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Stories related to land pollution poem

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Anubhav Singh Bhadauria

#footsteps #poem # pollution

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नव निर्माण किया है मैंने,
सबको धाम किया है मैंने,
मुझसे ही है नभ जल थल,
मुझसे ही है अब और कल,
मैं हूँ इस धरती का वासी,
मैं ही गंगा मैं ही काशी,
मैं ही देव मैं ही शैतान,
मैं इस धरती का इंसान।।

सब कुछ है मेरे ही वश में,
मैं इस धरती की नस नस में,
मुझसे टकराना नामुमकिन,
मुझको समझाना नामुमकिन,
मैं नादियां नालो में बदलूँ,
मैं चिड़ियों का घर तक छीनू,
धन से है मेरा सम्मान,
मैं इस धरती का इंसान।।

हरे भरे जंगल को काटा,
नफा हुआ, आपस मे बाटा,
हवा को काला रोग बनाया,
अपना धन संचय चमकाया,
इसमे क्या कोई है पाप,
अपना ही धन, समझें आप,
किया करूँ मैं नियमित दान,
मैं इस धरती का इंसान।।

अनुभव सिंह भदौरिया

 #footsteps #poem # pollution

Anubhav Singh Bhadauria

#footsteps #poem # pollution

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नव निर्माण किया है मैंने,
सबको धाम किया है मैंने,
मुझसे ही है नभ जल थल,
मुझसे ही है अब और कल,
मैं हूँ इस धरती का वासी,
मैं ही गंगा मैं ही काशी,
मैं ही देव मैं ही शैतान,
मैं इस धरती का इंसान।।

सब कुछ है मेरे ही वश में,
मैं इस धरती की नस नस में,
मुझसे टकराना नामुमकिन,
मुझको समझाना नामुमकिन,
मैं नादियां नालो में बदलूँ,
मैं चिड़ियों का घर तक छीनू,
धन से है मेरा सम्मान,
मैं इस धरती का इंसान।।

हरे भरे जंगल को काटा,
नफा हुआ, आपस मे बाटा,
हवा को काला रोग बनाया,
अपना धन संचय चमकाया,
इसमे क्या कोई है पाप,
अपना ही धन, समझें आप,
किया करूँ मैं नियमित दान,
मैं इस धरती का इंसान।।

अनुभव सिंह भदौरिया

 #footsteps #poem # pollution

Anubhav Singh Bhadauria

#footsteps #poem # pollution

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नव निर्माण किया है मैंने,
सबको धाम किया है मैंने,
मुझसे ही है नभ जल थल,
मुझसे ही है अब और कल,
मैं हूँ इस धरती का वासी,
मैं ही गंगा मैं ही काशी,
मैं ही देव मैं ही शैतान,
मैं इस धरती का इंसान।।

सब कुछ है मेरे ही वश में,
मैं इस धरती की नस नस में,
मुझसे टकराना नामुमकिन,
मुझको समझाना नामुमकिन,
मैं नादियां नालो में बदलूँ,
मैं चिड़ियों का घर तक छीनू,
धन से है मेरा सम्मान,
मैं इस धरती का इंसान।।

हरे भरे जंगल को काटा,
नफा हुआ, आपस मे बाटा,
हवा को काला रोग बनाया,
अपना धन संचय चमकाया,
इसमे क्या कोई है पाप,
अपना ही धन, समझें आप,
किया करूँ मैं नियमित दान,
मैं इस धरती का इंसान।।

अनुभव सिंह भदौरिया #footsteps #poem # pollution

PRATEEK ROHATGI

Nature Pollution PollutionControlDay poem

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प्रदूषण 

क्यों प्रदूषण फैला रहे हो?
क्यों पृथ्वी को नुक्सान रहे हो?
क्यों अपने को नुक्सान पहुंचा रहे हो?
क्यों पेड़ों को नहीं लगा रहे हो?

प्रदूषण से है खतरा काफी
ओज़ोन लेयर भी हो रही खाली
आओ चलो सब प्रण लें
मिलके सारे पेड़ लगाएँ।

©PRATEEK ROHATGI #Nature #Pollution #PollutionControlDay #poem

saurabh yadav

बहुत हुआ रोको अब साँसों में जो भर रहा हैं धुआँ, 
रख लो अपनी बिसलेरी का पानी,
बस मुझे लौटा दो मेरा बचपन वाला कुआँ...!!
     -©Saurabh Yadav...✍️ #pollution #shayari #poem #sydiary #life #lesson

@amitprtechnical

pollution #Pollution #story #Life

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Šăhįł vK

soCha thha kCh saMaY k liyE hee sHi pOlluTioN se RaHaT tOH paaYi hai...

leKin nahi...

kcH loGo ne phiR whi bEwaKooFi dikHaYi hai... 
      
                             -saHiL vK #pollution #fire #quotes #love #poet #poetry #poem

Surendra Somvanshi ( Dhoni )

Ishfaq Anjum Samoon

poem My bleeding Mother land Kashmir.

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نظم ارض کشمیر
میرے وطن ارض کشمیر تیری ہر محفل کی زینت ہیں نوجواں
خوش نما چاند اور ستاروں جیسی ادا ہیں نوجواں
اپنی آغوش میں لے کر دے دے آب بہاروں سی خشمگی
ہوئے ہیں بہت خستہ دل کے زخمی ہیں نوجواں
میرے وطن تیری ہر گلی تھی اک شاداب سر سبز چمن
فردوس جیسا تھا منظر تیری فظا میں اور تھے نوجواں 
مگر کرتا ہے تیرا ہر ذرہ آب پیش آہوں کے دل دوز منظر
ہمیں آپنی آماں میں لے کر سکھ دے دے کہ دکھی ہیں نوجواں
میرے وطن تیرے ہر نوجواں سے کہوں ہے یہ خواہش میری
آو بگڑی ہوئی تقدیر کو بدلے مل کر ہم نوجواں
بند ہو جایئں یہ آہوں کے شرارے اے انجم 
کاش ہمیں ملیں خوشیوں کے ترانیں کہ گائیں نوجواں
میرے وطن تیرے مستقبل کی آمانت ہیں نوجواں
ان ہوائوں اور فضاوں کے قریب صرف نوجواں
ایسی ہو ہماری کشمکش اور تجھ سے دلی لگن 
وعدہ کرو اے نوجوانو ہم آپنی محنت سے کریں تحریک رقم۔
آپنی ایک نظم
اشفاق انجم سامون۔ poem My bleeding Mother land Kashmir.

Anil Swami

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