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Vikas Dhaundiyal
जिन नज़रों से देख रहे हो बस मेरे जिस्म को कभी भीतर झाँक के देखो अपने इंसान की किस्म को किस्म
Vickram
दर्द कयी किस्म का था ज़िंदगी के कोंने कोंने में निकलता रहा थोडा़ थोड़ा आंखों से आंसू बनकर चाहे कोई भी दर्द हो अंजाम आंसू ही था उसका जो बयां ना हुआ पर आंखों से चुपचाप चला गया ©Vickram #Remember दर्द भी कयी किस्म का था,,,
HARSH369
मेहनत से कमाया हुआ पैसा अलग किस्म का नशा है ये नशा उन हराम खोरो को नही समझ आता जिन्होने सराब,स्मेक,गांञे का नशा किया हो या जो बाप के पैसो का नशा करते हो मेहनत के पैसो मे जो मजा है वो चोरी ,डकेती य लूट और ठग मे नहीं मेहनत के पैसे सर उठा के जीना सिखाते है... बाकी सारे सर गिराकर चलते है.., उनकी आन्खो मे वो चमक नही दिखती...! ये मेरा कहना है...श्रीहरि अधिकारी जी का..!! ©Shreehari Adhikari369 #अलग किस्म का नशा है पैसा मेहनत का #Meme
Shrikant D
वो बंदा कितना अजीब होगा जो दिल से बहुत दर्द में हो पर हमेशा मुस्कराते हुवे रहता है ©Shrikant D अजीब किस्म
Ritika Lalwani
हीउ दुनिया आहे गोलु गोलु हिथे जिस्मनि जा किस्म अथव हिथे माण्हू बि तकल्लुफ सां मिलंदो आखिरि जिस्मनि जा किस्म अथव हरिको जिस्म ते जिअं जिल्द चढ़यलि आहिनि मथां सुहिणों जिल्द आहे,अन्दरौं को सुठाई नाहिनि हे कलजुग आहे हिथे जिस्मनि जा किस्म अथव माण्हु माण्हू नथव मिरूं ते भारी अथव कूढ़ जो संसार सुठाईअ जो कोन्हे आसार बेजुबान त आहिनि लाचार आत्मा त मरी वई केरु कंदो वीचार हिथे जिस्मनि जा किस्म अथव इंसानियत खे केरु समझंदो उहो मानव काथे मिलंदो जेको मिटाईंदो अंधेरो घनो बुराईअ जो ऐं सुठाईअ जो डियो बारींदो हलंदो पर चई छा सघूं था छो जो हिथे जिस्मनि जा किस्म अथव🙏 ©Ritika Lalwani जिस्मनि जा किस्म
IDRISI SAHAB
अजीब किस्म का शायर हूँ मैं भी यारो सिर्फ एक वाह के लिए कई दर्द सुना देता हूँ. ©NAWAZ AKBAR IDRISHI अजीब किस्म का शायर हूँ# #AWritersStory kunal kanth priyaka
Arora PR
Year end 2023 मेरे कुछ दोस्त ऐसे है जिनकी मुस्कराहट सबका मन जीत लेती है और मज़े की बात ये कि कुछ दोस्त ऐसे भी जो दहाड़े मारकर रोते रोते आसमान ही सर पे उठा लेते है ©Arora PR दोस्तों की किस्म
Vickram
मजा भी इस सफर का चंद ही लोग ले पाते हैं । वर्ना और तो नफ़रत और कंजूसी में गुजर जाते हैं। कुछ तो पडे रहते हैं बेमतलब ही किसी के पीछे । कोई हराम का उडाने में कभी भी नहीं शर्माते हैं । ©Vickram कयी किस्म के,,,,,,
Kamal bhansali
भीगी हुई मेरी पलको में आज भी याद तेरी सुहानी है शायद मेरी जिंदगी की प्रथम और अंतिम कहानी है कल की तेरी आंखों को निहार जरा फिर बता बेवफाई वो किस्सा जरा जब तुम मुझसे जुदा होते रोई फिर किसी गैर से मिली तो खिलखिलाई इसे क्या कहूँ "प्यार की एक किस्म" प्यार की किस्म