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VATSA
वो बात जो परसों लिखी थी, चाशनी में डुबोकर लिखी थी, उस बात पर मत जाना। दुख दर्द को हंसकर लिखी थी, तेरे वादों के दम पर लिखी थी, तुम पर नहीं हम पर लिखी थी, ना जाने क्या पी कर लिखी थी, वो बात जो... #बात #yqbaba #yqdidi #yqhindiurdu #yqhindi #vatsa वो बात जो परसों लिखी थी, चाशनी में डुबोकर लिखी थी, उस बात पर मत जाना। दुख दर्द को हंसकर
हिंदुस्तानी
White मैंने खुदा से पूछा वो क्यों छोड़ गया मुझे, उसकी क्या मजबूरी थी, खुदा ने कहा न कसूर तेरा था न गलती उसकी थी, मैंने ये कहानी लिखी ही अधूरी थी। ©Pyari si Aahat #कहानी लिखी ही अधूरी थी।
#कहानी लिखी ही अधूरी थी।
read moreBeena
प्रीत की रीत लिखी थी दिल के कोरे कागज पर नाम तेरे मीत लिखी थी सांसों के लय पर चाहत की तेरे गीत लिखी थी ना दौलत ना गहने कभी ना मांगी बंगले गाड़ी हर खुशी के बदले मांग में तेरी प्रीत लिखी थी सांसों के लय पर चाहत की तेरे गीत लिखी थी तू भूल गया है अभी शायद पर याद तो आएगा ये तुझे कई बार हार कर मैंने तेरी जीत लिखी थी सांसों के लय पर चाहत की तेरे गीत लिखी थी ताउम्र तुझे हम चाहेंगे ताउम्र हम तुझे पूजेंगे तेरे पत्थर दिल पर ऐसी प्रीत की रीत लिखी थी सांसों के लय पर चाहत की तेरे गीत लिखी थी बीना राय गाजीपुर, उत्तर प्रदेश ©Beena #प्रीत की रीत लिखी थी
#प्रीत की रीत लिखी थी
read moreRana Hijab
उसके साथ के लिए दुआएं बहुत की थीं, पर शायद मिली न ख़ुदा की रज़ा, खताओं का तो नहीं पता मगर जहां बेखता थी मुझे तो वहां भी ख़ूब मिली सज़ा... "जहां बेखता थी वहां भी ख़ूब मिली सज़ा"!!
"जहां बेखता थी वहां भी ख़ूब मिली सज़ा"!! #शायरी
read moreMp Raj
ना जाने, कब साल बीत गया, आज ये आखरी दिन छा गया, कभी उनके रूठने में तो, कभी उनको मनाने में, कभी उनसे नाराजगी के गम में तो कभी उसकी खुशी की उंमग में। ना जाने कब साल बीत गया, आज ये आखरी दिन छा गया, कभी यारो के सदगों मे तो, कभी खहिशों के दामनो में, ना जाने कब परिन्दे पिंजरे से, आजादी की और निकल चले, ना जाने, कब साल बीत गया, आज आखरी दान छा गया । ये कविता मैंने मेरे ferewell पर लिखी थी ।
ये कविता मैंने मेरे ferewell पर लिखी थी ।
read moreANKESH KUMAR
जब मोहब्ब्त में चिट्ठियां लिखी जाती थी °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° हाँ, हमने देखे है वो दौर भी जब मोहब्ब्त में चिट्ठियां लिखी जाती थी चिट्ठी के अंदर गुलाब के फूल भी भेजी जाती थी अपने प्रेम को प्रियतम कह सम्बोधन होता था मैं ठीक हूँ, तुम बताओ? ये पूछा जाता था तुम अपना ख्याल रखना ये बात प्रतिदिन दोहराई जाती थी इस बात का अफसोस हमेशा रहता था मज़बूरी है कल मैं मिल नहीं पाऊंगी हाँ, हमने देखे है वो दौर भी जब मोहब्ब्त में चिट्ठियां लिखी जाती थी ★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★ #NojotoHindi जब मोहब्ब्त में चिट्ठियां लिखी जाती थी °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
Hindi जब मोहब्ब्त में चिट्ठियां लिखी जाती थी °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° #nojotohindi
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