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Usha Dravid Bhatt
कभी शब्दों में तलाश न करना मेरा वजूद , मैं उतना लिख नहीं पाती , जितना महसूस करती हूँ भावों की समीक्षा
भावों की समीक्षा #शायरी
read more'Bharat' Sachin
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read moreParasram Arora
जानती हो. वो मूलयवान क्षण क्यों. व्यर्थ चला गया क्योंकि तुम शिकायते करने मे व्यस्त रहीऔर r मै उन शिकायतों की समीक्षा करने मे ©Parasram Arora समीक्षा
समीक्षा #कविता
read moreCK JOHNY
जिसने जिंदगी की समीक्षा की उसने खुद की कड़ी परीक्षा ली। जिसने खुद की कड़ी परीक्षा ली उसको ही सतगुरू की दीक्षा मिली। जिसको सतगुरू की दीक्षा मिली उसी की जिंदगी है प्यारे खिली खिली। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ समीक्षा
समीक्षा
read moreNitesh Jawa
#पुस्तक_समीक्षा #एक_चोट_लोहार_की (भीमा कोरेगाँव युद्ध के अमर शहीद महार योद्धाओं को समर्पित एक शौर्यगाथा) दलित साहित्यकार Sajjan Kranti सज्जन क्रांति का तहे दिल से शुक्रिया जिन्होंने अपनी लेखन शैली से इस वृतांत को इस पुस्तक के जरिये जीवंत कर दिया ! ये जान कर बड़ा ताज्जुब हुआ कि लेखनी में इतनी परिपक्वता दिखाने वाले सज्जन जी की ये दूसरी पुस्तक व नाट्य शैली में लिखी उनकी पहली पुस्तक हैं ! इस बात से उनकी लेखन शैली का आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अपनी पहली पुस्तक में ही इन्होंने अपने लेखन से इतने प्रभावपूर्ण तरीके से विषय वस्तु को पाठक के सामने रखा हैं तो आगे इनकी लेखन शैली और भी कितनी निखार होता जाएगा ! शब्दों व लेखनी का जादू इस वृतांत को जीवंत कर देता हैं ! लिखे हुए दृश्य पढ़ने के बाद आपके दिलो दिमाग में लेख पढ़ने के साथ साथ अगर घटना के चलचित्र भी गुमते रहे तो लेखक अपनी कोशिश में पूर्णतयः कामयाब माना जाता हैं ! इसके लिए मैं लेखक दलित साहित्यकार श्री सज्जन क्रांति को 100 में से 100 अंक दूँगा ! पुस्तक पढ़ने के बाद मुझे ऐसा लगा कि मैंने 3 घंटे की कोई मूवी देखी हो ! कहीं कहीं ऐसा लग रहा था कि मैं खुद रणभूमि में खड़ा सब कुछ देख रहा हूँ ! पुस्तक के शुरू में उपयोग की गई व तत्कालीन ईस्ट इंडिया कंपनी के सलाहकार मि. डेव्ही जोन्स की डायरी से प्राप्त एक महार सैनिक की दुर्लभ फ़ोटो ने अध्ययन के समय बने मेरे दिलो दिमाग मे चलचित्रों में अपनी भूमिका बखूबी निभाई हैं ! पुस्तक के शुरू में ही इस फोटो को लगाना लेखक की तकनीकी दक्षता को भी दर्शाता हैं ! इस आसान सरल भाषा में अपने इतिहास को जानना मेरे लिए अदभुत हैं ! एक बार फिर लेखक, दलित साहित्यकार श्री सज्जन क्रांति का मैं इस पुस्तक को लिखने के लिए तहे दिल से धन्यवाद व आभार प्रकट करता हूँ ! #नितेश_जावा पुस्तक समीक्षा - एक चोट लोहार की
पुस्तक समीक्षा - एक चोट लोहार की #पुस्तक_समीक्षा #एक_चोट_लोहार_की #नितेश_जावा
read morenuknow
मै भी बही तुम भी बही हो कठपुतली इस नाटक की , फर्क वस इतना है खेल दिखाता कौन कितना है।। #कठपुतली इस नाटक की#【feeling】
#कठपुतली इस नाटक की#【feeling】
read moreEk villain
देश के मुख्य न्यायधीश यू ललित की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की 5-10 से संविधान ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10% आरक्षण देने वाले कानून को सार्वजनिक की पड़ताल करने का निर्णय किया है उल्लेखनीय है कि 2019 में संसद में 103 व संशोधन द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए सैनिक संस्थानों और नौकरियों में 10% आरक्षण का प्रावधान किया था इस कानून के खिलाफ कई लोग और संस्थाओं ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करते हुए इस संविधान के मूल ढांचे और भावना के प्रतिकूल बताया था इन याचिकाओं की सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल द्वारा प्रस्ताव तीन प्रश्नों पर विचार किया निर्णय किया क्या 103 संविधान संशोधन संविधान के मूल ढांचे के विरुद्ध है क्या क्या गैर सरकारी सहायता प्राप्त और निजी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए आरक्षण का प्रावधान करने के कारण संविधान की मूल भावना का उल्लंघन करता है क्या यह आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग को दिए गए आरक्षण में अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग को शामिल न करने के कारण आज सार्वजनिक है ©Ek villain #आरक्षण की समग्र समीक्षा का समय #Walk