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एहसास
पंछी हूं एक मैं नादान तेरी हर दुनिया से अनजान नन्ही सी है मेरी जान प्यार से मिलो तो हो पहचान मुझे चाहिए दाना पानी तुम्हे सुननी मेरी वाणी बोली कि मैं हूं रानी गुनगुनाती रहूं डाली डाली हूं मैं भी दुनिया में सताई जाती घोंसले से निकाल पिंजरों में बन्द की जाती ना कैद करो मुझ को उड़ने दो छूने दो नभ को मुंडेर पर सबकी मैं गुनगुनाती घरौंदे में तेरे खुद घोसला बनाती मेरी बोली से चहचहाती तेरी सुबह शाम है भोली सी मैं नन्ही सी मेरी जान है पंछी बनूं उड़ती चलूं मस्त पवन में #पंछी #nojotohindi #poem #shayari # कविता
पंछी बनूं उड़ती चलूं मस्त पवन में #पंछी #nojotohindi #poem #Shayari # कविता
read moreSaurav Das
ए उड़ती पंछी मेरे आशियाँ में डालो डेरा ! ठहर जाओ पास मेरे और घर बना दो मेरा!! ©Saurav Das #पंछी #उड़ती #आशियाना #डालो #डेरा #ठहर #घर #बना
madhu Kurmi
कैसे इस दुनिया मे जहाँ छुपे है न जाने कितने भेडि़ये जो ताक लगा के रखते है मौका मिले और नोंच खाए मिल के जो खेलते है किसी के आबरू से ऐसे दुनिया मे भला कैसे बेखौफ़ फिरूँ मै अपने मान सम्मान और इज्जत पर परदा ढकते है औरो की घर की लाज को बेपरदा करने को तकते हो ऐसे मानसिकता रखने वाले दुनिया मे बेखौफ़ फिरूँ मै कैसे #बेखौफ़ फिरूँ मै कैसे
vimlesh Gautamhttps://youtube.com/@jindgikafasana6684?si=qDr1CB9JbHPrEa6o
क्यों ?दें पनाह दर्द को क्यों ?न खुशियाँ पाल लें टीस जरा सी हो दिल तो दोस्त से जा दिल की बातें करें कोई नहीं सुनने वाला तो समय क्यों बर्बाद करें उठा लें पुस्तक हाथ में कहानी किस्से मन से पढ़ें।। ©Vimlesh Gautam # पतियां उड़ती
# पतियां उड़ती #ज़िन्दगी
read moreVivek
. .हमको भी पसंद वही है जो है तुम्हें पसंद पंछी बन उड़ना आकाश में या उड़ती हुई पतंग...!!! ©Vivek # उड़ती हुई पतंग
# उड़ती हुई पतंग #कविता
read morevimlesh Gautamhttps://youtube.com/@jindgikafasana6684?si=qDr1CB9JbHPrEa6o
मैं उस प्रेमी प्रेमिका के अल्फाज़ लिखूँ , जिसमें प्रेम का एहसास कराती फिजायें,उस कवि की कविता जिसमें झलकता बचपन,प्रकृति का सौन्दर्य,और हँसते रोते एहसास हों और उस मोहब्बत के पथिक की मंजिल जो अपनी कश्ती मंझधार पायें। मैं वो अल्फाज़ लिखूँ,भूले राही को राह मिले।बिछुड़े प्रेमी को प्रेमिका।उस कवि की कल्पनाओं की कविता बनूँ।जिसके शब्द से बनें काव्य के हार में सुंदर अल्फाज़ के मनका हों।। ©Vimlesh Gautam #मैं वो अल्फाज़ बनूँ
Nishith Sinha
कोशिश.. “ दरिया के किनारे खड़ा - मैं सोचता रहा .. गिरूँ एक बूँद बनकर दरिया में - या खुद एक दरिया बनूँ ? “ खुद एक दरिया बनूँ ?
खुद एक दरिया बनूँ ?
read moreBadshah HP
बचपन की यादें तू उड़ती पतंग है, फिर भी मेरे संग है देख के तुझे मुझे दुनिया ये तंग है #NojotoQuote उड़ती पतंग hidden love
उड़ती पतंग hidden love
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