेश