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Manoj Moond 8824

14-02-2020 #विचार

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Manoj Moond 14-02-2020

Manku Allahabadi

Two of us (02-02-2020)

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 Two of us (02-02-2020)

Bhavya Narayan

आज का नक्षत्र 20/02/2020

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Syed Kashif Nawaz

مراسم۔۔ سیّد کاشف نواز۔۔ 02:30 AM Wednesday: 19/02/2020 #شاعری

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الجھاوُ نا  مجھے ان زلفوں  میں
الجھ رہا ہوں  میں زمانے سے
بہلاوُ نا مجھے ان جذبوں میں
قریب نا  آوُ یوں بہانے سے
 بہکاوُ نا  مجھے تم  نظروں  میں
لوٹا ہوں پیاسا میخانے سے
 نا رکھو مرہم یوں  زخموں میں
اب کہاں مراسم پرانے سے

سیّد کاشف نواز مراسم۔۔
سیّد کاشف نواز۔۔
02:30 AM
Wednesday: 19/02/2020

Syed Kashif Nawaz

سوال۔۔ سیّد کاشف نواز۔۔ 02:20 AM Tuesday: 18/02/2020 #شاعری

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پھر سےہوش میں ہوں میں!
کیا پھرسے آزمائش ہوگی؟
پرچہِ  عشق پھر دینا پڑےگا!
کیا پھر سےیہ فرمائش ہوگی؟
توُ تو ربّ ہے معاف کردیگا!
 دل میں  انکے گنجائش ہوگی؟
پیتا ہوں یہاں زرا حساب سے!
حوضِ کوثر ۔پےپیمائش ہوگی؟
ہر ظلم سہہ لیا یہی سوچ کے!
اس جہاں میں تو آسائش ہوگی؟

سیّد کاشف نواز سوال۔۔
سیّد کاشف نواز۔۔
02:20 AM
Tuesday: 18/02/2020

Archana Tiwari Tanuja

इक रोज़ गलती से उनकी गलियों मे कदम जो रखा
अब तक उनकी यादों की गलियों मे भटक रहे है।।



©archana_tiwari_tanuja #Yadon_ki_galiya#nojotohindi
#nojotowriters #MyThoughts 

02/07/2020

PANKAJ KUMAR SINHA

Ahmedabad 14/02/2020 Sun Rise pic

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Happy Valentine's Day Ahmedabad 14/02/2020 Sun Rise pic

Kajalife....

#ButterflyAll_Insects❤ 10-10-2020 #October writer #NojotoWriter

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#Butterfly 
10-10-2020 

I love butterflies 
because they know 
what they want in life

©Kajalife.... #Butterfly#All_Insects❤
#10-10-2020
#October #Nojotowriter

Archana Tiwari Tanuja

asif

बेजुबान।।।।।।।।वालिद part/05/23/02/2020 आसिफ @अख्तर

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बेजुबान--- वालिद 
आसिफ @अख्तर 
मंदी हुई सी आँखे थी ओर मुड़ी हुई सी उंगलियाँ थी, ये अहसास-ए-बयाँ तब का हे,जब दूनियाँ मेरे लिये सोयी हुई थी ।
चुपके से---चुपके से  मेरे पास वो आता था ओर धीरे से मेरी बन्द मुट्ठी में उसकी उँगली जमाता था , कभी सिने से लगाता था, तो कभी नंगे बदन पर नया कपड़ा वो  पहनाता था , त्योहार व्योहार की समझ ना थी मुझे फिर भी हर त्योहार मेरे साथ मनाता था , कभी ईद पर छोटे- छोटे कुर्ते वो सिलवाता था तो कभी होली पर रंग बिरंगी पिचकारी वो दिलवाता था
वो बाप ही तो था जो मुझें सुबह की पहली किरण ओर ढलती शाम से मिलवाता था ।

घर में खाने के लाले थे फिर भी  FD में पेसा जोडता था , खुद के सपनों को अधूरा रखकर मेरे सपनों के बारें में सोचता था ,कभी झुलो में झुलाता तो कभी करतब दिखाता था, व्क़्त का----वक़्त का सिलसिला इस तरह बदल रहा था , की वो अपनी उम्र घटा कर मेरी उम्र बडा रहा था ।
मेरे चेहरे का नूर ओर अपनी  झुर्रिया साथ में बडा रहा था, मुझें नये नये कपडों से तो खुद को पुरानो से सजा रहा था, वो बाप ही तो था जो मुझें दरख्त के सबसे उँचे पतौ से मिलवा रहा था , फिर भी मे उसे परेशान करने में कोई कसर नही छोड रहा था ,चाहे रातों को जगाना हो या बिस्तर को गीला करना हो, फिर भी वो मेरी खुशी के लिये कभी घोड़ा तो कभी हाथी बन रहा था । 

अल्फजो से--- अल्फज़ो से तो गूँगा था में फिर भी वो मेरे इशारे समझ रहा था, में आज भी हेरान हूँ इस बात से की वो मेरे लिये अकेला सब कुछ केसे कर रहा था ,अरे----अरे वो बाप ही तो था जो मेरी दी हुई परेशानियों को अपने गुलशन का गुल समझ रहा था ।
व्क़्त का पहियाँ आगे बडा में भी अब उसे समझने लगा था उसके रंग में ढलने लगा था ओर रोज उसके ऑफ़िस से आने का इन्तजार करने लगा था क्योकि अब वो मुझें बाप नहीं जिंदगी का सबसे सुकून भरा पल लगने लगा था, उसकी घर मे दस्तक को मह्सूस करने लगा लगा था ओर उसके आने के इन्तजार में वाकर से इधर-उधर झाकने लगा था ।
व्क़्त कटा तो में अब जवानी की दहलीज पर कदम रखने लगा था, उसके प्यार ओर समर्पण को उसका फर्ज समझने लगा था , अब उसका मेरे लिये रातों को जगना ओर मेरे लिये कभी हाथी तो कभी घोड़ा बनना कहाँ याद आ रहा था, उसका मेरे लिये पूरी रात एक करवट में सोना भी में भूलने लगा था ,अपनी जवानी के आगे उसकी नसीहतों को बचपना समझने लगा था ।
 अब व्क़्त के साथ मेरी फितरत वो समझने लगा था अब बेटा बाप से क्या बाप बेटे से डरने लगा था ।

माना कि आज तुम मसरूफ हो ओर वो उम्रदराज हे--लेकिन  बाप से ही हर नये दिन की सुबाह ओर शाम हे, बाप हे तो बाजार के हर खिलौने अपने हे ओर बाप हे तो सभी सपनें अपने हे ।
माना कि वो आज हयात हे लेकिन कल वो नहीं होगा,फिर कल से उसके आने का इन्तजार नही होगा । मत भूलो उसकी नसीहतों को इतनी आसानी से पाना चाहतें हो अगर असल जन्नत को तो वो ही कल जन्नत का सरदार होगा-----वही जन्नत का सरदार होगा । बेजुबान।।।।।#।।।वालिद 
part/05/23/02/2020
आसिफ @अख्तर
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