Find the Latest Status about रिवाज की from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, रिवाज की.
🏌
रस्मों रिवाज की जो परवाह करते हैं, प्यार में वो लोग गुनाह करते हैं इश्क वो जुनून है जिसमें दीवाने अपनी खुशी से खुद को तबाह करते हैं। रस्मो रिवाज की जो परवाह करते है,,,
रस्मो रिवाज की जो परवाह करते है,,,
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी प्रेम प्रीत की परिभाषा, प्रीतम के लिये व्रत उपवास रखकर,उम्र की दुआ मांगी जाती है चाँद को प्रतीक मानकर,छाया पति की मांगी जाती है बराबरी की नही चाहत कोई मनोकामनाओं से रीत प्यार की निभाई जाती है वासना का सिर्फ साथ नही हर नारी मरते समय तक सुहाग का साथ निभाना चाहती है परिवार की खुशी के लिये हर त्याग को सहन करना जानती है रस्मे रिवाज निभाकर तीज चौथ की अमर प्रीतम को करना चाहती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #KarwachauthFast रस्मे रीत रिवाज की रखकर,अमर प्रीतम को करना चाहती है #KarwachauthFast
#KarwachauthFast रस्मे रीत रिवाज की रखकर,अमर प्रीतम को करना चाहती है #KarwachauthFast #कविता
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
मै हूँ तो दुल्हन तेरे नाम की तेरे नाम की और रिवाज की मैं तेरे मन की तो नहीं बनी फिर भी आस है तेरे प्यार की तू न चाहे मुझे काबूल करे मैं हूँ तो दुल्हन तेरे नाम की ,, मेरी शोख नजर तुझे ढूंढती तुझे दूंढती हैं तुझे ढूंढती मेरा रूप रंग भी निखर गया मै इधर से आईना देखती तुम आके गले से लगा लो अब मैं ख्व़ाब यही रात भर देखती ,, मैं हूँ तो दुल्हन तेरे नाम की तेरे नाम की और रिवाज की... अब तेरे नाम से मैं जिंदगी तू जिस तरह कहे मैं गुजार लूँ कोई हक तो मेरा बना नहीं फिर भी माँग मैं यह संवार लूँ यही नसीब का मेरे लेख है क्यों न हसकर मैं ये स्वीकार लूँ मैं हूँ तो दुल्हन तेरे नाम की तेरे नाम की और रिवाज की.... जिस रात की थी हमने आरजू वह अब जुस्तजू बन के रह गई अब सफर तो है बस इक उमर का साँसे बन चिराग देख चल पड़ी ,, मैं हूँ तो दुल्हन तेरे नाम की तेरे नाम की और रिवाज की ,, महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मै हूँ तो दुल्हन तेरे नाम की तेरे नाम की और रिवाज की मैं तेरे मन की तो नहीं बनी फिर भी आस है तेरे प्यार की तू न चाहे मुझे काबूल करे मैं
दक्ष आर्यन
रीति रिवाज की गहरी खाई जिसमे दुनिया पूरी समाई खोखले है दोगले है जिनकी अहमियत समझ न आई रीति रिवाज़ की गहरी खाई समाज इस अंगार को हवा दे रहा है अपना ही इस खेल में दगा दे रहा है जन्म मरण सब मे नई चुनौती है दरसअल हक़ीक़त क्या होती है? कौन जानता है? क्या खुदा ने खुद बनाये यह उसूल है या हमारे पूर्वजों की कोई भूल है जिसपर बीतती है उसके लिए यह शूल है पर समाज के पैरों की यह धूल है कितने अंधेरो में उजालो ने रातें गवाई रीति रिवाज की गहरी खाई जिसमे दुनिया पूरी समाई ©दक्ष आर्यन रीति रिवाज की गहरी खाई जिसमे दुनिया पूरी समाई खोखले है दोगले है जिनकी अहमियत समझ न आई रीति रिवाज़ की गहरी खाई समाज इस अंगार को हवा दे रहा ह
रीति रिवाज की गहरी खाई जिसमे दुनिया पूरी समाई खोखले है दोगले है जिनकी अहमियत समझ न आई रीति रिवाज़ की गहरी खाई समाज इस अंगार को हवा दे रहा ह #meltingdown
read morepiyu pandey
----------(नारी जीवन)-------- कितनी गिरहें खोली है मैंने कितनी अब भी बाकी है पांव पे पायल, बाँह में कंगन गले में हँसली,
----------(नारी जीवन)-------- कितनी गिरहें खोली है मैंने कितनी अब भी बाकी है पांव पे पायल, बाँह में कंगन गले में हँसली,
read moreyogesh atmaram ambawale
आख़िर कब तक पुराने रस्मोरिवाज निभाते रहता | नया दौर है,क्यों न मैं भी नए दौर के साथ चलता || फ़िर क्या तोड़ दी सारी जंज़ीरें पुरानी रस्मोरिवाज की | एक कोशिश की थीं,मैंने भी अपनेआप को बदलने की || The Writer Junction आप कवियों कवयित्रियों का इस प्रतियोगिता में स्वागत करता है। 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। #yqdidi #yqbaba #yqyourquo
The Writer Junction आप कवियों कवयित्रियों का इस प्रतियोगिता में स्वागत करता है। 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। #yqdidi #yqbaba yqyourquo #YourQuoteAndMine #yqyourquoteandmine #thewriterjunction #एककोशिशकीथीtwj
read moreArsh
इस रचना को आप कैप्शन में पढ़ सकते हैं। 111R डैडी क्यों मेरी लाड़ो, पापा से छादी क्यों नहीं कलनी? मुदे नई पता, आप बहोत दंदे हो पापा, पिथली बाल तहा था तौफी लेने दा लहा हूँ, इत्ते दि
Deepika, Pandey
पहले अपनी विचार बदलो ©Deepika Pandey दुनिया की रीत रिवाज
दुनिया की रीत रिवाज #Quotes
read more