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savita juyal
सुना हे कहीं बहार आई हे कहीं खुशहाली छाई हे ऐसा क्या ताल मेल हे प्रभू कही बौछार तो कही बाढ़ आई हे ©savita juyal #सन्तुलन
vishnu prabhakar singh
तुझसे कैसे मिलूँ,वसंत भी अब लौट रहा ना बहार,ना ही वसंत,दिल में पेट है रीता कल निशब्द पुष्प तीर जब गन्ने से छूटेगा यह दिल गुपचुप आजीविका को कोसेगा लेखन क्या करूँ,गजरे का फूल है महका कल अख़बार में क्या छपेगा,कवि बहका स्मृति का रिक्तता कदाचन नाहुई दिलवर तुझसे कैसे मिलूँ,विषय वीररस है प्रियवर रोक ना पायेगा जमाना पर,तुझसे कैसे मिलूंगा.....दिलो दिमाग के सन्तुलन को क्या कहूँगा।। #कैसेमिलूँ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collabor
Prabhanshu Kumar Rajpoot
#merikalammereshavd यदि हम प्रकृति को यूं ही हानी पहुँचाते रहेंगे, तो प्रकृति अपना सन्तुलन स्वयं भी बनाना जानती है...✒️✒️✒️ :-P. K. rana #lockdown2020 #corona
Jiyalal Meena ( Official )
ALOK Sharma
हाँ और न के बीच मे, है सारा जीवन समाया। सीख गया जो इसको, वो कभी न भरमाया। केवल हाँ से ही काम नहीं चलता, कभी कभी न भी है कहना पड़ता। न तो हर घड़ी न न कहना है, और न ही हाँ हाँ ही कहना है, सही वक्त और जब मौक़ा देखो, हाँ न में से बस कोई एक कह दो।। और जो भी कहना जोश में कहना, आत्मशक्ति से हमेशा भरपूर रहना, दोनो में अंतर और बस कुछ दूरी है, सन्तुलन में बने रहना भी जरूरी है।। हाँ, न का ही तो यहाँ सब मेल है, पास और दूर जाने बस खेल है। ©ALOK SHARMA हाँ और न हाँ और न के बीच मे, है सारा जीवन समाया। सीख गया जो इसको,
yash mahar
तेरे लिए सार मैं अर्थात मैं, तेरी फिक्र मैं तेरा जिक्र मै, तेरे लहु से ही तो हु तेरा ख्वाब मैं बेशक बनु। तू फ़र्ज़ है तुझको निभाउं, तेरा कर्ज में कैसे चुकाऊं, मेरा रहबर तू मरहम भी तू तेरी डाट से तो मैं *गुल* बनु। तेरी मेहनतों को जो में पल भर करु, कोरे कागज को दरिया में ले चलू, तेरे आखो में जो खुद दिखूं जरा अपनी नज़र उतार चलू। मेरा ताज तू मेरी आबरू, लोग कहे मैं तुझ सा दिखूं , तेरे माथे पे सिकन की पहेली बूझने को जाने कोन शास्त्र पढू। जरा तेरी नज़रो से डरु, हर पल का शुक्रिया कैसे करूँ, कहना है बहुत कुछ आज अल्फ़ाज़ नही कुछ कैसे कहू। मेंरे लिए यथार्त तू, मेरे लिए सेवार्थ तू, *मै माटी* सा जब लिखू, रब लिखू की *तू* लिखूं। तू है तो दुनिया सही, तू नही का तो ख्याल भी नही। मेरा आदर्श तू, ख्वाब है की मै आप बनु। :योगेश ये कविता Papa के लिए, जिन्हें कभी शुक्रिया नही
Divyanshu Pathak
मन मूल्यवान है व्यक्ति की पहचान है इसको साधना होता है। जीवन में सभी लक्ष्य मन से ही जुडते हैं। अन्तर्मन ईश्वर से जुडा है। यही ईश्वर में मिलता है। :😊💕☕☕☕🙏🙏💕💕👨🍉🍉🍉🍫🍨🍨☕☕☕☕🍀🌱🍉🍎🍧💕🍫 इसको साधने के लिए शरीर और बुद्धि का साधना आवश्यक है क्योंकि इनको साथ तो रहना ही है। अत: सबकी एक भाषा होनी चाहिए
ALOK Sharma
An idea........ ©ALOK SHARMA प्रकृति के असन्तुलित होने में वनस्पति का नष्ट होना मुख्य रूप से तथा वायु प्रदूषण ,जल प्रदूषण,मृदा प्रदूषण आदि कारक प्रभावी रूप से जिम्मेदार
Aprasil mishra
जीवन का उत्कर्ष कहाँ है, सुधा कहाँ है स्वर्ग कहाँ है? ढूढ़ रहा हूँ पग-पग भू पर, प्रेम दीप्त संसर्ग कहाँ है?? (अनुशीर्षक अवलोकनीय) **************** जीवन का उत्कर्ष कहाँ है, सुधा कहाँ है स्वर्ग कहाँ है? ढूढ़ रहा हूँ पग-पग भू पर, प्रेम दीप्त संसर्ग कहाँ है?? मानवता का अर्
Aprasil mishra
A well developed country in science and technology but hardly struggling now from corona pandemic which is indicate to only their inappropriate fooding structure. Have marked as question? What's a rubbish society, isn't progression and development? May be, no! What's intellectuality, now it's important for the world that all intellectuals think at our food chain and food system for always maintain to check and balance in this eco and sustainable system of Universe. (read in caption 👇) ************************** निष्प्राण कर देती हृदय की वर्जना फिर भी यहाँ पर कर रहा हूँ अर्चना। विश्वास में आघात के विस्तार