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Death_Lover
White अब जीवन में सिर्फ़ एक ही मसला है, कि अब किसी से किसी भी तरह का कोई मसला ही नहीं है॥ ◆तत्वमसि◆ ©Death_Lover #GoodMorning #ब्रह्मसूत्र #तत्वमसि #जागृति #आध्यात्मिक #बोध #शायरी #जागरण #Awareness
vidushi MISHRA
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. कितने रंग होली पर चढ़े और होली में ही उतर भी गये और एक आपकी यादों और वादो का रंग है जो आज तक उतरा ही नहीं और भी गहरा होता चला गया... ©vidushi MISHRA बाबा
Death_Lover
राम की इस नगरी में, माया है हरदम खेल रही कबीर चले हैं गंगा नहाने, यहाँ इंसानों में मैल नहीं ◆मेरे_राम◆ ©Death_Lover #swiftbird #यथार्थ #जागृति #जागरण #आध्यात्मिक #मेरे_राम #मृत्यु #जीवन #Awareness #Life
Yogi Sonu
कहते है एक बच्चा था जिसकी भविष्य वाणी की गई थी की वह 17 साल के होते ही मृत्यु को प्राप्त हो जायेगा ।। वह बच्चा धीरे धीरे बड़ा होने लगा वह घड़ी भी आई जब वह 17 की उम्र तक पहुंचा वह शिव के पत्थर को पकड़ कर बैठ गया और कहते है उसकी कभी मृत्यु ही नही हुई।। हालाकि की यह कहानी झूठी प्रतीत होती है पर है वास्तविक क्योंकि वह शिव तत्व के साथ एक हो गया ।। और जो शिव तत्व के साथ एक हो जाए वह ध्यान से वंचित रह कैसे सकता है।। फिर शरीर जाय या रहे क्या फर्क पड़ता है उसने वास्तविक अमृत को जान लिया और पा लिया ।। आज महाशिव रात्रि है जागरण का अच्छा दिन मध्य रात्रि ध्यान करने का सबसे अदभुत पल ।। शिव की पूजा अर्चना स्तुति करने का सबसे अच्छा दिन।। ©Yogi Sonu आज महाशिव रात्रि है जागरण का अच्छा दिन मध्य रात्रि ध्यान करने का सबसे अदभुत पल ।। #aadiyogi #shiv #yogisonu #yogisonugami #shivkadinshivratr
mauryajibhawalpur wale
Death_Lover
Men walking on dark street रहिमन, कबीरा जब-जब राम भजे, तब-तब राम जन्म होई जाए यो माटी का पुतला राम भरोसे सब त्याग करे, तबहुँ राम सो मीत न होई पाए ◆यथार्थ◆ ©Death_Lover #Emotional #प्रेम #राम #यथार्थ #आध्यात्मिक #जागृति #जागरण #सत्य #साधना #Awareness
Nik JAT
वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, मुस्कान इतनी प्यारी, जैसे-फूलों की सुंदर सी फुलवारी, स्वभाव इतना शीतल, जैसे-कड़ी धूप में इकलौता हरा -भरा पीपल, वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, नादान से बच्चे की तरह करते थे बातें, कभी -कभी बातें ऐसी, जैसे - नासमझी से ज़िंदगी की कहानी सुना रहे हों, रूठना तो उन्हें,क्या खूब आता था, कहीं उनकी तबियत खराब ना हो जाएं, ये सोच कर जब पापा, घर से बाहर जाने को मना करते थे, फिर देखो उनका ड्रामा - कैसे गुस्से से मुंह फूला कर नाक सुकड़ते थे। रूठना तो उन्हें, क्या खूब आता था, जब वो कहीं जाते तो घर सुना कर जाते, हर शक्श की नज़रे उन्हीं को तलाश करती, याद उन्हीं को करके, बस उन्हीं की बात करती। वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, जब पता चला,उनकी तबीयत खराब हैं, उदासी का मंजर,काले बादलों को तरह छा रहा था। बुरे विचारो का सैलाब, तेजी से आ रहा था, और घर हर शक्श झूठा सा मुस्कुरा रहा था। जब पता चला,उनकी तबीयत खराब हैं वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, मेरी कविता के हर किस्से, उन्हीं की जिंदगी के हैं हिस्से। ©Nik JAT #प्यारे बाबा
Shashi Bhushan Kumar
दुनियां को झूठे लोग ही पसंद आते हैं, थोड़ी से सच्चाई कह देने से आजकल अपने ही रूठ जाते हैं..! आदर्श , , ©Shashi Bhushan Kumar #आदर्श_की_कलम_से बाबा ब्राऊनबियर्ड