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Stories related to ode to autumn as a nature poem

- Arun Aarya

#autumn #जग में है

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Autumn एक दुनियाँ में सबकी
 दुनियाँ अलग अलग है ,

मग़र  मिलती - जुलती  
लगभग - लगभग  है !

कहाँ  तक  भागोगे  तुम  
अपनी  जिम्मेदारी से ,,

"आर्या " मिलना-जुलना तो
 सबको इसी जग में है..!!

- अरुन आर्या

©- Arun Aarya #autumn #जग में है

Ramji Tiwari

White 

       *प्यारा मास बसंत* 

जग से अँधियारा मिटा,हुई सुहानी भोर।
बादल छाए हैं घने,नाच रहे वन मोर।
नाच रहे वन मोर,घटा घनघोर सुहानी।
रिमझिम-रिमझिम रहा,बरस अम्बर से पानी।
देख प्रकृति का रूप,सभी के थिरक रहे पग।
सन- सन चलती पवन,करे शीतल सारा जग।।

दिखती है पहने धरा, हरा-हरा परिधान।
कोयल कूके पेड़ पर,गाए सुमधुर गान।
गाए सुमधुर गान,सभी का मन बहलाती।
पीली सरसों खेत, लहर-लहर लहलहाती।
देख भानु का ताप, ठंड पास नहीं टिकती।
देखें आँखें जिधर, सिर्फ हरियाली दिखती।।

बसंत उत्सव से शुरू,हो जाता है फाग।
भँवरा चूँसे फूल रस,गुन- गुन गाता राग।
गुन-गुन गाता राग,फूल पर है मँडराता।
कल-कल सरिता नाद,सभी के मन को भाता।
झूम रहे नर नारि,हर्ष फैला दिगदिगंत।
ऋतुओं का ऋतुराज, है प्यारा मास बसंत।।

     स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                           उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #Nature 
#springpoem
#Beauty 
#poem 
#Friend

Ramji Tiwari

White  

 मनहरण घनाक्षरी छंद-

घर- घर उल्लास है, कोई नहीं उदास है।
बह रही चहुँ ओर,फागुनी बयार है।।
आम फूली अमराई,छाँव लगे सुखदाई।
छाया हर तन पर, रंगों का खुमार है।।
देख चहुँ हरियाली,कूँजे पिक मतवाली।
कल- कल बह रही,गंगा नदी धार है।।
झूम रहे नर नारी,देख खेत बाग- बारी।
धरा ने भी कर लिया,सोलह श्रृंगार है।।

घूम-घूम खग वृंद,गा रहे हैं गीत छंद।
खिल गई हर कली, झूम रही डाली है।।
चम-चम करें तारे, लगें मन अति प्यारे।
जगमग होती अब,रात काली-काली है।।
यौवन उमंग भरे,चोली बहु तंग करे।
इठलाती फिर रही,गोरी मतवाली है।।
मल गई रंग गाल,आई न समझ चाल।
बड़ी नटखट मेरे,भैया जी की साली है।।

     स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                           उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #Spring 
#poem
#छंद 
#Festival 
#Nature 
#Friend

Ramji Tiwari

White प्यारा मास बसंत 

वृक्षों पर नव कोंपलें होता पतझड़ का अंत
ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

हरी चादर ओढ़े धरा की शोभा न्यारी
बहुरंगी प्रसूनों से सज गई हर क्यारी
माँ सरस्वती की वन्दना करते साधु संत
ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

वृक्षों की शाखाओं पर कोयल गान कर रही
प्रकृति भी माँ सरस्वती का गुणगान कर रही
प्रात होते भानु रश्मि आतीं भू पे तुरंत
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

सन- सन करती मनोहर मलय समीर बह रही
चूँ- चूँ करती चिड़िया मनोहर राग कह रही
इन्द्रधनुष रंग से रंगा आसमान अनंत 
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

रिमझिम- रिमझिम बरसात की बूँदें गिरती हैं
सभी जीवों की आत्मा को तृप्त करती हैं
मनभावन, सुन्दर मौसम भाता अति हेमंत 
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

दूर तक दिखती हरियाली ही हरियाली है
मधुर तान में गा रही कोयल मतवाली है
सूखी तरूवर की डाली हो जाती जीवंत
ऋतुओं का‌ ऋतुराज है प्यारा मास बसंत

       स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम"
                                       उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #Nature 
#poem 
#NatureBeauty 
#Spring

Ramji Tiwari

#Spring #poem #Nature #

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White 

     *मनभावन न्यारा मधुमास होता है*

नई उमंगों, नई तरंगों का एहसास होता है
सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है

दूर तलक धरती पर हरी मखमली चादर होती है 
खेतों में प्रिय मूली,आलू, शलजम, गाजर होती है
प्रकृति की देख सुन्दर छटा मन में उल्लास होता है
सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है

घास,ओस की बूँदों पर जब सूर्य किरणें पड़तीं हैं
मोती की मानिंद जल बूँद चम-चम चमकनें लगतीं हैं
चाँदनीं रात में तारों का सुन्दर प्रकाश होता है
सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है

पीले -पीले सरसों के फूल लगते बहुत मनभावन
बसंत पंचमी मात सरस्वती का उत्सव अति पावन
सम्पूर्ण प्रकृति में व्याप्त सुखद उल्लास होता है
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

पीले रंग की साड़ी पहनकर सज जाती नारी है 
बसंत पंचमी मेले की शोभा लगती न्यारी है 
माँ के मण्डप का निर्माण मन्दिर के पास होता है 
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

बसंत पंचमी मात सरस्वती का पूजन होता है
हर एक घर में नाच-गाना भजन-कीर्तन होता है
इस दिन ज्ञान की देवी का हर घर में वास होता है
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

जो नर बसंत पंचमी के दिन सरस्वती को ध्याता
माँ वीणावादिनी से सुर ,ज्ञान, सद्बुद्धि वर को पाता
विद्यार्थी,सुर साधक के‌ लिए यह दिन खास होता है 
सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है

        स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम"
                                         उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #Spring 
#poem
#Nature 
#

Sanjana Hada

#autumn

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Autumn  प्रेम 
🌺🌺🌺

सुना है प्रेम का महिना है,
तो हमें भी तो है किसी से अत्यंत अनंत प्रेम,

प्रेम..कहनें को तो एक शब्द मात्र है,
लेकिन कितनी पवित्रता है इसमें ,

प्रेम मुझे है, उस प्रकृति से जो मेरे समक्ष है,
कभी लगता है ये पेड़ - पौधे मुझे प्रेम सिखा रहे हैं,
कि हंसना कैसे है आगे बढ़ना कैसे है,
कहते हैं, ये कभी मुझसे बैठ संजना तूं हमारी छांव में,
ले उन सभी रसों का आनंद,
जो हमारे पुष्पों में है, महसूस कर उस महक को 
जो तेरे ह्रदय में है,
इस पवित्र प्रेम की मैं आदि हूं,
बस प्रकृति प्रेमी हूं...🌿🌴🌸

मुझे है प्रेम उस केसरिया रंग से,
उस सफेदी से जहां मैं इंगित कर सकती हूं अपना प्रेम,
वो हरियाली जो सभी के आंगन में खुशियां भर देती है,🇮🇳

प्रेम..हा हमें है प्रेम उस धरा - गगन से 
जो अंतहीन और अनन्य है,

हां हमें भी मोहब्बत है ख़ुद से...💞

©Sanjana  Hada #autumn

Schizology

Flowers #flowers poem✍🧡🧡💛 #Nature

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Flowers

It starts with a tiny seed
Soon roots grow down to feed
Then sprouts just like a weed

It grows a little each day
Leaves extend to catch the suns' rays
Even a little when the skies are grey

So many types and strains
All pretty, even if they're plain
Their beauty can't be contained

They grow in almost any conditions
Are part of many traditions
To many are a great acquisition

Filling the air with lovely scents
It can only make you content
Paradise... Is this what they meant?

©Schizology Flowers

#flowers #poem✍🧡🧡💛 #Nature

Schizology

Here is a bee #bee poem✍🧡🧡💛 #Nature

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Here is q bee

Here is a bee
So nice to see
Do you agree?

Yellow and black
Means stand back
To avoid an attack

It's in the bush
But not in a rush
Quiet, it stays hush

Right in the flowers
Flying for hours
Takes alot of power

Pollen sticks like glue
On the bee and goes to
The next plant that's due

Bees are not hostile
Generally are not wild
But around them stay mild
©Schizology

©Schizology Here is a bee


#bee #poem✍🧡🧡💛 #Nature

Schizology

Autumn #autumn poem✍🧡🧡💛

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Autumn

Autumn leaves
Assorted shades of colour
Red , yellow and orange
Some green in the mixture

Autumn weather
Cold , bitter nights arrive
Frost in the mornings
Warm cozy coats come alive

Autumn activities
Halloween and Thanksgiving
Turkey , stuffing and ham
Pumpkin pie they'll be serving

Autumn indicates
Snow will be coming very soon
Christmas and new years 
Anticipation for the next June

©Schizology Autumn

#autumn #poem✍🧡🧡💛

Sanjana Hada

#autumn मैं

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Autumn इश्क - इश्क सी लड़की 
             Miss Hada..🌺🌺
*************************

इस डिजिटल युग में
साहित्य से प्रेम करने वाली मैं,

इंस्टाग्राम के जमाने में 
कविताएं लिखने वालीं मैं,

वेस्टर्न के जमाने में 
बिल्कुल सलवार सूट जैसी मैं,

New गानों से कोसों दूर भागने वालीं मैं 
हमेशा सदाबहार गाने सुनने वाली मैं,

न कोई Message न कोई Video call 
मुझे पसंद है Face to Face बातें करना ,

मुझे आता नहीं बातें बनाना 
मुझे तो बस अब स्वयं को है जानना ,

आता नहीं मुझे कोई षड्यंत्र 
मैं तो चाहती हूं बस अब स्वयं पर नियंत्रण,

मैं हर परिस्थिति में भी 
पन्नों पर प्रेम बिखेरना चाहती हूं 
मैं अपने व्यक्तित्व को 
शब्दों से निखारना चाहती हूं,

हां मैं स्वयं से इश्क करना चाहती हूं...🌺

©Sanjana  Hada #autumn मैं
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