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Ruchi Baria
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुरेव परंब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।। ©Ruchi Baria गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुरेव परंब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।। #Gurupurnima #gurudev #Shiva #God #today
someone special
शिक्षक सर्वोपरि...🙏 गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरवे नम: ---(GUSTAKHI MAAF) ©someone special शिक्षक सर्वोपरि...🙏 गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरवे नम: ---(GUSTAKHI MAAF)
Punita Singh
Happy Teacher's Day ©Punita Singh गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।। 🙏
someone special
शिक्षक सर्वोपरि...🙏 गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरवे नम: ---(GUSTAKHI MAAF) ©someone special #Gurupurnima शिक्षक सर्वोपरि...🙏 गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरवे नम: ---(GUSTAKHI
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी उन्हें त्रिपुरारी कहो , उन्हें जटा धारी कहो , दुष्टो का जगत से वो , करते संहार हैं । वही अर्धनारीश्वर , वही महेश्वर यहाँ , वही नन्दी पर सदा , रहते सवार हैं । वह सती का अस्तित्व , वह शक्ति का स्वारूप , दुष्टों पर वह नित , करते प्रहार हैं । शशिशेखर है वह , गंगाधर भी है वह , भक्तों का अपने वह , करते उद्धार हैं ।। १७/०२/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी उन्हें त्रिपुरारी कहो , उन्हें जटा धारी कहो , दुष्टो का जगत से वो , करते संहार हैं । वही अर्धनारीश्वर , वही महेश्वर यहाँ
AB
मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय । मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मै म काराय नमः शिवाय ॥ 🌸💕 ॐ नमः शिवाय 💕❤️ _________________________________________________ अनुवाद :- गङ्गाजल और चन्दन से जिनकी अर्चना
AB
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय I नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे “न” काराय नमः शिवायःII शिवपञ्चाक्षर स्तोत्र के रचयिता आदि गुरु शंकराचार्य हैं, जो परम शिवभक्त थे। शिवपञ्चाक्षर स्तोत्र पंचाक्षरी मन्त्र नमः शिवाय पर आधारित है। न
AB
हे ! रुद्रप्रिय, गौरीसुत, गजकर्ण, सुरेश्वर, अखुरथ, कपिल, कवीश तुम महेश्वर,! कृपाकर, मनोमय, मृत्युंजय, शुभम, सिद्धिविनायक, प्रमोद, तुम शशिवर्णम,! उमापुत्र तुम......... प्रथमपूज्य तुम पुत्र मेरे आराध्य शिव के.,.. ॐ गण गणपते नमः ~~~~~~~~~~~~ ॐ वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नम कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा,! आप सभी को सपरिवार ग
Shrikant Agrahari
हिंदी काव्य कोश संगठन का, सहृदय कोटि कोटि आभार🙏🙏 माहेश्वर सूत्र (संस्कृत: शिवसूत्राणि या महेश्वर सूत्राणि) को संस्कृत व्याकरण का आधार माना जाता है। पाणिनि ने संस्कृत भाषा के तत्कालीन स्वरूप
Shrikant Agrahari
यदि महेश्वर सूत्र न होता,, यदि महर्षि पाणिनि न होते ,, तो व्याकरण का मूल न होता। शब्दों का कोई समूह न होता।। लिपि के माध्यम से भावनाओ को व्यक्त करने की हमारी,सामर्थ्यता न होती। अक्षर का मेल न होता,भाषाओ का खेल न होता। ©श्रीकान्त अग्रहरि Caption me bhi padhe माहेश्वर सूत्र (संस्कृत: शिवसूत्राणि या महेश्वर सूत्राणि) को संस्कृत व्याकरण का आधार माना जाता है। पाणिनि ने संस्कृत भाषा के तत्कालीन स्वरूप