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Yakshita Jain
बढ़ रही है दहेज़ की प्रथा रूढ़िवादी सोच की है ये कथा जलाया जा रहा है लड़कियों को ऐसे लोगो को ज़रा पकड़िये तो कंगाल हो गए लड़की के माँ -बाप फिर भी खत्म नहीं हुई दहेज़ की आग रुपये ,गहने ,गाड़ियां देकर क्या पाये लड़की के माँ-बाप उन्होंने भेज दी लड़की की लाश जीवन से हो गए हताश बढ़ता जा रहा है दहेज़ का लोभ एक से नहीं मिला ,तो दूसरे से ले रहे भोग डालो ऐसे लोगो को जेल मे जो रहे दहेज़ के महल मे तभी कहलायेगा भारत सोने की चिड़ियाँ जिसमे बसती थी खुशिया ही खुशिया my 8 class poem on dowry
my 8 class poem on dowry #कविता
read moreKirti Pandey
वो शाम का यूं ढल जाना , नई दुल्हन के शर्माने सा लगता है, कभी इठलाती है, कभी लहरों संग बलखाती है, प्रकृति कितनी खूबसूरत अल्हड़ सी मुस्काती है, उस चत्रकार के जादू का कोई हिसाब कहां, सागर अंबर मिल रहे , ऐसे मधुर मिलन का जवाब कहां। प्रेम ऐसे ही अवसर पर एक दूजे की आंखों में बस जाता है।। नए नए नगमे बनते हैं, हर दिल कवि बन जाता है, कुछ यूं ही बैठे बैठे शाम भी ढल जाती है, नए सुबह की आस लिए, रात हमें सुलाती है, प्रकृति , एक पहेली है, प्रेमचक्षु से स्पर्श करो तो , यही पक्की सहेली है।। जीने की आस जगती है, खुद को खोके,नई खुशी दे जाती है प्रकृति की कीर्ति ज़र्रे ज़र्रे में अपनी छवि दिखाती है, हां ये सुंदर श्रृष्टि हमें हर पल अपना दीवाना बनाती है।। ©Kirti Pandey #kinaara #ShamBhiKoi #Sundar #prakriti #Nature #Original #poem #Hindi #Trending #New
Poonam Suyal
मैं हूँ प्रकृति मैं हूँ प्रकृति, कितनी हरी-भरी थी मैं, अब हूँ बंजर, तन्हा और उदास मानव हो गया है गैरजिम्मेदार, नहीं है उसे अपनी ग़लतियों का आभास पेड़ों को काटकर कर दिया है उसने सब प्रदुषित, शुद्ध वायु के लिए अब किस पर रहेगा वो आश्रित अपने स्वार्थ की बस पड़ी है मनुष्य को, सब कुछ ध्वस्त करके भी वो हो रहा पुलकित सो गई आज इंसान की आत्मा है, उसके ज़ुल्म से हो रही पृथ्वी परेशान है मैं अपनी व्यथा आख़िर किससे कहूँ, लोगों की फ़ितरत में हो गया लालच विद्यमान है जहाँ पहले थी हरियाली और सुंदरता हर ओर, वहाँ आज उदास मंजर का है शोर जानवर भी नहीं रहे इस विनाश से अछूते, कोई तो करो इस समस्या पर कुछ तो गौर क्या होगा इस दुनिया का भविष्य, ये सोच कर मेरा दिल जाता है भर नहीं होगी अगर प्रचुर शुद्ध वायु, कैसे होगी मानव की ज़िंदगी बसर ©Poonam Suyal #WorldEnvironmentDay #prakriti #hindi_poetry #nojotoapp #writer #poem #kavita #hindikavita