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Jashvant
चमन में कौन बबूलों की डाल खींचता है यहाँ जो आता है फूलों के गाल खींचता है वो तीर बा'द में पहले सवाल खींचता है सवाल भी जो समा'अत की खाल खींचता है ऐ प्यार बाँटने वाले मैं ख़ूब जानता हूँ कि कितनी देर में मछवारा जाल खींचता है निकल भी सकता हूँ क़ैद-ए-तख़य्युलात से गर वो शख़्स खींच ले जिस का ख़याल खींचता है मैं उस के आगे नहीं खींचता नियाम से तेग़ वो शेर-शाह जो दुश्मन की ढाल खींचता है ये सर्द सुब्ह में सोया शरारती सूरज बस आँख खुलते ही परियों की शाल खींचता है मैं होश-मंद हूँ ख़ुद भी सो मेरी ग़ज़लों में न रक़्स करता है 'आशिक़ न बाल खींचता है ©Jashvant परियों की शाल खींचता है PФФJД ЦDΞSHI ज़हर Geet Sangeet Andy Mann Raj Guru
Sangeeta Kalbhor
जगलेल्या क्षणांनी जागवून ठेवणे बरे नव्हे नाव प्रीतीचे गाव प्रीतीचे उमजून रडवणे खरे नव्हे कशाला हवा मार्ग परतीचा श्वास अनावर होताना लागावा की ठसका उगा ओरखडा मनावर करताना मुजून जातात खुणा व्रणाच्या घाव परी ठरलेला का म्हणून सोडावा हात हातात एकदा धरलेला सोडावा की स्वाभिमान नात्याला ह्रदयी कोरताना पाझरतील नयन आपसूकच प्रीत उरी स्मरताना जगलेल्या क्षणांनी व्हावे समजूतदार नको हट्ट उगा वाईट काळातही जगलेला क्षणच वाटतो की हो सगा काळ येवो कितीही सरसावून क्षणच होतात ढाल मनोदशा बदलायला क्षणांचीच तर ओढावी लागते शाल जगलेल्या क्षणांचा व्हावा जागर नाद मनी घुमवावा पडत्या क्षणांत असता आपण जगलेला क्षण आठवावा..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #boatclub जगलेल्या क्षणांनी जागवून ठेवणे बरे नव्हे नाव प्रीतीचे गाव प्रीतीचे उमजून रडवणे खरे नव्हे कशाला हवा मार्ग परतीचा श्वास अनावर होतान
quotesofpainofficial
Rakesh Kumar
Prakash writer05
ए अम्मा! साँझ को टिरेन पकड़नी है! इस्टेसन दूर है, तो अभई निकल रहे हैं! बलउ के टेक्टर से चले जाएंगे! थोड़ी पहले निकल रहे हैं, जानते हैं न, की जब हम झोला टांगते है तुम्हरे सामने तो लगती हो रोने, फिर टिरेन में यात्रा और मुश्किल लगने लगती है! आलू के सब्ज़ी और 7 रोटी बना के बाँध लिए हैं, थोड़ा चना और गुड भी रखे हैं! बाहर नलके से पानी भर लेंगे! डाक्टर से दवाई ला दिए हैं, रसोई वाले ताखा पर है, उठा लेना नहीं तो सिता जायेगी! और समय समय से खाना भी है! गोली सफ़ेद वाली, खाली पेट सुबह! बाकी की संतरी रंग और चौकोर वाली सुभे साम! तुम्हारा कपड़ा धो के पसार दिए हैं! शाम को जागना तो उठा लेना! बाबूजी सुबह किराया भाड़ा दे दिए थे, तो उसका टेंसन न लेना! उनको कह दिए थे की निकल जाएंगे दुपहर में! बाकी खाता में पइसा पड़ा है, काम चल जाएगा इस महीने! मोटकी रजाई घाम दिखा के बड़के बक्सा में, और तुम्हारे सारे सुइटर बाबूजी के सुइटर भी उसमें ही रखे हैं! शाल दुशाला सब साफ़ है! निकाल के ओढ़ पहिन लेना! तुम्हारी जूती मोची से सिलवाय लाये थे! वहीँ आँगन में पन्नी में लपेट के रखे हैं! खाना बनाना हो तभी उतारना! नहीं तो पहनी रखना! गैस भरा दिये 3 महिना तक चली, 10 किलो शीशम की लकड़ी चीर ऊपर कमरे में रख दिए हैं! भगेलू को 5 10 रूपया दे के उतरवा लेना! तुम्हारे फोन में 239 रुपया का रिचार्ज करवा दिए हैं, जब मन करे फोन घुमा लेना! और रोना मत, खाना पीना समय से खाना! जल्दी नौकरी से लौटेंगे! तुम्हारे जागने तक हम टिरेन में बइठ गए रहेंगे! तो ख़त पढ़ के एक आँसू मत रोना! पैर छुए हैं, आसिरबाद भेज देना! ~ तुम्हारे बेटे//लल्ला/करेजा का टुकड़ा! ©Prakash writer05 #ए अम्मा! साँझ को टिरेन पकड़नी है! इस्टेसन दूर है, तो अभई निकल रहे हैं! बलउ के टेक्टर से चले जाएंगे! थोड़ी पहले निकल रहे हैं, जानते हैं न, की
Technocrat Sanam
किसी से मुलाक़ातों में ये ख्याल रख तू के लफ्जों को ज़बाँ पर सम्भाल रख तू ग़र कभी दिल से कोई पूछे खै़रियत तेरी 'सनम' बेझिझक दिल का हाल रख तू दिल में जवाब, नजरों में सवाल रख तू अपने रस्ते में हमेशा अपनी चाल रख तू डर इक मिज़ाज है बस और कुछ नहीं इसे वहम के डिब्बों में कहीं डाल रख तू सर्दी में अपने पास कोई इक शाल रख तू बड़ों की हिदायतों का इस्तेमाल रख तू अच्छा है, वक्त पर किसी के काम आना चेहरे पर बच्चों सी इक हँसी कमाल रख तू बच्चों का खिलखिलाना दर्द कम कर देता है अपनी जेबों में चंद सिक्के डाल रख तू किसी से मुलाक़ातों में ये ख्याल रख तू के लफ्जों को ज़बाँ पर सम्भाल रख तू ©technocrat_sanam प्रिय दोस्तों आप सभी को बुद्ध- पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनायें.. 🙏☺️😊🙏 इंसान और प्रकृति के संबंध को उजागर करते हुए बुद्ध ने हमें सच्चाई और स
Kulbhushan Arora
मेरे दो स्पष्टीकरण, अगर इसको बिना पढ़े लाइक किया मुझसे बुरा कोई ना होगा 😠😡😠😡😠 फिर न कहना हमें बताया नहीं😂😂😂😂 कुछ मांगने से पहले मेरे दो स्पष्टीकरण 🙏🏼🙏🏼 इससे पहले कि कुछ मांगू, दो सपष्टिकरण देना मैं अपना कर्त्तव्य समझता हूं। पहला स्पष्टीकरण कि मैं सब
Kulbhushan Arora
*सु*मन सुंदर मन *सु*माना अच्छी मां हो ना *सु*मने सुंदर मन रे..😍😍 *सु*मा प्यारी *मां* Dedicating a #testimonial to Sumana *सु*मन सुंदर मन *सु*माना अच्छी मां हो ना *सु*मने सुंदर मन रे..😍😍 *सु*मा
Kulbhushan Arora
मन तुम्हारा सरल है ना😊 मन तुम्हारा*सुमन* है ना🌺 शेष अनुशीर्षक में पढ़िए मन तुम्हारा सरल है ना😊 मन तुम्हारा *सुमन* है ना🌺 सरलता, सादगी की शाल ओढ़े, स्नेहिल भाव से तुम भर देती सबके मन, इतना स्नेह कहां से पाया तु