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अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
मन्थरा , हैं हम ऋणी तुम्हारे। तुम न होतीं तो दण्डक वन शापित ही रह जाता। रामचंद्र की शरणस्थली का गौरव क्यों पाता।। ऋषि मुनियों से दूर प्रभु की दूरी कैसे होती। प्रभु दर्शन की चिर अभिलाषा पूरी कैसे होती।। तेरी कृपा से ही केवट ने , रघुवर चरण पखारे। मन्थरा , हैं हम ऋणी तुम्हारे।। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन' #ramayan #Love मन्थरा , हैं हम ऋणी तुम्हारे।
कवि मनोज कुमार मंजू
दीवारें भी अब तो घर की संस्कृतियों पर हसती हैं। घूम रही गलियों में मंथरा कैकेयी घर घर बसती है।। ©कवि मनोज कुमार मंजू #दीवारें #घर #संस्कृति #गलियां #मंथरा #कैकेयी #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू
OMG INDIA WORLD
#RIPRohitSardana रामायण में दो व्यक्ति थे, एक विभीषण और एक कैकेयी, विभीषण रावण के राज में रहता था, फिर भी नहीं बिगड़ा, कैकेयी राम के राज में रहती थी, फिर भी नहीं सुधरी, तात्पर्य सुधरना और बिगड़ना केवल मनुष्य की सोच और स्वभाव पर निर्भर करता है। ©OMG INDIA WORLD रामायण में दो व्यक्ति थे, एक विभीषण और एक कैकेयी, विभीषण रावण के राज में रहता था, फिर भी नहीं बिगड़ा, कैकेयी राम के राज में रहती थी, फिर भी
रामायण में दो व्यक्ति थे, एक विभीषण और एक कैकेयी, विभीषण रावण के राज में रहता था, फिर भी नहीं बिगड़ा, कैकेयी राम के राज में रहती थी, फिर भी #RIPRohitSardana
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कैकेयी के द्वारा राम को वचन मुक्त करने के पश्चात भी वे वन में क्यों गए जरूर पढ़िए !! 📜📜 {Bolo Ji Radhey Radhey} {जय श्री सीताराम जी} कैकेयी द्वारा वचन मुक्त :- 🌄 भगवान श्रीराम को माता कैकेयी ने मंथरा की चालों में फंसकर उनके राज्याभिषेक से एक दिन पहले उन्हें 14 वर्षों का वनवाद दिलवा दिया था। इसी कारण भगवान श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण व पत्नी सीता सहित वन में चले गए थे। अपने पुत्र के वन जाने के दुःख में राजा दशरथ ने अपने प्राण त्याग दिए थे। इसके बाद जब भरत कैकेय से अयोध्या वापस आये तब उन्हें सब षड़यंत्र का ज्ञात हुआ। जय श्री राधे कृष्ण जी..... भरत गये चित्रकूट :- 🌄 भगवान राम के चित्रकूट में होने का समाचार सुनकर भरत अपनी तीनों माताओं, अन्य राज परिवार के सदस्यों समेत वहां पहुँच गए व प्रभु श्रीराम से अपनी माता के किये कर्मों के लिए क्षमा मांगी। उन्होंने अयोध्या का राज सिंहासन पुनः भगवान श्रीराम को सौंप दिया व अयोध्या वापस चलने को कहा। इस पर श्रीराम ने स्वयं के पिता के वचन से बंधे होने के कारण वापस अयोध्या लौटने को मना कर दिया। कैकेयी ने वापस लिए दोनों वचन :- 🌄 उस सभा में कैकेयी भी उपस्थित थी व प्रभु श्रीराम के वचनों से बंधे होने की बात सुनकर उन्होंने उसी समय राजा दशरथ से मांगे अपने दोनों वचन वापस ले लिए। उन्होंने राम से अपने किये के लिए क्षमा मांगी व कहा कि वे राजा दशरथ से मांगें अपने दोनों वचनों को अभी वापस लेती हैं ताकि राम पुनः अयोध्या लौट सके। केवल राजा दशरथ को था अधिकार :- 🌄 जब माता कैकेयी ने अपने दोनों वचन वापस ले लिए तब श्रीराम ने उन्हें कहा कि वचन वापस लेने का अधिकार केवल उसी का होता है जिसने वचन दिया हो। चूँकि महाराज दशरथ ने रानी कैकेयी को दो वचन दिए थे जिसमे कैकेयी ने राम को 14 वर्षों का वनवास व भरत का राज्याभिषेक माँगा था। चूँकि रानी कैकेयी ने अपने वचन दशरथ की मृत्यु के बाद वापस लिए थे इसलिये उन्हें माना नही जा सकता था। राजा दशरथ की मृत्यु के पश्चात उनके वचन को पूरा करना श्रीराम का कर्तव्य था। यदि वे जीवित होते और उस समय रानी कैकेयी अपने वचन वापस लेती तब श्रीराम वन में जाने के लिए बाध्य नही होते। इसलिये प्रभु श्रीराम ने माता कैकेयी के द्वारा अपने दोनों वचनों को वापस लिए जाने के पश्चात भी वन में जाने का निर्णय लिया था। ©N S Yadav GoldMine #Pattiyan कैकेयी के द्वारा राम को वचन मुक्त करने के पश्चात भी वे वन में क्यों गए जरूर पढ़िए !! 📜📜 {Bolo Ji Radhey Radhey} {जय श्री सीताराम ज
#Pattiyan कैकेयी के द्वारा राम को वचन मुक्त करने के पश्चात भी वे वन में क्यों गए जरूर पढ़िए !! 📜📜 {Bolo Ji Radhey Radhey} {जय श्री सीताराम ज #पौराणिककथा
read moreAman Kumar
संगत से इंसान का स्वभाव पर कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि विभीषण रावण के साथ रहकर भी नहीं बिगड़ा और कैकेयी राम के साथ रहकर भी नहीं सुधरी ©Aman Kumar संगत से इंसान का स्वभाव पर कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि विभीषण रावण के साथ रहकर भी नहीं बिगड़ा और कैकेयी राम के साथ रहकर भी नहीं सुधरी #Shaya
संगत से इंसान का स्वभाव पर कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि विभीषण रावण के साथ रहकर भी नहीं बिगड़ा और कैकेयी राम के साथ रहकर भी नहीं सुधरी Shaya #शायरी #hindishayari😍❤️
read moreAkshit Ojha
" रामायण का सार " लछमन सा भाई ,विभीषण सा आग कैकेयी सा मोह और राम ,दशरथ ,सीता भरत सा त्याग सुगीव सी यारी ,राम सीता सा प्यार रावण सी निडरता और कौशल्या सा दुलार निषाद सा प्रेम , हनुमान सी सक्ति सबरी सी उदारता, अंगद सी शक्ति परशुराम सा क्रोध , श्रीराम सी धीरता विभीषण सा घरभेदी , लवकुश सी वीरता गुरुजनों की दीक्षा ,सीता की परीक्षा उर्मिला सा विरह, जनक सा लाचार शूपणखा सी चपला, मंदोदरी सा प्यार ऋषि मुनियों का आश्रम वानरों का परिश्रम श्री राम सा राजा अयोध्यावासियों सी प्रजा सुसैन वैद्य सा ज्ञान बाली सा योध्या महान समाज में कुरीतियों और बुराइयों का नाश और कड़-कड़ में श्रीराम का वास जिससे सीखे समस्त परिवार कुछ ऐसा है रामायण का सार कुछ ऐसा ही रामायण है लछमन सा भाई ,विभीषण सा आग कैकेयी सा मोह और राम ,दशरथ ,सीता भरत सा त्याग सुगीव सी यारी ,राम सीता सा प्यार रावण सी तैय
कुछ ऐसा ही रामायण है लछमन सा भाई ,विभीषण सा आग कैकेयी सा मोह और राम ,दशरथ ,सीता भरत सा त्याग सुगीव सी यारी ,राम सीता सा प्यार रावण सी तैय #रामराज्य #रामचरितमानस #कविता_और_चिंतन #रामायण_कि_महत्ता #रामायण_से_प्रेरित
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भगवान राम को विष्णु के सबसे महत्वपूर्ण अवतारों में से एक माना जाता है:- जानिए और रोचक कथा !! 🌱🌱{Bolo Ji Radhey Radhey} मर्यादा पुरुषोत्तम राम:- 🌌 भगवान राम या श्री रामचंद्र भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं। वह हिंदू महाकाव्य रामायण के मुख्य पात्र हैं, जिन्होंने लंकापति रावण का वध किया था और उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम से जाना जाता है। राम हिंदू धर्म के कई देवताओं में से एक हैं और विशेष रूप से वैष्णव धर्म के लोग राम की को ही परमेश्वर मानते हैं। उनके जीवन पर आधारित धार्मिक ग्रंथ और शास्त्र दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया की कई संस्कृतियों में एक प्रारंभिक घटक रहे हैं। कृष्ण के साथ, राम को विष्णु के सबसे महत्वपूर्ण अवतारों में से एक माना जाता है। श्रीराम का जन्म कथा:- 🌌 राजा दशरथ की 3 पत्नियाँ थीं, कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा। अपनी तीनों पत्नियों से संतान पाने में असफल रहने के बाद, उन्होंने पुत्रकामेष्टि यज्ञ (पुत्रों को जन्म देने के लिए किया जाने वाला अनुष्ठान) किया। इससे, अनुष्ठान के अंत में खीर का एक बर्तन प्राप्त किया गया था। कहा जाता है कि कौशल्या ने इसे एक बार लिया और राम को जन्म दिया, कैकेयी ने एक बार भरत को जन्म दिया और सुमित्रा ने इसे दो बार लिया और इसलिए उन्होंने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया। इसी से अयोध्या के राजकुमारों का जन्म हुआ। भगवान राम की एक बड़ी बहन, शांता, दशरथ और कौशल्या की बेटी थी। जय श्री राम जी:- मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पत्नी और पुत्र:- 🌌 हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष के महीने में शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन भगवान राम का विवाह सीता से हुआ था। भगवान राम और उनकी पत्नी सीता के दो जुड़वां बेटे लव और कुश थे। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम की मृत्यु के बाद, यह उनके बड़े बेटे कुश थे, जिसे नया राजा बनाया गया था। श्राम के नाम का मतलब:- 🌌 कहा जाता है कि भगवान राम का नाम रघु वंश के गुरु वशिष्ठ महर्षि द्वारा दिया गया था। उनके नाम का एक महत्वपूर्ण अर्थ था, क्योंकि यह दो बीज अक्षरों से बना था - अग्नि बीज (रा) और अमृत बीज (मा)। जबकि अग्नि बीज ने उनकी आत्मा और शरीर को महत्वपूर्ण बनाने के लिए सेवा की और अमृत बीज ने उनको सारी थकान से उबार दिया। 🌌 पुराणों में लिखा है कि दुष्ट रावण को हराने के बाद, राम ने अपने राज्य अयोध्या पर 11,000 वर्षों तक पूर्ण शांति और समृद्धि का शासन किया। 🌌 कहा जाता है कि एक बच्चे के रूप में, भगवान राम ने एक बार अपने खिलौने को चंचलता से फेंक दिया और इसने मन्थरा की पीठ पर चोट की। मंथरा ने कैकेयी के माध्यम से अपना बदला लिया और भगवान राम को 14 साल के वनवास पर भेज दिया। मृत्यु के समय हनुमान को भेज दिया था नागलोक:- 🌌 कहा जाता है कि श्रीराम ने मृत्यु के वक्त हनुमान को अलग करने के लिए अपनी अंगूठी को फर्श में आई दरार में डाल दिया था और हनुमान जी से उसे लाने के लिए कहा था। जब हनुमान नीचे गए तो वह नागों की भूमि में पहुंच गए और राजा वासुकी से राम की अंगूठी मांगी। राजा ने उन्हें एक अंगूठियों के विशाल पहाड़ को दिखाते हुए कहा कि वह अंगूठी ढूंढ लें। जब बजरंगबली ने पहली अंगूठी उठाई वह भी श्री राम की थी और बाकी सभी श्रीराम की ही थी। तब राजा वासुकी ने उन्हें समझाया कि जो भी पृथ्वीलोक पर आता है उसे एक दिन सबकुछ छोड़कर जाना ही पड़ता है। भगवान विष्णु के 1000 नामों में से 394वां नाम है:- राम. 🌌 भगवान राम का जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था, जिसकी स्थापना भगवान सूर्य के पुत्र राजा इक्ष्वाकु ने की थी। इसीलिए भगवान राम को सूर्यवंशी भी कहा जाता है। विष्णु सहस्रनाम नामक पुस्तक में भगवान विष्णु के एक हजार नामों को सूचीबद्ध किया गया है। इस सूची के अनुसार, राम भगवान विष्णु का 394 वां नाम है। 14 साल तक नहीं सोए थे लक्ष्मण:- 🌌 कहा जाता है कि राम और सीता की रक्षा के लिए, लक्ष्मण को 14 साल तक नींद नहीं आई! यही कारण है कि, वह गुदाकेश के रूप में जाने जाते हैं, जो कि नींद को हराने वाला व्यक्ति था। इसके बजाय, लक्ष्मण की पत्नी, उर्मिला जो अयोध्या में थी, 14 साल तक सोती रही, क्योंकि उन्होंने अपनी और लक्ष्मण के हिस्से की नींद को पूरा किया था। उर्मिला रामायण की कहानी में एक कम ज्ञात चरित्र थी। लंकापति रावण को मिला था श्राप:- 🌌 पौराणिक मान्यतानुसार, भगवान शिव के द्वारपाल नंदी ने रावण को एक बार भगवान शिव से मिलने से रोक दिया। रावण ने नंदी के प्रकट होने का मजाक उड़ाया और इससे नंदी नाराज हो गए। फिर उन्होंने रावण के राज्य को शाप दिया, लंका को बंदरों द्वारा नष्ट कर दिया जाएगा। यह शाप तब सच हुआ जब हनुमान ने लंका को जलाया। युद्ध जीतने के लिए रावण ने किया था यज्ञ:-🌌 कहा जाता है कि लंकापति रावण ने युद्ध जीतने के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया। तब राम जी ने बाली के पुत्र अंगद की मदद मांगी और लंका में अराजकता पैदा करने की मांग की। लेकिन रावण तब भी टस से मस नहीं हुआ और यज्ञ करता रहा। फिर अंगद ने रावण की पत्नी मंदोदरी के बाल खींचने शुरु किए ताकि रावण यज्ञ से उठ जाए और यज्ञ अधूरा रह जाए। शुरुआत में रावण स्थिर रहा लेकिन जब मंदोदरी ने उससे मदद की गुहार लगाई तो उसे यज्ञ छोड़ दिया। एन एस यादव।। ©N S Yadav GoldMine #Holi भगवान राम को विष्णु के सबसे महत्वपूर्ण अवतारों में से एक माना जाता है:- जानिए और रोचक कथा !! 🌱🌱{Bolo Ji Radhey Radhey} मर्यादा पुरुषोत
#Holi भगवान राम को विष्णु के सबसे महत्वपूर्ण अवतारों में से एक माना जाता है:- जानिए और रोचक कथा !! 🌱🌱{Bolo Ji Radhey Radhey} मर्यादा पुरुषोत #पौराणिककथा
read moreShubhendra Jaiswal
क्यों राम राम चिल्लाते हो धरती पर राम बुलाते हो, जो जगत नियंता सर्वव्याप्त उसका ही मान घटाते हो ! स्थापित जो आदर्श किये जीवन में उसे निभाते हो..? स्वप्न सरीखे रामराज्य का अवलम्बन मात्र भुनाते हो ! पुरुषोत्तम वो मर्यादा के आचरण कभी दिखलाते हो ? घट घट वासी अविनाशी को क्या कभी हृदय पाते हो..!! अनुकरण भरत का किया कभी कैकेयी चरित्र दिखलाते हो ! वरण लक्ष्मण के कर्मों का जीवन में कभी अपनाते हो ? बन दास कभी अरदास किया अथ कथा मात्र सुनाते हो ! तुलसी के चन्दन के घिस माथे पर तिलक लगाते हो !! भक्ति हो हनुमत जैसी हो, अनुराग अटल विश्वास रहे,.! वो हैं प्रतीक मर्यादा के मर्यादित हृदय में वास चहें !! @shubhendra #शुभाक्षरी क्यों राम राम चिल्लाते हो धरती पर राम बुलाते हो, जो जगत नियंता सर्वव्याप्त उसका ही मान घटाते हो ! स्थापित जो आदर्श किये
#शुभाक्षरी क्यों राम राम चिल्लाते हो धरती पर राम बुलाते हो, जो जगत नियंता सर्वव्याप्त उसका ही मान घटाते हो ! स्थापित जो आदर्श किये #कविता
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