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Mr. Shayar
Meri Mati Mera Desh हमसे तुम बाते करो दिल की 😌 हम कान लगाए बैठे है ।। तुम बे पनाह मोहोबत करो हमसे🫂 ये आस लगाए बैठे है ।। दिल होश खो बैठा है, और रूह को जिस्म.....💍 तुम मुझको पा बैठे हो..और तुमको हम ।। आगाह कर रहा हु सबको, बोहोत प्यारा है ये सितम ।। तुझपे मिटने की खुदसे शर्त लगाए बैठे है..... तुम आओ शादी के जोड़े मैं ।। हम मंडप लगाए बैठे है ।। ©Mr. Shayar #MeriMatiMeraDesh हमसे तुम बाते करो दिल की 😌 हम कान लगाए बैठे है ।। तुम बे पनाह मोहोबत करो हमसे🫂 ये आस लगाए बैठे है ।। दिल होश खो बैठा
Bhupendra Rawat
उलझा हूँ, ज़िंदगी की हरेक गुत्थियाँ सुलझाने में जब से दस्तक दी है दर्द ने मेरे सिराने में बड़ी मशक्कत से पाला था मैंने एक भ्रम ठोकरों ने बताया,नही होता,अपना कोई इस ज़माने मे दोस्ती इतनी अच्छी भी नहीं कि भूल बैठो ख़ुद को दोस्त ही वार करता है पीछे से जख्म को सहलाने मे बेस्वार्थ प्यार की डोर से जुड़ी है, माँ वरना स्वार्थ की डोर ने जोड़े रखा है रिश्तों को ज़माने में माँ की गोद ने भूला दिया जहाँ के दर्द को कोई जादू हो, जैसे माँ के सिराने में ©Bhupendra Rawat #thepredator उलझा हूँ, ज़िंदगी की हरेक गुत्थियाँ सुलझाने में जब से दस्तक दी है दर्द ने मेरे सिराने में बड़ी मशक्कत से पाला था मैंने एक भ्रम
Himanshu Prajapati
सबसे पहले अपने आप को रोका, फिर मन, विचार और सपने को, जो था ही नहीं नसीबो में उसे कब तक जोड़े रहते अपनों से..! ©Himanshu Prajapati #seagull सबसे पहले अपने आप को रोका, फिर मन, विचार और सपने को, जो था ही नहीं नसीबो में उसे कब तक जोड़े रहते अपनों से..!
Yadav Ravi
एहसास कहां है मुझे अब किसी और का मै तो अब अपनी जद में सोया रहता हूं कितने अस्क बहाए मैंने यूं ही किसी की याद में उस हालत से लड़कर ज़िंदा आज भी बैठा हूं होश कहा अब मुझको किसी के आने और जाने का मैं तो खुद में ही खोया रहता हूं मजबूरियां सुनी थी किसी की कुछ सालों पहले उसी मजबूरियों से खुद का ताल्लुक जोड़े रहता हूं खुद का भरोसा खुद से इस तरह उठा दिया रवि कभी कोई मिले तो मजबूरियां मै भी सुना के पीछा ना छुड़ा लूं इसीलिए अब किसी के पास आने से भी डरता हूं ©Yadav Ravi एहसास कहां है मुझे अब किसी और का मै तो अब अपनी जद में सोया रहता हूं कितने अस्क बहाए मैंने यूं ही किसी की याद में उस हालत से लड़कर ज़िंदा
Aditya kumar prasad
tyyujnnnijjj ©Aditya kumar prasad कभी भी अपने स्वार्थ के लिए दुसरो को अपनी जिंदगी में ना जोड़े आप किसी को तभी अपनी जिंदगी में जोड़ें जब आप उस रिश्ते को आख़री सांस तक निभा सक
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} करवा चौथ एक हिंदू त्योहार है, जो कार्तिक महीने में मनाया जाता है, यह दिवाली से लगभग नौ दिन पहले पूर्णिमा के चौथे दिन मनाया जाता है। करवा चौथ का नाम भी इसी तथ्य से पड़ा है। करवा का अर्थ है, मिट्टी का बर्तन और चौथ का शाब्दिक अर्थ है, चौथा दिन करवा, जो समृद्धि और कल्याण का प्रतीक हैं, इस त्योहार के अनुष्ठानों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। करवा चौथ एक विवाहित जोड़े के बीच पवित्र बंधन और अनिवार्य रूप से विवाह संस्था का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह एक महिला का अपने पति के प्रति प्रेम के माध्यम से भगवान से जुड़ने का तरीका है। इस लोकप्रिय त्योहार पर, महिलाएं अपने पति के जीवन की लंबी उम्र और उनके और उनके पतियों के बीच एक चिरस्थायी बंधन के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। (Rao Sahab N S Yadav) आश्चर्यजनक रूप से, कुछ स्थानों पर यह माना जाता है, कि करवा चौथ को बच्चों और पोते-पोतियों के कल्याण के लिए प्रार्थना करने के लिए भी मनाया जा सकता है। कुछ अन्य स्थानों पर, अविवाहित लड़कियाँ भी अच्छे पति और विवाहित जीवन की प्रार्थना के लिए यह व्रत रखती हैं। करवा चौथ पर, विवाहित महिलाएं, मुख्य रूप से भारत के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों से, अपने पतियों के लिए व्रत रखती हैं। वे पूजा करती हैं, और भगवान से अपने पति की सलामती और खुशी मांगती हैं। करवा चौथ हर हिंदू महिला के लिए बहुत महत्व रखता है। वे इस दिन को पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाते हैं। वास्तव में, वे इस अवसर की तैयारी वास्तविक दिन से कई दिन पहले ही शुरू कर देते हैं। वे करवा खरीदते हैं, और उन्हें अलग-अलग तरीकों से खूबसूरती से सजाते हैं। वे अपने हाथों और पैरों पर मेंहदी या मेहंदी भी लगाते हैं, जो लगभग सभी हिंदू त्योहारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दिन महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले सरगी खाकर शुरुआत करती हैं। यह उनकी सास द्वारा तैयार की गई एक थाली है जिसमें उपहार, भोजन, सौंदर्य प्रसाधन आदि होते हैं। फिर, वे पूरे दिन कठोर निर्जला (बिना पानी के) उपवास रखती हैं, और शाम को अन्य महिलाओं के घर जाती हैं। करवा बदलने के लिए, वे जातीय कपड़े भी पहनते हैं, और सोलह (16) श्रृंगार करते हैं, जो इस त्योहार का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह व्रत वे शाम के समय तब खोलते हैं, जब चंद्रमा आकाश में दिखाई देता है। वे चंद्रमा को देखकर शुरुआत करती हैं, उसके बाद छन्नी या छलनी से अपने पति को देखती हैं, उनकी आरती करती हैं और उनके हाथों से खाना खाती हैं, आदि। करवा चौथ क्यों मनाया जाता है इसके बारे में कई कहानियाँ हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन महिलाएं जिस चंद्रमा की पूजा करती हैं, वह हिंदू भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करता है। उनकी पत्नी पार्वती ने भी उन्हें पाने के लिए काफी संघर्ष किया था। इससे विवाहित महिलाओं को वैवाहिक सुख के लिए कठिन व्रत करने की प्रेरणा मिलती है। दूसरी कहानी हिंदू महाकाव्य महाभारत से आती है, जिसमें सावित्री ने यम या मृत्यु के हिंदू देवता से अपने मृत पति की आत्मा मांगी थी। एक और कहानी अर्जुन और द्रौपदी से संबंधित है। ऐसा कहा जाता है कि जब अर्जुन ध्यान करने के लिए नीलगिरी गए थे, तो इससे उनकी पत्नी द्रौपदी चिंतित हो गईं। असहाय महसूस करते हुए, उसने भगवान कृष्ण से प्रार्थना की जिन्होंने सुझाव दिया कि उसे अर्जुन की भलाई के लिए उपवास रखना चाहिए। और उसकी भक्ति और प्रार्थना के परिणाम स्वरूप, अर्जुन शीघ्र ही लौट आये। एक अन्य मिथक में कहा गया है, कि वीरावती नामक महिला ने करवा चौथ का व्रत तोड़ा था। इससे उसके पति की मृत्यु हो गई। लेकिन फिर, उसने उसके शरीर को सुरक्षित रखा और अगले करवा चौथ पर व्रत रखा। परिणाम स्वरूप, उसका पति पुनः जीवित हो गया!! इसलिए यह माना जाता है कि एक पति-व्रता (भक्त पत्नी) महिला अपने पति के लिए मृत्यु का भी सामना कर सकती है, और लड़ सकती है। करवा चौथ का व्रत परंपरागत रूप से केवल महिलाएं ही रखती थीं, लेकिन अब समय बदल रहा है। आजकल कुछ पति भी अपनी पत्नियों के लिए इस दिन व्रत रखते हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ जोड़े इस अवसर पर प्यार के प्रतीक के रूप में उपहारों का आदान-प्रदान भी करते हैं। प्यार हमें पहाड़ों को हिलाने पर मजबूर कर सकता है और शादी स्वर्ग में बनी जोड़ी है। करवा चौथ इस भावना और रिश्ते को बहुत अच्छी तरह से व्यक्त करता है। N S Yadav..... ©N S Yadav GoldMine #happykarwachauth {Bolo Ji Radhey Radhey} करवा चौथ एक हिंदू त्योहार है, जो कार्तिक महीने में मनाया जाता है, यह दिवाली से लगभग नौ दिन पहले पू
SK Singhania
"जोड़ों" का दर्द क्या है ? ये तो सिर्फ जोड़ें 👩❤️👨 ही जानते हैं, कुँवारों को इसका ज़रा भी ज्ञान नहीं #Skg ©SK Singhania #retro "जोड़ों" का दर्द क्या है ? ये तो सिर्फ जोड़ें 👩❤️👨 ही जानते हैं, कुँवारों को इसका ज़रा भी ज्ञान नहीं #SKG
Anjali Singhal
Anjali Singhal
Saket Ranjan Shukla
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं कच्चे धागों की राखी बाँधकर हर कदम मेरा साथ चाहती हैं, वादा रक्षा का मुझसे माँगकर फिर मुझे रक्षासूत भी बाँधती हैं, बहनें मेरी, कूटस्वार्थ दिखाकर नेग के लिए झगड़ें भले मुझसे, मगर वो राखी बाँधते हुए, ईश्वर से मेरी सकुशलता ही माँगती हैं, स्नेह से बाँधी हुई वो राखी मेरे कलाइयों को बड़ा प्रबल बनाती है, बहनों के सपनों और उनकी आकांक्षाओं की कद्र करना सिखाती है, रक्षा कवच बन जाती है मेरा, वो दो सूत की राखी मुश्किल समयों में, कच्चे धागों से ही अटूट रिश्तों को जोड़े रखकर अपना महत्त्व दर्शाती है, बहनों का निश्छल प्रेम इन राखियों में कुछ इस तरह से झलक जाता है, कि हम भाईयों का ह्रदय भावनाओं में बह मोम की भांति पिघल जाता है, बहनें माँगती हैं सकुशलता भाई की, भाई वादा आमरण रक्षा का करता है, हर वर्ष रक्षाबंधन के त्योहार पर ये भाई बहन का रिश्ता और निखर जाता है। IG:— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla Happy Rakshabandhan रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं कच्चे धागों की राखी बाँधकर हर कदम मेरा साथ चाहती हैं, वादा रक्षा का मुझसे माँगकर फिर म