Find the Latest Status about अटल टनल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अटल टनल.
Devesh Dixit
अटल सत्य (दोहे) अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान। फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभिमान।। मोह छूटता है नहीं, अद्भुत ये संसार। अटल सत्य ये जान कर, भरते भी भण्डार।। अनदेखा इसको करें, पछताते फिर बाद। अटल सत्य को भूल कर, दिखलाते आबाद।। ईश्वर की ही देन है, ये जो माया जाल। अटल सत्य है जान लो, मौत यही विकराल।। घबराते इससे बहुत, आज सभी इंसान। अटल सत्य है क्या कहें, कहते सभी सुजान।। ............................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #अटल_सत्य #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry अटल सत्य (दोहे) अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान। फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभि
Devesh Dixit
देख जिन्दगी तू प्यारी सबको देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया है। दर्द दिये हों कितने भी तुमने, तुमसे ही तो प्यार जताया है। जाना कहाँ अभी तुझको सबने, झूठी माया से सब लिपट रहे। प्रेम का देकर झाँसा सभी को, सच्चाई से मुख को मोड़ रहे। दिल धड़क रहा ये देखो तुझसे, रची बहुत है रचना ईश्वर ने। छीने कब तुझसे वो ही जाने, वही मौत से सबको मिला रहे। अटल सत्य है ये कहते वो ही, इससे सभी तुम जो घबरा रहे। मोह उससे अब छुड़ा के सबको, वही पास में अपने बुला रहे। देकर जिंदगी फिर से सभी को, धरती पर उसको है भेज दिया। जीवन देखो फिर उसको प्यारा, जी भर कर ही तुमको प्यार दिया। देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया है। दर्द दिये हों कितने भी तुमने, तुमसे ही तो प्यार जताया है। .................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #देख_जिन्दगी_तू_प्यारी_सबको #nojotohindi #nojotohindipoetry देख जिन्दगी तू प्यारी सबको देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया
Evelyn Seraphina
Mansee Chaurasia
"आज के समय में सभी का जीवन संघर्षों से भरा पड़ा है, लेकिन सफल वही हुआ है , जो अपने इरादों पर अटल खड़ा रहा है। " M5m 🙏🙏👍✨ ©Mansee Chaurasia सफल वही होता है जो अपने इरादों पर अटल खड़ा है🙏🙏 Disha Nandani patel Neha verma Singh Rajnish PФФJД ЦDΞSHI kasim ji Miss Shalini Nikhil sain
Negi Girl Kammu
मृत्यु अटल सत्य है, यह बात जानते हुए भी , इंसान दुनिया की व्यर्थ मोह माया में उलझा रहता है । सत्य यही है ,कि इंसान कभी सत्य को स्वीकारना पसंद करता ही नहीं है। वह जानता है कि ,वह इस दुनिया में आया हुआ एक मेहमान है । समय समाप्त होने पर उसकी मेहमान नवाजी खत्म हो जाएगी । और उसे जाना होगा प्रभु के श्री चरणों में अपने परमधाम को । परन्तु उसके बावजूद भी इंसान ,व्यर्थ की मोह माया में उलझा रहता है। उसे कल की फिक्र है ,अपनों की चिंता है और दो पैसे का लालच हैं। वास्तव में मनुष्य का जीवन दुविधा में पड़ा हुआ है। समय से पहले इस सत्य को दिल से स्वीकार करें तो वह जी नहीं सकता। और अधिक समय तक इसे स्वीकार न करें तो वह दुखों से गिर जाता है। क्योंकि आने वाले कल की चिंता को लेकर , मनुष्य का आज भी बिगड़ जाता है। इसीलिए इस परम सत्य को बुलाकर जीना भी मानव के हित में। ©Negi Girl Kammu मृत्यु अटल सत्य।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल । छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।। लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल । आज तुम्हारी चाल का , पूरा रखूँ खयाल ।। आये कितनी दूर से , देखो है ये ग्वाल । हे राधा छू लेन दो , यही नन्द के लाल ।। हर कोई मोहन बना , लेकर आज गुलाल । मैं कोई नादान हूँ , सब समझूँ मैं चाल ।। भर पिचकारी मारते , हम भी तुझे गुलाल । तुम बिन तो अपनी यहाँ , रहती आँखें लाल ।। रिश्ता :- रिश्ता अपना भी यहाँ , देखो एक मिसाल । छुपा किसी से है नही , हम दोनो का हाल ।। रिश्ते की बुनियाद है , अटल हमारी प्रीति । क्या तोड़ेगा जग इसे , जिसकी उलटी रीति ।। रिश्ते में हम आप हैं , पति पत्नी का रूप । मातु-पिता को मानते , हैं हम अपने भूप ।। रिश्तों की बगिया खिली , तनय उसी के फूल । लेकिन उनमें आज कुछ , बनकर चुभते शूल ।। एक रंग है रक्त का , जीव जन्तु इंसान । जिनका रिश्ता ये जगत , जोड़ गया भगवान ।। रिश्ता छोटा हो गया , पति पत्नी आधार । मातु-पिता बैरी बने , साला है परिवार ।। ०७/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल । छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।। लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल । आज तुम्हारी चाल का
Bharat Bhushan pathak
तुम प्रेरणा के पुष्प बाँटो,भावना में छोड़ बहना। है मिथ्या हम साथ रहेंगे,जीवन भर ये कहना।। प्रसून बाँटे कैसे कोई,शूल हृदय अगर भरा हो। सुख यहाँ पे तभी ही मिलता,जख़्म कोई जब हरा हो।। ना ये मिथ्या सत्य अटल है,लिख रहा हूँ जो अभी मैं। सुख किसी को सुख ना देते,दुख सदैव सुख देते हैं।। ©Bharat Bhushan pathak #HappyRoseDay #यथार्थवाद तुम प्रेरणा के पुष्प बाँटो,भावना में छोड़ बहना। है मिथ्या हम साथ रहेंगे,जीवन भर ये कहना।। प्रसून बाँटे कैसे कोई,श
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
बैरवे छन्द :- १२,७ पर यति जग में प्रभु का ही है, सुंदर नाम । करते हैं हम सब ही, नित्य प्रणाम ।। प्रेम अटल है प्रभु का, जन-जन हेतु । छुपा नहीं रहस्य अब , कहता सेतु ।। चलें भक्त रघुनंदन के, अब दरबार । माता सीता देंगी, अब उपहार ।। करो कृपा भक्तों पर , हे रघुनाथ । बैठे हैं हम सारे , है नत माथ ।। दसों दिशाओं में है , ये गुणगान । सुन अवध विराजेंगे , अब भगवान ।। भक्त सभी जपते हैं ,जय सिय-राम । होगी प्राण प्रतिष्ठा , रघुवर धाम ।। १७/०१/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR बैरवे छन्द :- १२,७ पर यति जग में प्रभु का ही है, सुंदर नाम । करते हैं हम सब ही, नित्य प्रणाम ।। प्रेम अटल है प्रभु का, जन-जन हेतु ।
Devesh Dixit
देख जिन्दगी तू प्यारी सबको देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया है। दर्द दिये हों कितने भी तुमने, तुमसे ही तो प्यार जताया है। जाना कहाँ अभी तुझको सबने, झूठी माया से सब लिपट रहे। प्रेम का देकर झाँसा सभी को, सच्चाई से मुख को मोड़ रहे। दिल धड़क रहा ये देखो तुझसे, रची बहुत है रचना ईश्वर ने। छीने कब तुझसे वो ही जाने, वही मौत से सबको मिला रहे। अटल सत्य है ये कहते वो ही, इससे सभी तुम जो घबरा रहे। मोह उससे अब छुड़ा के सबको, वही पास में अपने बुला रहे। देकर जिंदगी फिर से सभी को, धरती पर उसको है भेज दिया। जीवन देखो फिर उसको प्यारा, जी भर कर ही तुमको प्यार दिया। देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया है। दर्द दिये हों कितने भी तुमने, तुमसे ही तो प्यार जताया है। .................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #देख_जिन्दगी_तू_प्यारी_सबको #nojotohindi #nojotohindipoetry देख जिन्दगी तू प्यारी सबको देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया