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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
orange string love light तेरे*एहतराम के*एवज तेरे चहेते लोगो का भी एहतराम किया मैने//१ तुझे चाहूं और तेरे चाहने वालों को न चाहूं, ऐ सनम कभी ऐसा न हरगिज काम किया मैंने//२ काश तू मुझसे उल्फते मुखलिसि करता, बारहा खुद ही इसका*एहतमाम किया मैने//३ अदब की*तवक्को उनसे क्या रखे,जिनका ताउम्र*इस्तकबाले इंतजाम किया मैने//४ जिन्हे अपनो से सलाम करने में आती हो*अना, एसो को ही पहल में खुद सलाम किया मैने//५ तेरी चाहत में*आगाजे वफा से*अंजामें वफा के सफर को,इस मानिंद तमाम किया मैने//६ "शमा"का वो क्या करेंगे एहतराम,जिनकी*तरबियत *उम्दा न हुई,ले तेरे लिए खुदको अनाम किया मैने//५ #shmawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #lovelight तेरे*एहतराम के*एवज तेरे चहेते लोगो का भी एहतराम किया मैने//१ *आदर*बदल में तुझे चाहूं और तेरे चाहने वालों को न चाहूं,ऐ सनम कभी ऐस
Shashi Bhushan Mishra
उजाले से हृदय का अनुबंध कर ले, अपनी ख़ातिर ख़ुशी का प्रबंध कर ले, बीत जाए भटकने में ही न ये पल, तोड़ मन की बेड़ियाँ स्वछंद कर ले, बाहरी परिदृश्य छलते हैं हमेशा, देख ले दर्पण नयन को बंद कर ले, अंधेरा है हर जगह अज्ञानता का, जला दीपक ज्ञान का आनंद कर ले, विकल्पों से हो तुम्हारा सामना तो, सत्यपथ को ही प्रथम पसंद कर ले, अगर ख़तरा हो कभी सैलाब का तो, पास घर के ही कोई तटबंध कर ले, सीख ले चलना समय के साथ 'गुंजन', फूल से दामन भरो गुलकंद कर ले, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #ख़ुशी का प्रबंध कर ले#
poonam atrey
कहानी ( विवाह ) बंधन सात जन्मों का सच्ची घटना पर आधारित कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें .... 👇👇👇👇 ©poonam atrey #विवाह #बन्धनजन्मोंका प्यार से सब उसे डॉली कहते थे पर थी सृष्टि की अद्भुत रचना बहुत प्यारी सी बिल्कुल डॉल जैसी ,जितनी चंचल और नटखट उतनी
N S Yadav GoldMine
इस मंदिर के पास का वातावरण बेहद ताजा और आकर्षक है जानिए इस मंदिर के इतिहास के बारे में !! 🔱🔱 {Bolo Ji Radhey Radhey} सुंधा माता मंदिर :- 🎪 सुंधा माता मंदिर राजस्थान के जालौर जिले में स्थित सुंधा नाम की एक पहाड़ी पर स्थित चामुंडा देवी को समर्पित एक 900 साल पुराना मंदिर है। आपको बता दें कि यह मंदिर राजस्थान के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू से 64 किमी और भीनमाल महानगर से 20 किमी दूर है। अरावली की पहाड़ियों में 1220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चामुंडा देवी का यह मंदिर भक्तों के लिए एक पवित्र धार्मिक स्थल है। 🎪 गुजरात और राजस्थान के बहुत से पर्यटक इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर के पास का वातावरण बेहद ताजा और आकर्षक है। जैसलमेर के पीले बलुआ पत्थर से निर्मित यह मंदिर हर किसी को अपनी खूबसूरती से आकर्षित करता है। आपको बता दें कि इस मंदिर के अंदर तीन ऐतिहासिक शिलालेख हैं जो इस जगह के इतिहास के बारे में बताते हैं। यहां का पहला शिलालेख 1262 ईस्वी का है जो चौहानों की जीत और परमार के पतन का वर्णन करता है। दूसरा शिलालेख 1326 और तीसरा 1727 का है। सुंधा माता मंदिर का इतिहास :- 🎪 प्राचीन दिनों में इस मंदिर में पूजा नाथ योगी द्वारा की जाती थी। सिरोही जिले के सम्राट ने सोनाणी, डेडोल और सुंधा की ढाणी गाँवों में से एक नाथ योगी रबा नाथ जी को दी थी, जो उस समय सुंधा माता मंदिर में पूजा करते थे। नाथ योगी में से एक अजय नाथ जी में मृत्यु के बाद मंदिर में पूजा करने के लिए कोई नहीं था, इसलिए इसलिए राम नाथ जी (मेंगलवा के अयस) को जिम्मेदारी लेने के लिए वहां पर भेजा गया था। मेंगलवा और चितरोडी गाँवों की भूमि, नाथ योगी को जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह द्वारा दी गई थी। इसलिए मेंगलवा के नाथ योगी को अयस कहा जाता था। 🎪 आपको बता दें कि राम नाथ जी की मृत्यु के बाद उनके शिष्य बद्री नाथ जी सुंधा माता मंदिर में अयस बने और पूजा की जिम्मेदारी ली। इसके अलावा उन्होंने सोनानी, डेडोल, मेंगलवा और चितरोडी की भूमि की भी देखभाल की। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, वहां पर सभी प्रबंध करने के लिए कोई नहीं था, इसलिए मंदिर की देखभाल और पर्यटन का प्रबंधन करने के लिए एक ट्रस्ट (सुंधा माता ट्रस्ट) बनाया गया। सुंधा माता मंदिर जालोर में मेले का आयोजन :- 🎪 नवरात्रि के समय यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है जिस दौरान गुजरात और आसपास के क्षेत्रों से पर्यटक बड़ी संख्या में सुंधा माता की यात्रा करते हैं। बता दें कि इस समय गुजरात द्वारा पालनपुर, डीसा और अन्य जगहों से नियमित बसें चलाई जाती हैं। सुंधा माता मंदिर खुलने और बंद होने का समय :- 🎪 सुंधा मंदिर खुलने का समय हर दिन सुबह 8 बजे है और बंद होने का समय शाम 6 बजे है। सुंधा माता मंदिर रोपवे की जानकारी :- 🎪 सुंधा माता मंदिर के दर्शन करने के लिए आप पैदल भी जा सकते है नही तो आप रोपवे की सर्विस भी ले सकते है। यह रोपवे 800 मीटर लम्बा है और खरीब 6 मिनट में आप को पहाड़ी पर बने मंदिर तक ले जायेगा, एक समय में एक ट्राली में 4 ही लोग जा सकते है। उड़न खटोले के टिकेट की कीमत 50रु है जिस में आने और जाने की सुविधा उपलब्द करायी जाती है । सुंधा माता मंदिर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय :- 🎪 जो भी पर्यटक सुंधा माता मंदिर जाने की योजना बना रहें हैं। उनके लिए बता दें कि इस मंदिर के लिए यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक होता है। सर्दियों का मौसम इस क्षेत्र की यात्रा करने के लिए अनुकूल समय है। रेगिस्तानी क्षेत्र होने की वजह से राजस्थान गर्मियों में बेहद गर्म होता है जिसकी वजह से इस मौसम में यात्रा करने से बचना चाहिए। बारिश के मौसम में यहां की यात्रा करना सही नहीं है क्योंकि ज्यादा बारिश आपकी यात्रा का मजा किरकिरा कर सकती है। इसलिए सर्दियों के मौसम में ही आप इस मंदिर की यात्रा करें। सुंधा माता मंदिर कैसे जाये :- 🎪 सुंधा मंदिर के लिए कोई भी भारत के प्रमुख शहरों से परिवहन के विभिन्न साधनों से यात्रा कर सकते हैं। आपको बता दें कि सुंधा माता मंदिर जाने के लिए जालौर का निकटतम हवाई अड्डा 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जोधपुर में हैं। यह हवाई अड्डा मुंबई, दिल्ली और देश के अन्य प्रमुख महानगरों अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा पर्यटक सड़क मार्ग द्वारा सुंधा माता मंदिर की यात्रा करने वाले पर्यटक पर्यटक जोधपुर, जयपुर, अजमेर, अहमदाबाद, सूरत और मुंबई जैसे शहरों से आसानी से इस पर्यटन शहर तक पहुँच सकते हैं। ट्रेन द्वारा सुंधा माता मंदिर की यात्रा करने वाले पर्यटक जालौर रेलवे स्टेशन के लिए जोधपुर डिवीजन नेटवर्क, मुंबई और गुजरात से ट्रेन ले सकते हैं। ट्रेन से सुंधा माता मंदिर कैसे पहुंचें :- 🎪 सुंधा माता मंदिर की यात्रा ट्रेन द्वारा करने वाले पर्यटकों के लिए बता दें कि जालोर रेलवे स्टेशन उत्तर पश्चिम रेलवे लाइन पर पड़ता है। समदड़ी- भिलडी शाखा लाइन जालौर और भीनमाल शहरों को जोड़ती है। इस जिले में 15 रेलवे स्टेशन हैं। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जालौर के प्रतिदिन कई ट्रेन उपलब्ध हैं। सुंधा माता मंदिर सड़क मार्ग से कैसे पहुंचें :- 🎪 अगर आप सड़क मार्ग सुंधा माता मंदिर जाना चाहते हैं तो बता दें कि राजमार्ग संख्या 15 (भटिंडा-कांडला राजमार्ग) इस जिले से गुजरता है। यहां के लिए अन्य शहरों से कोई बस मार्ग उपलब्ध नहीं हैं। जालौर का निकटतम बस डिपो भीनमाल में है जो लगभग 54 किमी दूर है। ©N S Yadav GoldMine #TechnologyDay इस मंदिर के पास का वातावरण बेहद ताजा और आकर्षक है जानिए इस मंदिर के इतिहास के बारे में !! 🔱🔱 {Bolo Ji Radhey Radhey} सुंधा
Vedantika
(कोरा काग़ज़ जो कोरा नहीं) जीवन की शुरुआत से ही लेखन मनुष्य का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। एक लेखक सदा से अपनी भावनाओं को शब्दों में ढाल कर उसे एक पद्य, गद्य, कहानी, उपन्यास, यात्रा वृत्तांत और अन्य विधाओं का रूप दे देता है। समय के साथ लेखन में काफी हद तक बदलाव आया है। आज की व्यस्तता भरे जीवन में लोगों के मन की भावनाएँ मन के अंदर रहकर कुंठा का रूप धारण कर लेती है। मानव मन को इस कुंठित मन की पीड़ा से बचाने के लिए एक सर्वोत्तम प्रयास है- ‘योरकोट।’ योरकोट पर विभिन्न प्रकार के मंच है जो हमें अनेक सुंदर-सुंदर चित्रों एवं शब्दों के माध्यम से हमारे विचारों को विस्तार देने का कार्य करते हैं जैसे रेस्ट ज़ोन, ऑथेंटिक थॉट्स आदि लेकिन योरकोट पर ‘कोरा काग़ज़’ नाम का एक ऐसा मंच है जो अपने प्रतिभागियों को और अपने लेखकों को एक अलग ही ऊँचाई पर ले जाता हैं। बात चाहे मुख्य प्रतियोगिता की हो या उर्दू की पाठशाला की, कोरा काग़ज़ अपने लेखकों को सदैव कुछ नया देने का प्रयास करता रहता है। (शेष अनुशीर्षक में…) जीवन की शुरुआत से ही लेखन मनुष्य का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। एक लेखक सदा से अपनी भावनाओं को शब्दों में ढाल कर उसे एक पद्य, गद्य, कहानी, उपन्
Kamaal Husain
निज़ाम ए इश्क़ से हांसिल फक्त तन्हाई होती है जहाँ पे इश्क़ होता है वहीं रुसवाई होती है कयामत ढाते है ये हुश्न वाले जान लेते हैं बड़ी ही कातिलाना हुश्न की अंगडाई होती है बना के मंजनू लोगों को ये अपनी राह लेती है यकीं मानों ए यारों दिल्लगी हरजाईं होती है तजुर्बा है मोहब्बत की यहीं सच्चाई हैं यारों ख़सारा है मोहब्बत में नहीं भरपाई होती है किसी के बेवफ़ाई से अगर दिल टूट जाए तो न देती साथ ये दुनियाँ न ही परछाई होती है _Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "निज़ाम" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना ज
Kajori Parial
तेरे साथ नाता जुड़ा मेरा जब मैं चौथी कक्षा में पढ़ती थी। आसानी से मीटनेवाली पेंसिल के लकीरों को पीछे छोड़ तुझसे जैसे पत्थर की लकीरें खींचने लगे हम। तब कहां पता चला के एक दिन तेरे ही सहारे न जाने कितने अनकही बातों को सफेद पन्नो में दफनाना होगा, ... पूरी पत्र अनुशीर्षक में पढ़े। तेरे साथ नाता जुड़ा मेरा जब मैं चौथी कक्षा में पढ़ती थी। आसानी से मीटनेवाली पेंसिल के लकीरों को पीछे छोड़ तुझसे जैसे पत्थर की लकीरें खींचने
Kulbhushan Arora
Be selfish In your selfishness include Goodness for everyone 💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫 Thoibi🍀:- कोविड की वजह से कई लोगों की जान चली गई...मौजूदा हालात से लोगों में दहशत है...आप क्या कहना चाहेंगे? Kulbhushan Ar
तुषार "बिहारी"
पैसों से तोला जाए ऐसा ये संबंध नहीं, "दोस्ती" हृदय का संबंध है बुद्धि का प्रबंध नहीं । ©तुषार "बिहारी" पैसों से तोला जाए ऐसा ये संबंध नहीं, "दोस्ती" हृदय का संबंध है बुद्धि का प्रबंध नहीं । : तुषार "बिहारी" #friends #frinedsforever #Friendshi
Anindya Dey
.. मजबूरियां छुटतीं नहीं थी जनकी, अब शर्तों सी वो इस्तमाल में हैं.. .. दिक्कत यूं के फ़ायदे का हिसाब था, हुई वजह यूं के हर चूक नुकसान है.. .. सूझबूझ सारा आला अव्वल उनका, हल्के फुल्के नुस्ख़े छूटे परेशान हैं.. .. परख लें तसल्ली को हर एहतमाम, अम्मा अब्बा घर भी इंतज़ाम हैं.. ..🌱 खुशामदीद..💞 एहतमाम माने, प्रबंध, व्यवस्था, बं दो बस्तर, अंग्रेज़ी में कहें system or managed.