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Ravendra
तुषार"आदित्य"
पहले हर पेट्रोल पंप में "फ़्लेक्स" मेनटेन करो कालीन में कचरा रखो फूल "कैम्पेन" करो कभी दो कभी चार "कैमरे" से नैन करो फ़िर चिल्ला के कहो "प्लास्टिक" बैन करो पहले हर पेट्रोल पंप में "फ़्लेक्स" मेनटेन करो कालीन में कचरा रखो फूल "कैम्पेन" करो कभी दो कभी चार "कैमरे" से नैन करो फ़िर चिल्ला के कहो "प्लास
Agrawal Vinay Vinayak
ये हैं सरिता कश्यप Read Captain 👇👇👇 ये है सरिता कश्यप.... पिछले 20 साल से अकेली महिला ( सिंगल मदर ) है , एक बेटी है जो कालेज में पढ़ती है ये घर खर्चे के लिए पीरागढ़ी (दिल्ली) मे
Namit Raturi
"पेट्रोल" स्कूटर लाते हुए उसने कुछ बची कुची पेट्रोल की छींटों की आवाज से आंकलन लगा लिया था कि पेट्रोल टैंक में इतना पेट्रोल तो है कि पेट्रोल पंप में जा कर स्कूटर की भूख मिटा सके । वो उसी चप्पल मे स्कूटर को किक करके चल पड़ा पेट्रोल पंप की और,जेब मे ज्यादा पैसे नही थे वही एक 500 का नोट था जिससे पेट्रोल भरवाना था,फिर एक महीने बाद युहीं स्कूटर हिला कर पेट्रोल मापने के बाद वो फिर पेट्रोल भराने निकलेगा । पूरी कहानी कैप्शन में पढ़े ।। स्कूटर हिलाते हुए उसने कुछ बची कुची पेट्रोल की छींटों की आवाज से आंकलन लगा लिया था कि पेट्रोल टैंक में इतना पेट्रोल तो है कि पेट्रोल पंप में
Amar Anand
काशी अविनाशी है !!! विशेष नीचे कैप्शन में... काशी तो काशी है, काशी अविनाशी है!!!!!! पंचकोशी काशी का अविमुक्त क्षेत्र ज्योतिर्लिंग स्वरूप स्वयं भगवान विश्वनाथ हैं । ब्रह्माजी ने भगवान क
Vibhor VashishthaVs
अद्भुत शब्द-शिल्पी, साहित्य की अनेक विधाओं के मूर्धन्य विद्वान, अपनी कालजयी रचनाओं के माध्यम से वैश्विक साहित्य जगत में हिंदी साहित्य को नई ऊंचाइयां दिलाने वाले महान साहित्यकार एवं युग प्रवर्तक लेखक जयशंकर प्रसाद जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि। आधुनिक हिन्दी साहित्य के इतिहास में इनके कृतित्व का गौरव अक्षुण्ण है। 🙏💐प्रसाद जी को कोटि-कोटि नमन💐🙏 ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary#Vs❤❤ छोड़कर पार्थिव भोग विभूति, प्रेयसी का दुर्लभ वह प्यार . पिता का वक्ष भरा वात्सल्य, पुत्र का शैशव सुलभ दुलार . दुःख का करके स
Alok Vishwakarma "आर्ष"
जन्मदिन के शुभ अवसर पर भेंट स्वरूप 108 पंक्तियों की यह अनिर्वचनीय व अनुपम कविता "Happy Birthday Dear Vanila" प्रखर जगती के हित अवकाश में, तिमिर अज के निमित आकाश में । पहर प्रगति के ऋत्य प्रकाश में, उदय रश्मि सवित निशि न
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 एक बार एक आदमी रेगिस्तान में कहीं भटक गया। उसके पास खाने-पीने की जो थोड़ी-बहुत चीजें थीं वो जल्द ही ख़त्म हो गयीं और पिछले दो दिनों से वो पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहा था..., वह मन ही मन जान चुका था कि अगले कुछ घंटों में अगर उसे कहीं से पानी नहीं मिला तो उसकी मौत पक्की है पर कहीं न कहीं उसे ईश्वर पर यकीन था कि कुछ चमत्कार होगा और उसे पानी मिल जाएगा..., तभी उसे एक झोपड़ी दिखाई दी! उसे अपनी आँखों यकीन नहीं हुआ पहले भी वह मृगतृष्णा और भ्रम के कारण धोखा खा चुका था पर बेचारे के पास यकीन करने के आलावा को चारा भी तो न था आखिर ये उसकी आखिरी उम्मीद जो थी..., वह अपनी बची-खुची ताकत से झोपडी की तरफ रेंगने लगा जैसे-जैसे करीब पहुँचता उसकी उम्मीद बढती जाती और इस बार भाग्य भी उसके साथ था, सचमुच वहां एक झोपड़ी थी..., पर ये क्या? झोपडी तो वीरान पड़ी थी! मानो सालों से कोई वहां भटका न हो। फिर भी पानी की उम्मीद में आदमी झोपड़ी के अन्दर घुसा अन्दर का नजारा देख उसे अपनी आँखों पे यकीन नहीं हुआ…, वहां एक हैण्ड पंप लगा था, आदमी एक नयी उर्जा से भर गया पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसता वह तेजी से हैण्ड पंप चलाने लगा। लेकिंग हैण्ड पंप तो कब का सूख चुका था आदमी निराश हो गया उसे लगा कि अब उसे मरने से कोई नहीं बचा सकता…वह निढाल हो कर गिर पड़ा..., तभी उसे झोपड़ी के छत से बंधी पानी से भरी एक बोतल दिखी! वह किसी तरह उसकी तरफ लपका! वह उसे खोल कर पीने ही वाला था कि तभी उसे बोतल से चिपका एक कागज़ दिखा उस पर लिखा था..., इस पानी का प्रयोग हैण्ड पंप चलाने के लिए करो और वापस बोतल भर कर रखना नहीं भूलना..., ये एक अजीब सी स्थिति थी, आदमी को समझ नहीं आ रहा था कि वो पानी पिए या उसे हैण्ड पंप में डालकर उसे चालू करे..., उसके मन में तमाम सवाल उठने लगे अगर पानी डालने पे भी पंप नहीं चला अगर यहाँ लिखी बात झूठी हुई और क्या पता जमीन के नीचे का पानी भी सूख चुका हो लेकिन क्या पता पंप चल ही पड़े क्या पता यहाँ लिखी बात सच हो वह समझ नहीं पा रहा था कि क्या करे..., फिर कुछ सोचने के बाद उसने बोतल खोली और कांपते हाथों से पानी पंप में डालने लगा। पानी डालकर उसने भगवान् से प्रार्थना की और पंप चलाने लगा एक-दो-तीन और हैण्ड पंप से ठंडा-ठंडा पानी निकलने लगा..., वो पानी किसी अमृत से कम नहीं था… आदमी ने जी भर के पानी पिया,उसकी जान में जान आ गयी, दिमाग काम करने लगा। उसने बोतल में फिर से पानी भर दिया और उसे छत से बांध दिया। जब वो ऐसा कर रहा था तभी उसे अपने सामने एक और शीशे की बोतल दिखी। खोला तो उसमे एक पेंसिल और एक नक्शा पड़ा हुआ था जिसमे रेगिस्तान से निकलने का रास्ता था..., आदमी ने रास्ता याद कर लिया और नक़्शे वाली बोतल को वापस वहीँ रख दया। इसके बाद वो अपनी बोतलों में पानी भर कर वहां से जाने लगा कुछ आगे बढ़ कर उसने एक बार पीछे मुड़ कर देखा फिर कुछ सोच कर वापस उस झोपडी में गया और पानी से भरी बोतल पे चिपके कागज़ को उतार कर उस पर कुछ लिखने लगा..., *उसने लिखा- मेरा यकीन करिए ये काम करता है!* *शिक्षा* दोस्तों, ये कहानी संपूर्ण जीवन के बारे में है। ये हमे सिखाती है कि बुरी से बुरी स्थिति में भी अपनी उम्मीद नहीं छोडनी चाहिए और इस कहानी से ये भी शिक्षा मिलती है कि कुछ बहुत बड़ा पाने से पहले हमें अपनी ओर से भी कुछ देना होता है। जैसे उस आदमी ने नल चलाने के लिए मौजूद पूरा पानी उसमे डाल दिया।देखा जाए तो इस कहानी में पानी जीवन में मौजूद अच्छी चीजों को दर्शाता है, कुछ ऐसी चीजें जिसकी हमारी नजर में कीमत है। किसी के लिए ये ज्ञान हो सकता है तो किसी के लिए प्रेम तो किसी और के लिए पैसा! ये जो कुछ भी है उसे पाने के लिए पहले हमें अपनी तरफ से उसे कर्म रुपी हैण्ड पंप में डालना होता है और फिर बदले में आप अपने योगदान से कहीं अधिक मात्रा में उसे वापस पाते हैं....! अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏 बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 एक बार एक आदमी रेगिस्तान में कहीं भटक गया। उसके पास खाने-पीने की